वाराणसी (ब्यूरो)। भदाही स्पेशल टास्क फोर्स वाराणसी की टीम ने सोमवार को भदोही के गजिया तिराहे के पास 2006 में भारतीय स्टेट बैंक की कैश वैन लूटने का प्रयास व वाराणसी के भेलुपुर थानांतर्गत एक बालक का अपहरण करने वाले 18 साल से फरार चल रहे 50 हजार के इनामी बदमाश सतीश कोरी को महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया। वह महाराष्ट्र के ही आजाद नगर, ब्रह्मांड मढ़वाली थाणे में अपने परिवार के साथ रहता था। आलमपुर बारा सगवर थाना, उन्नाव के रहने वाले इस बदमाश ने मध्य प्रदेश के सतना में अपना नया आधार बनवाया थ और अपना नाम सतीश कोरी से सतीश तिवारी रख लिया। पुलिस अधीक्षक डा। मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि एसटीएफ से इसकी जानकारी हुई है। मामला पुराना है, इससे पूरी जानकारी जुटाई जा रही है।
2006 में इस तरह किया लूट का प्रयास
बदमाश सतीश कोरी व उसके चार साथियों ने गजिया स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में आने वाली कैश वैन को लूटने की योजना बनाई थी। दो दिन वैन की रैक की और एक दिन लिप्पन तिराहे पर पहुंची कैश वैन लूटने की घटना को अंजाम दिया। इस दौरान बदमाशों ने वैन के गार्ड को गोली मार दी लेकिन गार्ड ने जांबाजी का परिचय दिया और घायल होने के बाद भी वह बदमाशों से जूझा और बंदूक से एक फायर कर दिया इससे एक बदमाश मारा गया। इससे बदमाश भाग निकले। मामले में भदोही कोतवाली में लूट, हत्या का प्रयास का मुकदमा दर्ज हुआ था। बदमाश तब से फरार चल रहा था।
वाराणसी से किया था एक बच्चे का अपहरण
वाराणसी के भेलुपुर थानांतर्गत बदमाश सतीश कोरी ने अपने साथी प्रयागराज निवासी दीपक सिंह बेहड़ा के कहने पर 2007 में एक बालक का अपहरण किया। बालक का अपहरण कर उसे बोलेरो से प्रयागराज ले गए वहां गैंग के पहलवान व सर्वेश के यहां रखा। हालांकि पुलिस ने छापेमारी कर बालक को मु1त करा लिया और सर्वेश को गिरफ्तार कर लिया। अन्य बदमाश वहां से भाग निकले थे।
कक्षा आठ पास सतीश बन गया छठा बदमाश
सतीश कोरी उर्फ अजीत आलमपुर थाना बारा सगवर, उन्नाव जिले का रहने वाला है। कक्षा आठ तक पढ़ाई करने के बाद वह दिल्ली में कपड़े की फैक्ट्री में काम करने लगा था। वहां उसका भदोही जिले के ज्ञानपुर निवासी युवक से दोस्ती हो गई। उसके साथ वह ज्ञानपुर आया, युवक का ज्ञानपुर जेल के पास घर है। यहां वह एक दिन रुका, यहां उसका किसी से संपर्क हुआ तो चोरी की मारुति कार बेचकर 50-50 हजार रुपये मिलने की बात हुई। उसने प्रयागराज से मारुति कार चुराई और उसे ज्ञानपुर लाए, यहां से उसे बेचने के लिए प्रयागराज जा रहे थे कि पुलिस ने रास्ते में ही पकड़ लिया और जेल भेज दिया था। ज्ञानपुर जेल में बंद सतीश की मुलाकात दीपक सिंह बेहड़ा से हुई। सतीश ने मारुति कार प्रयागराज से चोरी की थी इसलिए मुकदमा प्रयागराज में दर्ज हुआ। इससे उसे ज्ञानपुर से नैनी जेल भेज दिया गया। ज्ञानपुर जेल से दीपक सिंह व उसके साथी 05-06 माह बाद छूटे थे, पर उसने उसके वकील से मोबाइल नंबर लिया और दीपक से मिलने रेलवे स्टेशन पर पहुंच गया। वह उसके साथ दस दिन तक रहा। वहां से जाने के बाद वह दिल्ली गया पर दीपक सिंह से मोबाइल पर बात करता था। बीच में दीपक सिंह ने उससे कहा कि एक आदमी का अपहरण करना है उसे तीन लाख रुपये मिलेंगे। यह सुनकर वह अपने साथी दीपक सिंह से मिलने गया, यहां उसकी मुलाकात उमेश पहलवान से हुई, जो दीपक सिंह के साथ ही रहता था।
अपहरण के बाद लखनऊ और सतना पहुंचा
पकडा गया बदमाश सतीश 2007 में बालक के अपहरण के बाद भागकर अपने भाई दिलीप के यहां चला गया। फिर वह सतना चला गया और हनुमान नगर नई बस्ती में आनंद द्विवेदी के यहां किराए का कमरा लेकर कपड़ा सिलने का काम करने लगा और लगभग 08-10 साल तक रहा। उसी दौरान पड़ोस की कंचन सेन से उसका प्रेम संबंध हो गया। यहां वह मुंबई गया और गाड़ी चलाने लगा, उसके बाद सतना से कंचन सेन को बुलाकर मन्दिर में शादी की। आजाद नगर ब्रह्मांड मढ़वाली थाणे महाराष्ट्र में परवेन्दर दुबे के मकान में किराये का कमरा लेकर सपरिवार रहने लगा।
एसटीएफ को मिली जानकारी तो किया गिरफ्तार
एसटीएफ वाराणसी यूनिट के सीओ शैलेश प्रताप सिंह को जानकारी हुई कि 18 साल से फरार बदमाश मुंबई में छिपा है। इस पर निरीक्षक अमित श्रीवास्तव के नेतृत्व में टीम गठित हुई। उप निरीक्षक शहजादा खां, मुख्य आरक्षी विनय मौर्य, सत्यपाल, दिलीप कश्यप, आरक्षी रवि सिंह व आरक्षी चालक राजकुमार की टीम थाणे पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया।