वाराणसी (ब्यूरो)। नगर निगम के आदमपुर जोन में पडऩे वाले सरैया वार्ड के लोगों का जीवन इस समय मुश्किल में पड़ा हुआ है। सड़कें खोद कर छोड़ दी गई हैं तो जलकल से मटमैले पानी की सप्लाई की जा रही है। इन सबके बीच इस समय गंगा में आई बाढ़ ने भी वार्ड के लोगों को मुसीबत में डाल रखा है। बाढ़ से लोग बेघर तो हो ही रहे हैं इस समय बाढ़ के पानी में बहकर आने वाले जानवरों की लाशों ने भी लोगों का हाल बेहाल कर रखा है। ये लाशें इलाके में आकर किनारे लग जा रही हैं और उनकी बदबू से लोगों को सांस लेना भी दूभर हो जा रहा है। उधर, पशु चिकित्सा अधिकारी का दावा है कि अब तक लगभग 70 पशुओं के शव को रेस्क्यू कर निकाला जा चुका है। वार्ड की समस्याओं का हाल जानने के लिए बुधवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम इलाके में पहुंची। तो आप भी जानें क्या है इस वार्ड का हाल.
घर से निकलना मुश्किल
क्षेत्र में विकास के नाम पर बरसात आने से लगभग दो माह पहले सेतु निगम ने सड़कों को बनाने का काम शुरू कराया। इसके तहत सबसे पहले इलाके की सभी सड़कों की खुदाई कराई गई। यह काम हो ही रहा था कि बरसात का मौसम आ गया और विभाग की ओर से काम रोक दिया गया, क्योंकि बरसात में सड़कों को बनाने का काम नहीं किया जाता है। सड़कों को खोद कर छोड़ देने से कुछ दिन में अच्छी सड़कों पर चलने का सपना देखने वाले वार्ड के लोग अब क्षतिग्रस्त सड़कों पर चलने के लिए मजबूर हैं। बरसात में हाल ये है कि गंदगी से लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है.
नल से मटमैला पानी
इस वार्ड में लगभग पांच हजार घरों में रहने वाली लाखों की आबादी को रोज मटमैला पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसकी वजह है जलकल विभाग जिसके नलों से मटमैले पानी की सप्लाई की जा रही है। इस समय वार्ड के लोगों की परेशानी ये है कि या तो वे रोज खरीद कर पानी पीएं या मटमैला पानी पीकर बीमार पड़ें। लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायत के बाद भी विभागीय लोग समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रहे, जिससे दिक्कत बढ़ती ही जा रही है.
जानवरों की लाशों से परेशानी
वार्ड के लोग अभी परेशानियों से दो-चार हो ही रहे थे कि तभी गंगा में आई बाढ़ ने इनकी परेशानियां और बढ़ा दी है। एक तरफ इलाके के कई मोहल्ले बाढ़ की चपेट हैं और वहां रहने वालों को घर से बेघर होना पड़ रहा है तो दूसरी ओर आए दिन इलाके में मरे जानवरों की लाशें आकर लग जा रही हैं। इन लाशों से उठने वाली दुर्गंध के कारण लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत होने लग रही है। इलाके के लोगों ने बताया कि जब दिक्कत बहुत बढ़ गई तो शिकायत की गई। शिकायत के बाद पशु चिकित्सा अधिकारी की ओर से लाशों को हटवाया गया.
हमारा वार्ड इस समय कई समस्याओं से जूझ रहा है। मेरी ओर से लगातार संबंधित अधिकारियों तक समस्याएं पहुंचाई जा रही हैं, लेकिन अधिकारी किसी भी समस्या को लेकर गंभीर नहीं हो रहे। इस वजह से समस्याएं खत्म नहीं हो पा रही हैं.
सफीकुज्जामा अंसारी, पार्षद
रास्ता खराब होने की वजह से बड़ी परेशानी हो रही है। कोई भी जिम्मेदार इसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा है, जिससे हमारी परेशानियां घटने की बजाय और बढ़ती ही जा रही हैं। लगता है हमें बनारस में उपेक्षित छोड़ दिया गया है.
अजीम भाई, स्थानीय,नागरिक
मटमैला पानी पीने की वजह से इलाके के लोगों को कई तरह की बीमारियां हो रही हैं और वे अस्पतालों का चक्कर काटकर परेशान हो रहे हैं। प्रशासन से अनुरोध है कि इस समस्या को तत्काल रूप से ठीक कराया जाए अन्यथा संक्रामक बीमारियां फैल सकती हैं.
लतीफ, स्थानीय नागरिक
गंदे पानी की सप्लाई के लिए इलाके में विकास कार्य कराने वाली एजेंसियां हैं। ये पाइप लाइन को क्षतिग्रस्त कर देती हैं और समय से सूचना देकर उनकी मरम्मत नहीं कराती हैं। इस वजह से सड़कों की गंदगी पाइप लाइन में प्रवेश कर जाती है। ऐसी समस्याएं जहां भी हैं, 48 घंटे में उनका समाधान करा दिया जाएगा.
रघुवेंद्र कुमार, महाप्रबंधक, जलकल
हमारे यूनिट की ओर से जो भी विकास कार्य करवाये जा रहे हैं उनके द्वारा कोई भी दिक्कत आई है तो उसे ठीक करवाने के लिए संबधित विभागो को पैसे दे दिए गए हैं। जो शेष कार्य रह गए हैं उनको हम लोगों के द्वारा ठीक करवा दिया जायेगा.
दीपक गोविल, महाप्रबंधक, राज्य सेतु निगम, वाराणसी
हमारी तरफ से एक बोट एवं एक स्ट्रीमर लगाकर अब तक 60 से 70 मृत पशुओं का रेसेक्यू किया जा चुका है। हमारे द्वारा इन मृत पशुओं को निकालकर रमना के प्लांट में मिट्टïी में गाड़ दिया जाता है.
अजय प्रताप सिंह, पशु चिकित्सा अधिकारी