वाराणसी (ब्यूरो)बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी अपनी अनुसंधान उत्पादकता को बढ़ाने तथा अंतर्विषयी सहयोग को प्रोत्साहित करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत हैइसी इस क्रम बीएचयू में पोस्ट-डॉक्टोरियल फेलोशिप योजना शुरुआत की गई हैयह प्रतिभावान शोधकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए नई पहल की गई हैंभारत सरकार की इंस्टीटयूशन ऑफ एमिनेंस-बीएचयू की इस पहल के तहत आरंभ 'राजा ज्वाला प्रसाद पोस्ट-डॉक्टोरियल फेलोशिपÓ का मकसद विवि के उन संकाय सदस्यों को प्रोत्साहित व सशक्त करना हैजिन्होंने शोध परियोजनाओं के लिए बाहरी इकाइयों और एजेंसियों से अनुदान हासिल किया है.

60 हजार मासिक वेतन भी मिलेगा

ऐसे संकाय सदस्य इस योजना के तहत युवा शोधकर्ताओं को बतौर पोस्ट डॉक्टोरियल फेलो अपने साथ जोड़ पाएंगेयह फेलोशिप एक वर्ष की अवधि के लिए होगीजिसे फेलो के प्रदर्शन तथा आईओई में वित्त की उपलब्धता के आधार पर अगले एक और वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता हैचयनित फेलो को 60,000 रुपये मासिक वेतन प्राप्त होगासाथ ही वे 10,000 रुपए मासिक एचआरए एवं 50,000 रुपए वार्षिक का आकस्मिक अनुदान भी प्राप्त कर पाएंगेइसके अतिरिक्त उन्हें विश्वविद्यालय की अन्य सुविधाएं जैसे स्वास्थ्य सेवा, पुस्तकालय एवं अन्य संसाधनों का लाभ भी मिल सकेगा.

रिसर्च की गतिविधियों में तेजी आएगी

कुलपति प्रोसुधीर कुमार जैन ने कहा कि यह फेलोशिप युवा व प्रतिभावान रिसर्चर्स को आकर्षित कर विश्वविद्यालय में अनुसंधान गतिविधियों को गति प्रदान करेगीसाथ ही साथ इन युवा फेलो को एक सफल शैक्षणिक व शोध करियर बनाने में भी मदद करेगीइस योजना के माध्यम से हम प्रख्यात इंजीनियर राजा ज्वाला प्रसाद के योगदान को नमन करना चाहते हैंजिन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के इस बेजोड़ परिसर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के रूप में भी सेवाएं दीं

मार्गदर्शक की भूमिका में होंगे

राजा ज्वाला प्रसाद पोस्ट डॉक्टोरियल फेलोशिप विभिन्न विभागों तथा शोध क्षेत्रों के बीच अंतर्विषयक सहयोग को भी प्रोत्साहित करेगीसाथ ही वर्तमान में जारी अनुसंधान परियोजनाओं को अतिरिक्त शोध सहयोग उपलब्ध कराते हुए उन्हें गति प्रदान करने में सहायक होगीजिन संकाय सदस्यों के तहत राजा ज्वाला प्रसाद पोस्ट डॉक्टोरिल फेलोशिप की नियुक्ति होगी, वे मार्गदर्शक की भूमिका में होंगेउनके कार्य का पत्रिकाओं में प्रकाशन अपेक्षित होगा.