वाराणसी (ब्यूरो)। मंडलीय चिकित्सालय कबीरचौरा के प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में जेनरिक दवा की सेल में ब्रांडेड का खेल सामने आया है। यहां जब छापा मारा गया तो ब्रांडेड दवाएं बिकती मिलीं। मौके से सभी ब्रांडेड दवाओं को जब्त कर लिया गया। कार्रवाई के बाद जांच रिपोर्ट मंडलीय ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी को भेज दी गई है.
कई और गड़बडिय़ां मिलीं
एक शिकायत मिलने के बाद गुरुवार को ड्रग इंस्पेक्टर एके बंसल ने टीम के साथ मंडलीय चिकित्सालय के प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में छापेमारी की तो इसमें नियम विरुद्ध तरीके से ब्रांडेड दवाएं बेचने का खुलासा हुआ। वहां मल्टी विटामिन, एंटी बायोटिक, टॉनिक समेत कई महंगी दवाएं थीं। डीआई अमित कुमार बंसल ने बताया कि जन औषधि केंद्र में सिर्फ जेनेरिक दवाएं बेचने का नियम है। इसके बाद भी ब्रांडेड दवाएं बेची जा रही थीं। इसका बिल-कैश भी नहीं जारी किया जा रहा है। साथ ही शेड्यूल एच-1 का रिकार्ड नहीं मिला। इस कार्रवाई की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है। इसके बाद जो भी निर्णय लिया जाएगा, उसी के अनुरूप कार्रवाई तय की जाएगी.
क्या हुई थी शिकायत
अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने प्रधानमंत्री जन औषधि योजना में अनियमितता के संबंध में औषधि निरीक्षक को सूचना दी थी। अधिकार सेना के महासचिव कुलदीप बरनवाल ने बताया कि इससे पूर्व भी कई बार जन औषधि केंद्र की विभिन्न अनियमितताओं के संबंध में शिकायतें की गईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। जन औषधि केंद्र में बाहर की दवाओं को बेचना प्रतिबंधित है। इसमें मरीजों को सस्ती व गुणवत्तापूर्ण दवाएं बेचने की व्यवस्था की गई थी। ब्रांडेड दवाएं बेचने से इसकी स्थापना का उद्देश्य प्रभावित हो रहा है।
दीनदयाल में मिली थीं ब्रांडेड दवाएं
पिछले साल छह फरवरी को वाराणसी के दीनदयाल अस्पताल के जन औषधि केंद्र में सीएमएस ने छापा मारा था तो कई तरह की ब्रांडेड दवाइयां मिली थीं। सूची में अलग-अलग 300 से अधिक दवाइयों की जगह कहीं आधी तो कहीं इससे भी कम दवाइयां मिली थीं। इससे पहले रामनगर के शास्त्री अस्पताल में जन औषधि केंद्र पर महंगी दवा मिलने पर हंगामा हुआ था.
जन औषधि केंद्र में ब्रांडेड दवाएं मिलने, बिल नहीं काटने और शेड्यूल एच-1 का रिकार्ड न होने पर कार्रवाई की गई है। इसकी रिपोर्ट मंडलीय ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी को भेज दी गई है। वहां से निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई होगी.
एके बंसल, डीआई
जन औषधि केंद्र पर दवा का पर्चा लेकर आने वाले मरीज और तीमारदार की सुविधा और डिमांड पर कुछ दवाएं मंगाकर दी जाती हैं। सभी जेनरिक दवाएं उपलब्ध न होने पर कुछ दवाओं के कॉम्बीनेशन के लिए ये दवाएं सही रेट पर उपलब्ध करा दी जाती हैं.
नवीन सिंह, जन औषधि केंद्र संचालक
नहीं मिलतीं सस्ती दवाएं
जिले के दीन दयाल उपाध्याय हॉस्पिटल, कबीरचौरा मंडलीय हॉस्पिटल, लालबहादुर शास्त्री हॉस्पिटल रामनगर व बीएचयू हॉस्पिटल में संचालित जन औषधि केंद्र में जेनरिक दवाओं की कमी की शिकायतें आती रहती हैं। कई बार तो अमूमन आधी दवाएं भी उपलब्ध नहीं होतीं। ऐसे में मरीजों को सस्ते दर पर इलाज कैसे मिलेगा, यह बड़ा सवाल खड़ा होता है। जन औषधि केंद्र में दवा उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीजों को निजी दुकानों से ब्रांडेड दवाएं खरीदनी पड़ती हैं, जिनके रेट 20 से 30 गुना तक ज्यादा होते हैं.
कमीशन का चलता है खेल
माना जाता है कि हॉस्पिटल में डाक्टरों को पेंटेट दवाओं पर मार्केट से मोटा कमीशन मिलता है। इसलिए डाक्टर्स जानबूझकर पेटेंट दवाएं लिखते हैं। मरीज जब सेंटर्स पर दवाओं के लिए पहुंचते हैं तो उनको यह कहा जाता है कि यह दवा बाहर की है। अब जन औषधि केंद्रों पर भी ब्रांडेड दवाएं बिकने की पुष्टि हो रही है। यह सब डॉक्टर्स के पर्चे के चलते हो रहा है.