वाराणसी (ब्यूरो)ऑल इंडिया लेवल पर होने वाले सीयूईटी का एग्जाम पास कर बीएचयू में बीवोक (बैचलर ऑफ वोकेशनल कोर्स) में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स का भविष्य अंधकार में जा सकता हैदो साल पहले शुरू हुए कोर्स में 800 स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया गया, लेकिन पढ़ाई और व्यवस्था के नाम सब जीरो रहाजब इसे लेकर स्टूडेंट्स ने प्रॉपर पढ़ाई न होने और सुविधाएं न मिलने का विरोध किया तो बीएचयू ने अगले एक साल के लिए कोर्स ही क्लोज कर दियाइन सभी स्टूडेंट्स का बीएचयू में पढऩे का सपना टूटने के साथ साल भी बर्बाद हो गया हैइसके लिए जिम्मेदार कौन है इसका जवाब न तो प्रॉक्टोरियल बोर्ड दे पा रहा न ही डीन ऑफ स्टूडेंट्स

पहले दिया था आश्वासन

नए स्टूडेंट्स का साल तो बर्बाद हुआ ही हैमगर जो छात्र इस कोर्स का एक साल पूरा कर चुके हैं, वे इस मसले को लेकर एक माह से अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। 20 दिन पहले जब छात्रों ने धरना दिया था तो उस वक्त उन्हें यह कहकर शांत करा दिया गया कि सभी कमियां पूरी कर ली जाएंगीलेकिन कुछ नहीं हुआइसके बाद छात्र दोबारा धरने पर बैठ गएये कुलपति आवास के सामने 4 दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैंकभी छात्र बुद्धि-शुद्धि यज्ञ कर रहे हैं, तो कभी नारेबाजी

तो एग्जाम क्यों कराया?

छात्रों का कहना है कि जिन छात्रों ने बीवोक के लिए एंट्रेंस दिया, परीक्षा पास किया, रजिस्ट्रेशन कराया, पैसा भी भरा, अब उनका क्या होगाबीएचयू ने तीन दिन पहले ही बीवोक के नए छात्रों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की सूचना दीवहीं जो भी पैसे रजिस्ट्रेशन में लगे होंगे उन्हें भी वापस करने की बात कहीअब सवाल ये उठता है कि क्या फॉर्म भरवाने और करिकुलम की घोषणा के टाइम विवि ने ये बात नहीं सोची थीछात्रों ने जब कोर्स में बरती जा रही शिथिलता को लेकर आवाज उठाई तो कोर्स को हटा दिया गया

न प्रैक्टिकल न कार्यशाला

बीवोक के छात्रों कहना है कि वोकेशनल कोर्स के स्टूडेेंट्स के लिए कोई प्लेसमेंट सेल नहीं हैअभी तक फस्र्ट सेमेस्टर के स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल की शिक्षा नहीं मिल सकी हैन तो कार्यशाला होती है और न नियमित क्लासेस होती हैंछात्रों की मांग के बाद कोर्स के डीन ने इस्तीफा दे दिया थाइसके बाद बीएचयू के मेन कैंपस से बीवोक को हटा दिया गयाअब छात्र धरने पर हैं.

ये हैं छात्रों के मुद्दे

- कोर्स कन्वेनर को हटाया जाए.

- उनके कोर्स में कोई प्लेसमेंट सेल नहीं

- हॉस्टल नहीं एलॉट किया जा रहा है.

- कोर्स पूरा नहीं और खत्म कर दिया.

- कोई व्यावहारिक शिक्षा नहीं दी गई

- एसआईटी प्रदान की, लेकिन सिर्फ विषय सौंपे.

- कोई वर्कशॉप नहीं होती.

- कोई छात्रावास आवंटित नहीं हुआ.

- सिर्फ 8 छात्रोंं को हॉस्टल की सुविधा.

- छात्रों से विशेष शुल्क लिया जा रहा है.

- सेमेस्टर सिमट गए हैं.

- कोर्स जल्दी खत्म किया जा रहा.

- सांस्कृतिक समितियों और आयोजनों का अभाव.

बीवोक में चलने वाले कोर्स

- बीवोक इन हॉस्पिटल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट

- बीवोक इन रिटेल एंड लॉजिस्टिक मैनेजमेंट

- बीवोक इन मेडिकल लैब टेक्निोलॉजी

- बीवोक इन फैशन डिजाइनिंग एंड इवेंट मैनेजमेंट

- बीवोक इन माडर्न ऑफिस मैनेजमेंट

- बीवोक इन फूड प्रोसेसिंग एंड मैनेजमेंट

हम यदि कोई सुधार की बात कहेंगे, तो आप उसका जड़ ही काट देंगेइसका मतलब ये है कि आपके पास समस्या का समाधान नहीं हैआप अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं.

अंकित रौशन, छात्र, बीवोक, बैंकिंग एंड इंश्योरेंस

कोर्स से रिलेटेड किसी भी सवाल का जवाब हमें नहीं दिया जाताकोर्स समाप्त होने के बाद जब हम जॉब करने जाएंगे तो कोई भी कंपनी यही कहेगी कि यह कोर्स वहां चलता ही नहीं

विवेक सांदिल्य, छात्र, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट

बीएचयू प्रशासन तानाशाही रवैया अपना रहा हैजब कोर्स में बरती जा रही शिथिलता को लेकर आवाज उठाई गई तो कोर्स को हटा दिया गयाइससे हमारा ही नहीं आने वाले नए बच्चों का सपना टूट गया.

मृदुल केशरी, छात्र, बीवोक, कंप्यूटर एप्लिकेशन

20 दिन पहले जब स्टूडेंट्स धरने पर बैठे तो उसके बाद कमेटी बनाकर मंथन किया गयाअब यह फैसला लिया गया कि जब तक सभी व्यवस्था सुव्यवस्थित नहीं कर ली जाती तब तक के लिए कोर्स को बंद कर दिया जाएयही बात बच्चों को समझाई जा रही हैजल्द ही प्राब्लम को शार्टआउट कर लिया जाएगा

प्रोअभिमन्यु सिंह, चीफ प्रॉक्टर, बीएचयू

हम इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ नहीं बोल सकतेइसके लिए हम ऑथराइज्ड नहीं हैंबीएचयू के प्रशासनिक लोग बेहतर बता पाएंगे

प्रोअनुपम मीना, डीन ऑफ स्टूडेंट्स, बीएचयू