- सिगरा पुलिस ने बाइक चोरों के गैंग को पकड़ा, पास से मिली चोरी की आठ बाइक
- पकड़े गए सभी आरोपी इंटर के छात्र, स्कूल और कोचिंग जाने के दौरान उड़ाते थे बाइक
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मां बाप का सपना था कि बच्चे पढ़ लिखकर अच्छे इन्सान बने। उनका नाम रोशन करें। इसलिए बच्चों को अच्छे स्कूलों में डाला। पैसे की परवाह किए बगैर उनकी हर इच्छा को पूरा किया लेकिन मां बाप को क्या पता था कि जिन बच्चों के जरिए वो अपने सपनों को पूरा होते देख रहे थे वो उनकी उम्मीदों पर नहीं बल्कि आंखों में धूल झोंक रहे थे। मामला सिगरा का है। यहां पुलिस ने बाइक चोरी के मामले में क्षेत्र से पांच बाइक चोरों को चोरी की आठ मोटरसाइकिल संग पकड़ा है। चौंकाने वाली बात ये है कि पुलिस के हत्थे जो पांच बाइक चोर चढ़े हैं वो सभी क्लास 12 और 11 के स्टूडेंट हैं। अपने घर से ये पांचों स्कूल और कोचिंग की बात कहकर निकलते थे और मौका देखकर बाइक या स्कूटी उड़ा देते थे।
पुराने दोस्त पहले मिले और फिर
सिगरा पुलिस ने पांच बाइक चोरों को पंचवटी तिराहे के पास से पकड़ा। इनकी निशानदेही पर एक कॉम्प्लेक्स के बगल में छुपाकर रखी गई चोरी की आठ बाइक्स को बरामद किया है। पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आदित्य अवस्थी निवासी महमूरगंज, विशाल विश्वकर्मा निवासी मलदहिया, हार्दिक जायसवाल निवासी बड़ी बाजार जैतपुरा, प्रतीक दूबे निवासी छित्तूपुर, विकास चौरसिया निवासी औसानगंज स्टूडेंट्स हैं। ये सभी पहले एक साथ पढ़ते थे लेकिन बाद में सभी अलग हो गए। अचानक कुछ दिन पहले इन सभी मुलाकात हुई और सब ने मिलकर बाइक चोरी का काम शुरू कर दिया।
गर्लफ्रेंड के चलते बन गए ऐसे
पुलिस के हत्थे चढ़े सभी बाइक चोर अच्छे घरों से हैं। किसी के पिता रेलवे में नौकरी करते हैं तो किसी का बड़ा बिजनेस है लेकिन ऐसा ये सब क्यों करते थे। इस बारे में पूछने पर पहले तो हर कोई कन्नी काटने लगा लेकिन पुलिस के पूछने पर सभी ने अपना मुंह खोल दिया। पकड़े गए पांचों यंग एज के लड़कों ने बताया कि कोचिंग और स्कूल जाने के दौरान उनकी गर्लफ्रेंड बन गई। उनको टहलाने में खर्च होता था। इसे पूरा करने के लिए घर से रुपये मांगने पर डांट पड़ती थी। इसलिए बाइक चोरी का काम शुरू किया। पुलिस के मुताबिक पकड़ा गया विशाल एक इंश्योरेंस कम्पनी में काम करता है और चोरी की गाडि़यों के फर्जी कागजात बनाकर ये लोग आसानी से 10-15 हजार में बेच देते थे।
घर पर कहा दोस्त की है बाइक
बाइक चोरी के आरोप में पकड़े गए सभी आरोपी पढ़ाई में अच्छे हैं। सबने बताया कि हर साल किसी का भी 70 से 80 परसेंट से कम नहीं आता लेकिन बस पैसे की लत ऐसी मुंह लगी कि पढ़-लिखकर मां बाप का सपना पूरा करने की जगह इन सभी ने अपराध का रास्ता चुन लिया। हत्थे चढ़े युवकों में से आदित्य ने बताया कि चोरी की बाइक एक दो बार हम लोग घर लेकर चले गए थे। घर पर लोगों ने पूछा बाइक किसकी है तो कह दिया दोस्त की है। जबकि स्कूल कॉलेज जाते वक्त जो बाइक इनको पसंद आती थी वो उसे उड़ा देते थे।