वाराणसी (ब्यूरो)। भदोही 17 वर्ष की घरेलू सहायिका नाजिया को आत्महत्या के लिए उकसाने, बाल श्रम, बंधुआ मजदूरी के आरोपों में नैनी जेल में बंद भदोही के सपा विधायक जाहिद बेग को शनिवार को एमपी-एमएलए कोर्ट की मजिस्ट्रेट साधना गिरी की अदालत में पेश किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विधायक और उनके बेटे जईम बेग पर लगाई गई धारा 108 को बदलकर 107 करने के लिए कई दलीलें दी गईं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद मजिस्ट्रेट ने मामले में आदेश सुनाने के लिए 21 अक्टूबर की तारीख दी है। इन्हीं मामलों में फरार चल रहीं विधायक की पत्नी सीमा बेग की अग्रिम जमानत पर भी 21 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
विधायक जाहिद बेग को नैनी जेल से वज्रवाहन से सुबह 11 बजे कोर्ट लाया गया। दोपहर 12 बजे दोनों पक्षों के वकीलों की बहस शुरू हुई जो लगभग 40 मिनट तक चली। विवेचक संतोष कुमार सिंह की जांच रिपोर्ट को अभियोजन ने पढ़ा और कहा कि तथ्यों के हिसाब से आरोपितों पर धारा 107 लगाने का पर्याप्त आधार है। बचाव पक्ष के वकील तेजबहादुर यादव व मजहर शकीन ने कहा कि आठ सितंबर की रात विधायक के घर में नाजिया ने आत्महत्या की थी। दो चिकित्सकों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। पीएम रिपोर्ट में नाजिया की उम्र 18 साल लिखी गई है। अभियोजन केवल बयानों के आधार पर मृतका को नाबालिग बता रहा है।
यह है धारा 108 व 107 :
भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 में कोई व्य1ित आत्महत्या करता है और यह साबित हो जाता है कि किसी अन्य व्य1ित ने उसे आत्महत्या के लिए उकसाया है तो दस साल तक की सजा, जुर्माना किया जा सकता है। जबकि धारा 107 में कोई व्य1ित नाबालिग, मानसिक रूप अस्वस्थ, विक्षिप्त या नशे में धुत व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाता है तो उसे मृत्युदंड, आजीवन कारावास, दस साल तक कैद और जुर्माना शामिल है।