-रात भर हुए बवाल के बाद रविवार को आगजनी, धरना-प्रदर्शन की हुई घटनाएं
-एहतियात के तौर पर वाराणसी के अन्य सभी यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज 2 अक्टूबर तक बंद
-पुलिस छावनी में बदला कैम्पस, जगह-जगह स्टूडेंट्स-पुलिस की झड़प
-अघोषित रूप से हॉस्टल खाली कराने को लेकर भी हुआ विवाद, स्टूडेंट्स गुस्से में
साइलेंट मार्च पर लाठीचार्ज
रविवार को सुबह से शाम तक अलग-अलग गुटों के मार्च और धरने ने माहौल को गरम किये रखा। हालांकि भारी फोर्स की मौजूदगी ने स्टूडेंट्स को ज्यादा कुछ करने का मौका नहीं दिया। सुबह शांति मार्च निकाल रहे छात्रों को हल्का बल प्रयोग करते हुए खदेड़ दिया। दोपहर में बिड़ला हॉस्टल चौराहे पर धरना दे रहे क्म् स्टूडेंट्स को गिरफ्तार कर लिया गया। पूरा कैम्पस छावनी में तब्दील रहा। रात में हुई आगजनी, पथराव और बमबाजी के निशान दहशत का माहौल बनाये हुए थे। इलाज या घूमने-फिरने के नियत से आने वाले भी डरे-सहमे रहे।
डिपार्टमेंट में आगजनी
रात में छात्रों के बवाल को पुलिस ने आंसू गैस, रबर बुलेट और लाठी के बल पर कंट्रोल किया। तनाव में रात बीती और अगली सुबह छात्रों ने सोशल साइंस डिपार्टमेंट में आग लगा दी। वहां खड़ी जिप्सी इसकी चपेट में आ गयी। ब्रोचा हॉस्टल के पास खड़ी जेसीबी को आग के हवाले कर दिया। रुइया हॉस्टल के पास बीएचयू सुरक्षाकर्मी की स्कूट्रेट फूंक दी। अलसुबह क्00 से अधिक स्टूडेंट्स ने सिंहद्वार से मार्च निकाला। वीसी आवास पहुंचने से पहले पुलिस ने लाठियां भांज कर स्टूडेंट्स को खदेड़ा गया।
दोपहर में आमने-सामने
दोपहर में तब अचानक ही अफरा-तफरी का माहौल हो गया जब सैकड़ों की संख्या में कई हॉस्टल्स के स्टूडेंट्स एकजुट होकर बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वीसी लॉज की ओर बढ़ने लगे। उन्हें रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस फोर्स आगे बढ़ी। बिड़ला हॉस्टल चौराहे पर छात्र और पुलिस आमने-सामने हो गए। पुलिस के रोकने पर छात्र वहीं धरने पर बैठ गए। तीन घंटे बाद भी वहां से नहीं हटने पर पुलिस ने उन्हें जबरन हटाया और क्म् स्टूडेंट्स को गिरफ्तार कर लिया। इसी बीच स्टूडेंट्स के एक गुट और टीचर्स ने बीएचयू के समर्थन में मार्च निकाला। मालवीय भवन से निकाला गया मार्च सिंहद्वार से होते पुन: मालवीय भवन पहुंचकर समाप्त हो गया। जबकि रात में स्टूडेंट्स ने घटना के विरोध में कैंडल मार्च निकाला।
छावनी में रही तब्दील
बीएचयू कैम्पस छावनी में तब्दील रहा। बिगड़े हालात को कंट्रोल करने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस और पीएसी के जवान मुस्तैद रहे। एसपी सिटी पूरे दिन कैम्पस में डटे रहे। डीएम, एसएसपी और कमिश्नर ने भी बीएचयू पहुंचकर हालात का जायजा लिया। पुलिस के जवान बीएचयू के सिंहद्वार समेत सभी प्रवेश द्वार पर मोर्चा संभाले रहे। आने-जाने पर नजर रखी जा रही थी। मालवीय भवन, वीसी लॉज होते हॉस्टल की ओर जाने वाले रास्तों पर भारी संख्या में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात रहे। बवाल की आशंका सिर्फ छात्रों से नहीं छात्राओं से भी थी। इसलिए एमएमवी के साथ ही त्रिवेणी समेत अन्य गर्ल्स हॉस्टल के बाहर भारी संख्या में महिला और पुरुष पुलिस के जवान तैनात रहे।
राजबब्बर को रोका
बीएचयू की हुई घटना के विरोध में छात्राओं से मिलने जा रहे कांग्रेस के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर को पुलिस ने रोक दिया। उनके साथ ही पूर्व विधायक अजय राय समेत अन्य कांग्रेस नेताओं को गिलट बाजार से आगे बढ़ने नहीं दिया। इससे नाराज होकर सभी धरने पर बैठ गये। बीएचयू के बाहर लंका पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने धरना दिया।
सीएम ने दिया जांच का आदेश
बीएचयू में स्टूडेंट्स और पुलिस के बीच हुए संघर्ष के मामले को सीएम योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लिया है। इस मामले में कमिश्नर से रिपोर्ट मांगी गई है। इधर, आगे की रणनीति तय करने के लिए डीएम योगेश्वर राम मिश्र, एसएसपी आरके भारद्वाज ने बीएचयू वीसी जीसी त्रिपाठी से मुलाकात की। उनसे पूरे मामले की जानकारी ली। साथ ही माहौल शांतिपूर्ण बनाने के लिए जरूरी इंतजाम पर चर्चा की।
बीएचयू में हुई घटना राजनीति प्रेरित है। बाहरी तत्वों की साजिश का शिकार हुआ है बीएचयू। यूनिवर्सिटी में छात्राओं के लिए सुरक्षा के पूरे इंतजामात है। उन्हें और बेहतर बनाने के लिए उपाय किये जा रहे हैं। बीएचयू की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे लोगों की सक्रियता का नतीजा इस रूप में सामने आया है।
- प्रो। जीसी त्रिपाठी, वीसी बीएचयू
बीएचयू का कोई आंतरिक विषय था जिसे संवाद के जरिये सुलझाया जा सकता था। एडमिनिस्ट्रेशन ने बीएचयू के साथ मिलकर स्टूडेंट्स की समस्याओं का सुलझाने का प्रयास किया। पर कुछ बाहरी तत्वों के इन्वालमेंट से माहौल खराब हुआ। हम जांच कर रहे हैं। उसमें सारी स्थिति साफ हो जायेगी।
- नितिन रमेश गोकर्ण, कमिश्नर वाराणसी