वाराणसी (ब्यूरो)बाबा विश्वनाथ मां गौरा के गौना के लिए बारात के साथ ससुराल पहुंच गए हैंशुक्रवार को वह मां को लेकर अपने दरबार के लिए प्रस्थान करेंगेससुराल में बाबा का स्वागत ठंडाई से होगाविदाई के बाद चली बारात में शामिल होने के लिए काशीवासी आतुर हैंतैयारी के अनुसार महंत आवास से बाबा दरबार तक गुलाब की पंखुडिय़ां उड़ाई जाएंगी, अबीर-गुलाल की ऐसी धूम मचेगी कि आसमान भी रंगीन नजर आएगाइस दौरान बाबा के साथ भक्त भी पूरी तरह अबीर-गुलाल से सराबोर नजर आएंगेरजत शिवाला व सिंहासन सहित काठ के बने तामजाम पर बाबा गौरा के साथ विराजमान होंगे

बाबा पहुंचे हिमालय के घर

बाबा विश्नाथ गौना कराने के लिए राजा हिमालय के घर पहुंच गए हैंउनका स्वागत महंत आवास पर मांगलिक गीतों से किया गयाभोलेभक्त भी अपने बाबा का गौना कराने को शुक्रवार की सुबह से रम जाएंगे, अबीर-गुलाल व फुलेल हर कोने से बरसाने को धुनी रमाएंगे और उनका आशीर्वाद लेकर होली खेलने की अर्जी भी सरकाएंगे.

दस कुंतल उडेंगे अबीर-गुलाल

बाबा के गौना बारात में शामिल होने के लिए काशीवासी आतुर हैंगौना बारात में शामिल होने के लिए जो भी भक्त पहुंचता है, अपने साथ अबीर-गुलाल लेकर पहुंचता हैमहंत आवास से गौना बारात निकलने से पहले पूरा मुहल्ला अबीर-गुलाल से लालमलाल हो जाता हैजब बाबा का गौना बारात निकलता है तो मु_ी भर-भरकर सभी भक्त अबीर-गुलाल उड़ाते हैंजिस गली से बाबा की गौना बारात निकलती है वह गली लालमलाल हो जाती हैकरीब 8 से दस कुंतल अबीर-गुलाल उड़ जाते हैं.

हर तरफ बस बम-बम भोले

महंत डॉकुलपति तिवारी ने बताया कि बाबा विश्वनाथ के खादी वस्त्र, राजशाही टोपी एवं मां गौरा की साड़ी और जेवर बन कर तैयार हो चुके हैंफलों और मिष्ठान की डालिया भी तैयार हो रही हैंरंगभरी पर भोर की मंगल बेला में साढ़े तीन बजे बाबा विश्वनाथ, मां पार्वती और लाडले पुत्र गणेश की चल प्रतिमाओं का हल्दी पूजन होगाइसके पश्चात दूध, दही, शहद, गंगाजल से स्नान कराया जाएगातत्पश्चात मंगला आरती होगी.

प्रतिमाओं का राजसी श्रृंगार

प्रात: पांच से आठ बजे तक वैदिक ब्राम्हणों द्वारा विशेष षोडशोपचार पूजन एवं रुद्राभिषेक होगा और सुबह 10 बजे चल प्रतिमाओं का राजसी श्रृंगार किया जाएगारजत प्रतिमाओं के श्रृंगार पश्चात स्वर्ण शिखरों वाले श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य गर्भगृह में जलते अखंड दीप के खप्पड़ से काजल लाया जाएगा और बाबा विश्वनाथ व मां गौरा के नयनों में उस श्यामल को सजाया जाएगाश्रृंगार में प्रमुख होगा मइया के मांग का सिन्दूर अर्चन, जिसका अनुष्ठान महंत परिवार द्वारा दीक्षित मंत्रों से कराया जाएगा.

अन्नपूर्णा दरबार का सिंदूर

माता रानी का सिन्दूर अन्नपूर्णेश्वरी के दरबार से आएगागौना यात्रा के पूर्व जब बाल गणेश को मां पार्वती की गोद में दिया जाएगा तो सुहागिनें मंगल गीतों के साथ मां गौरा का गोद भी भरेंगीरंगभरी एकादशी पर महंत आवास पर काशी पुराधिपति की रजत प्रतिमाओं के दर्शन भोग आरती के बाद शुरू हो जाएगा जो पालकी उठने के पूर्व तक निरन्तर चलता रहेगाचल प्रतिमाओं के श्रृंगार पूजन के बाद फलाहार भोग अर्पित कर मध्याह्न 12 बजे महाआरती की जाएगीभोग आरती के बाद अपराह्न एक बजे पालकी का दर्शन श्रद्धालुओं को मिलेगाइसके बाद सायं पांच बजे बाबा की पालकी की शोभायात्रा निकाली जायगी जो महंत आवास से मंदिर तक जाएगी.

गौना बारातियों का वेलकम

गौना बारात में शामिल शिवभक्तों का वेलकम ठंडई से किया जाएगाइसके साथ ही मंदिर परिसर में अबीर-गुलाल भी उड़ेंगेइसके लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने आठ से दस कुंतल अबीर-गुलाल की व्यवस्था की हैइसके अलावा ठंडई की भी व्यवस्था की गयी हैंविश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि गौना बारात में आए शिवभक्तों के लिए मंदिर में खास इंतजाम किया गया है.