Varanasi: आईपीडीएस योजना के तहत बनारस में 16 स्क्वॉयर किलोमीटर इलाके में ओवरहेड बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करा रही कंपनी पावरग्रिड का दावा है कि यहां लटकते बिजली के तारों से बने जंजाल को खत्म कर दिया गया है। लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है। अभी उन एरिया में ही तारों का जंजाल दिखाई दे रहा है, जहां आईपीडीएस का काम हो चुका है। पुरानी काशी क्षेत्र के कई एरिया में सिर के ऊपर लटकते बिजली के तारों का जंजाल अब भी देखने को मिल जाएगा। सोनिया रोड, सिद्धगिरीबाग, लक्सा, गुरुबाग और श्रीनगर जैसे एरिया में बिजली के खंभों पर अभी भी तारों का जंजाल फैला हुआ है। जिसे हटाया नहीं गया है।
टेलिफोन व केबल के तार भी
पुरानी काशी क्षेत्र में हुए आईपीडीएस वर्क के बाद भले ही लोगों को बिजली के तारों से छुटकारा मिल रहा हो, लेकिन यहां अभी भी टेलीफोन व केबल के लटकते तार हेरिटेज जोन की खूबसुरती में पलीता लगा रहे है। जबकि आईपीडीएस वर्क के पहले टेलीफोन के तारों को अंडरग्राउंड करने का फैसला लिया गया था। वहीं कुछ प्राइवेट केबल ऑपरेटरों के तार भी वायरलेस एरिया को वायर से लैस कर रहे है।
क्या है योजना
बिजली विकास (आईपीडीएस) परियोजना के तहत पुरानी काशी के अन्तर्गत 16 स्क्वॉयर किलोमीटर इलाके के ओवरहेड तारों कोअंडरग्राउंड करना है। इसके लिए 431.96 करोड़ रूपए की धनराशि रिलिज की गई थी। पुरानी काशी के अलावा अन्य क्षेत्र के लिए 139.79 करोड़ दिया गया है। प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एक साल की डेडलाइन तय की गई थी। लेकिन ये काम 2 में भी पूरा नहीं हो सका है। अधिकारियों की माने तो परियोजना का 98 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है। बचे हुए काम को पूरा करने के लिए 15 अप्रैल की डेडलाइन तय की गई है।
50,000 ग्राहकों को मिलेगा फायदा
सिर के ऊपर बिजली के लटकते तारों से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। जिन इलाके में अंडरग्राउंड तार बिछाए गए है वह भीड़भाड़ वाली मार्किट है। लेकिन अब अंडरग्राउंड तार बिछने के बाद 50,000 उपभोक्ताओं को इसका फायदा मिल रहा है।
अंडग्राउंड तारों के बिछाने का काम ओवर ऑल पूरा हो चुका है। अभी तारें वहीं दिख रही है, जहां नगर निगम की ओर से स्ट्रीट लाइट के खंबे है। ईईएसएल जैसे ही वहां पोल लगाएगा सभी तारे हटा दी जाएंगी। इसके लिए 15 अप्रैल तक का समय निर्धारित किया गया है।
एके वर्मा, नोडल ऑफिसर, आईपीडीएस