वाराणसी (ब्यूरो)। ऑल ओवर वल्र्ड में अपनी पहचान रखने वाले बीएचयू का फोकस अब ग्लोबल एजुकेशन को लेकर बढ़ता जा रहा है। यहां विदेशी छात्र-छात्राओं की भागीदारी ज्यादा से ज्यादा हो, इसके लिए बीएचयू प्रबंधन की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। न्यू एजुकेशन पॉलिसी में इंटरनेशनलाइजेशनऑफ एजुकेशन की नीति को भी लागू किया गया है। जिसमें दो प्रमुख बिंदुओं पर सबसे ज्यादा फोकस है। इसमें पहला विदेशी स्टूडेंट्स इनरोलमेंट को बढ़ाना देना, जबकि दूसरा ग्लोबल इंस्टीट्यूट में बीएचयू के स्टूडेंट्स और फैकल्टी मेंबर्स को ज्यादा से अवसर देना है.
15 से ज्यादा फॉरेन विवि से एमओयू
प्रोफेसर्स की माने तो न्यू एजुकेशन पॉलिसी के एक प्रावधान में हायर एजुकेशन में विदेशी स्टूडेंट्स को आकर्षित करना है। पिछले कुछ माह में बीएचयू ने ग्लोबल स्तर पर कई संस्थानों से संपर्क किया है। इसके साथ ही ताइवान, टोक्यो, बफेलो व डेनमार्क यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधिमंडल ने बीएचयू का दौरा भी किया है। मल्टी डिसीप्लीनेरी और इंटर डिस्प्लीनेरी स्टडी को बढ़ावा दिया जाएगा। बाहरी देशों से मेमोरेंडम ऑफ अंडर स्टैंडिंग करनी है। 15 से ज्यादा फॉरेन के यूनिवर्सिटीज से बीएचयू का एमओयू हो चुका है। आगे इसे बढ़ाया जाएगा। इसमें टोक्यो, जापान, सोल यूनिवर्सिटी, साउथ कोरिया, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, ब्रिटेन, बुकारेस्ट यूनिवर्सिटी, रोमानिया यूनिवर्सिटी, क्योटो यूनिवर्सिटी, सर्री यूनिवर्सिटी, बुकारेस्ट यूनिवर्सिटी, कार्लस्टाड यूनिवर्सिटी, स्वीडन, जार्जिया यूनिवर्सिटी अमेरिका आदि प्रमुख रूप से शामिल है।
विदेशी संस्था से कर सकते हैं कोर्स का एक हिस्सा
बीएचयू के रेक्टर प्रो। वीके शुक्ला का कहना है कि बीएचयू में ग्लोबल सिटीजनशिप का प्रावधान भी है, जिसका लाभ यहां के स्टूडेंट्स के साथ विदेशी संस्थाओं के स्टूडेंट्स को भी मिलेगा। अगर कोई स्टूडेंट्स पढ़ाई के दौरान यदि अपने कोर्स का एक हिस्सा विदेश में कही भी जाकर वहां के किसी संस्थान से पूरा करना चाहता है तो इसके लिए छूट मिलेगी। वह 6 माह के लिए उस संस्थान को ज्वाइन कर सकता है। इसमें उसके डिग्री या माक्र्स पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उसे डिग्री बीएचयू की ही मिलेगी। इसी तरह से अगर कोई विदेशी संस्थान का स्टूडेंट बीएचयू में आकर कोर्स को कोई हिस्सा पूरा करना चाहता है तो वह भी ऐसा कर सकता है।
विदेशी छात्रों को जोडऩा है मकसद
यही नहीं बीएचयू में एडमिशन लेने वाले इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को आकर्षित करने के लिए स्कॉलरशिप स्कीम लांच की गई है। जिसमें 8 हजार का स्कॉलरशिप दिया जाएगा। यहां एडमिशन लेने वाले किसी स्टूडेंट को यदि पहले से स्कॉलशिप मिल रहा है और 8 हजार से कम है तो डिफरेंस अमाउंट ही उसे दिया जाएगा। आंकड़ों पर गौर करे तो वर्तमान में यहां 600 के करीब फॉरेन स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं। वहीं इंटरनेशन रिर्सचर को सहायता प्रदान करने के लिए भी एक नई योजना शुरू की गई है। इसमें इंटरनेशनल रिसर्चर को 40 हजार का क्रेडिट प्रोत्साहन दिया जाता है। इसके यदि अलावा रिसर्चर क्यू1 या क्यू2 जर्नल पहला लेखक है तो उसे 30 हजार एक्स्ट्रा क्रेडिट दिया जाएगा। वहीं बीएचयू से पीएचडी करने वाले फॉरेन स्टूडेंट को 8 हजार का स्कॉलरशिप दिया जाएगा।
विजिटिंग का खर्च भी वहन करेगा बीएचयू
इंटरनेशनल स्टूडेंट्स विजिटिंग प्रोग्राम
बीएचयू के बेहतरीन रिसर्चर को एक सेमेस्टर के लिए इंडिया से बाहर किसी रेपुटेटेड यूनिवर्सिटीज में रिसर्च कार्य का अवसर देने के लिए इंटरनेशनल स्टूडेंट्स विजिटिंग प्रोग्राम की शुरुआत की गई है। इसमें मेजबान देश में स्कॉलर को आने-जाने की यात्रा, वीजा शुल्क, बीमा, प्रवास के दौरान एक समेस्टर के लिए 1800 अमेरिकी डॉलर की फेलोशिप और उस देश में वर्कशॉप और सेमिनार में भाग लेने के लिए 600 अमेरिकी डॉलर एक्स्ट्रा फेलोशिप दिया जाएगा। इसके अलावा पोस्टडॉक्टरल फेलो, पीएचडी स्टूडेंट और नियमित संकाय सदस्यों को विदेशी सेमिनार, वर्कशॉप, मीटिंग आदि में भाग लेने के लिए फॉरेन ट्रिप पर होने वाले सभी खर्च को भी बीएचयू वहन करेगा।
न्यू एजुकेशन पॉलिसी में बीएचयू में कई स्कीम लाई गई है। हायर एजुकेशन में यहां फॉरेन स्टूडेंट्स को आकर्षित करना है। इसके लिए 15 से अधिक के फॉरेन विवि से एमओयू साइन हुआ है। इसे आगे बढ़ाया जाएगा.
-प्रो। वीके शुक्ला, रेक्टर, बीएचयू
विदेशी छात्र-छात्राओं को लेकर बीएचयू प्रशासन गंभीर है। फॉरेन के स्टूडेंट्स इनरोलमेंट को बढ़ाने के लिए विवि प्रतिबद्ध है। इनकी संख्या अब बढ़ भी रही है। वर्तमान में यहां विदेशी स्टूडेंट्स की संख्या 600 के करीब हो चुकी है.
-प्रो। एसवीएस राजू, समंवयक इंटरनेशनल सेंटर फॉर स्टूडेंट्स, बीएचयू