वाराणसी (ब्यूरो)दीपावली में सड़कों, गलियों, मुहल्लों और छतों पर धूम-धड़ाका करने में सैकड़ों लोग पटाखा की चिंगारी से इंजर्ड हो गएऐसे मरीजों की भीड़ मंगलवार को ओपीडी के देखने लायक रहीकिसी के आंख में दिक्कत थी तो किसी को पटाखे फोड़ते समय अंगुली झुलस गई हैहालांकि दीपावली की छुट्टी के बाद मंगलवार को कबीरचौरा अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या काफी कम रहीज्यादातर वही मरीज आए थे, जो पटाखा फोड़ते समय घायल हो गए थेइनमें भी कोई गंभीर मरीज नहीं था जिसे भर्ती कराया गया हैसभी को प्रॉपर ट्रीटमेंट देकर छोड़ दिया गया.

जलने वाले पहुंचे

कबीरचौरा अस्पताल में दस मरीज ऐसे थे जो पटाखा से जल गए थेऐसे मरीजों को डाक्टर ने अस्पताल से ही दवा देकर छोड़ दियाकई मरीज ऐसे थे जिन्होंने इमरजेंसी में जाकर जहां जले थे वहां पर मलहम पट्टी करवाया और चले गएपांच दिन की दवा भी डाक्टर ने लिख दिया था, जो अस्पताल से मरीजों को दिया गया.

किसी की अंगुली तो किसी का हाथ जला

अस्पताल में पहुंचने वाले मरीज ज्यादातर ऐसे रहे जिनकी अंगुली पटाखा फोड़ते समय झुलस गयी थीकई ऐसे भी थे जो पटाखा की चिंगारी उनके हाथ तक पहुंच गयीइसके चलते उन्हें छाला पड़ गया हैकई के माथे पर चिंगारी पडऩे से माथा भी जल गया थाबम फोड़ते समय कई के पैर में भी चिंगारी लग गयी थी इसके चलते उन्हें काफी जलन हो रहा थाइसके अलावा कई के लोगों की अंगुलियां भी जल गयी थी.

दीनदयाल में दस मरीज पहुंचे

पंदीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में बर्न के एक भी केस नहीं देखे गएहां आंखों की समस्या को लेकर 10 मरीज पहुंचे थेउन्हेें डाक्टर ने प्रॉपर इलाज करने के बाद दवा लिखकर छोड़ दियाडाआरके सिंह का कहना था कि मंगलवार को 1277 पेशेंट ओपीडी में आए थे जिनका प्रॉपर तरीके से ट्रीटमेंट किया गयाइनमें सबसे अधिक बुखार के मरीज थे। 436 मरीज सिर्फ बुखार के थेजलने वाले एक भी मरीज नहीं आएइसके अलावा डेंगू और आंखों की समस्या को मरीज आए थेइसके अलावा चिकनगुनिया, टायफायड, और डेंगू के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा रही.

बर्न के एक भी केस देखने को नहीं मिलेसबसे अधिक बुखार, चिकनगुनिया, डेंगू के मरीज आए थेकुछ मरीज आंख की समस्या को भी लेकर आए थे.

डाआरके सिंह, सीएमएस, पंदीनदयाल अस्पताल

कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल में 10 केस बर्न के आए हैंइनमें कोई गंभीर नहीं हैसभी को प्रॉपर ट्रीटमेंट देकर छोड़ दिया गयाआंखों की समस्या को लेकर 20 मरीज आए थे.

डॉएसपी सिंह, प्रभारी, मंडलीय अस्पताल