वाराणसी (ब्यूरो)। अब बीएचयू कैंपस में छेड़खानी, मारपीट, उपद्रव या किसी व्यक्ति को बेवजह परेशान करने वाले स्टूडेंट्स या कैंपस में बाहर से आकर खुरापात करने वालों की खैर नहीं। इस तरह की घटना को रोकने और ऐसी हरकत करने वालों पर नजर रखने के लिए बीएचयू प्रशासन ने क्विक रिस्पांस टीम का गठन किया है। इस टीम के मेंबर 24 घंटे बीएचयू कैंपस के हर गेट और कॉलोनी में मौजूद रहेंगे। यही नहीं यहां यूपी पुलिस की तर्ज पर फैंटम दस्ता भी तैयार किया गया है, जो बीएचयू के स्टूडेंट्स और वहां रहने वालों की सेफ्टी के लिए हर वक्त तैयार रहेगी। इनके लिए बकायदा कॉलिंग व वाट्सएप नंबर के साथ ई-मेल आईडी उपलब्ध कराई गई है। अगर कहीं किसी प्रकार की घटना होती है तो इन नंबर्स पर कॉल करते ही महज 5 मिनट में फैंटम टीम मौके पर पहुंच जाएगी।
90 प्रतिशत तक घट गई कैंपस में होने वाली घटनाएं
सरदार पटेल हॉस्टल के वार्डन डॉ। धीरेन्द्र राय की मानें तो बीएचयू के स्टूडेंट्स द्वारा कभी किसी ऑटो वाले को मारने तो किसी दुकान पर खाकर पैसा न देने, किसी भी बाहरी को कुछ भी अनाप-शनाप बोल देने, 4-5 लड़कों का ग्रुप बनाकर मारपीट करने या एसएस हॉस्पिटल में आने वाले व्यक्ति से छोटी सी बात पर उलझ जाने और लड़की के साथ छेड़खानी करने जैसी शिकायतें अक्सर ऐसी मिलती रहती थी। ऐसी घटनाओं को रोकने के मकसद से 6 महीने पहले क्यूआर टीम बनाई गई थी, जो अब पूरी तरह से एक्टिव मोड पर है। इस टीम के माध्यम से इस तरह की हर छोटी-बड़ी घटनाओं पर 90 प्रतिशत तक रोक लग गई है। चोरी जैसी घटना तो शून्य हो गई है.
कैसी काम करती है फैंटम टीम
क्यूआर टीम में 6 कार और 6 बाइक से फैंटम दल तैयार किया गया है। जिसमें एक कार में सिक्योरिटी ऑफिसर, एक्स आर्मीमैन और बीएचयू के सिक्योरिटी गार्ड समेत 6 लोग व एक बाइक पर दो लोगों की टीम रहती है। किसी भी मुसीबत में फंसे किसी स्टूडेंट या अन्य लोगों द्वारा किया गया वाट्सएप मैसेज एक साथ 40 लोगों के पास पहुंच जाएगा, इसके बाद पास में स्थित जो भी फैंटम दस्ता मौजूद रहेगा वो 3 से 5 मिनट के अंदर मौके पर पहुंच जाएगा। सभी फैंटम टीम को निर्देश दिया गया है कि सूचना मिलने पर भी अगर वो समय पर मौका-ए स्थल पर नहीं पहुंचता है तो उसे नौकरी से बाहर भी कर दिया जाएगा।
मैसेज करते ही पहुंच जाएगा फैंटम
क्यूआर टीम को सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचा फैंटम दस्ता वहां उपद्रव कर रहे सख्स की फोटो ले लेने के साथ उसे चीफ प्रॉक्टर के पास ले जाएगा। जहां उक्त स्टूडेंट के पैरेंट्स को सूचना दी जाएगी। अगर उसने किसी का नुकसान किया होगा तो उसे उसकी भरपाई करनी होगी। ऐसा न करने पर उसके पैरेंट्स से वसूला जाएगा। बड़ी घटना को अंजाम देने वाले की डिग्री तक निरस्त कर दी जाएगी। डॉ। धीरेन्द्र राय का कहना है कि कैंपस में जा रही किसी लड़की को यह अंदेशा हो रहा हो कि कोई उसका पीछा कर रहा है तो ऐसी स्थिति में अगर वह कॉल न कर दिए गए आईडी पर मेल या नंबर पर वाट्सएप कर देगी तो वहां तुरंत फैंटम उसकी मदद के लिए पहुंच जाएगी।
कैंपस में बाहरी लोगों की मनमानी बंद
अधिकारियों की मानें तो यहां बाहर से आने वाले युवकों की मनमानी भी काफी बढ़ गई थी। यहां स्टूडेंट्स के साथ मिलकर उत्पात मचाने वालों की भी धर-पकड़ कर काफी हद तक क्राइम कंट्रोल किया गया है। यह टीम सिर्फ बीएचयू के स्टूडेंट्स ही नहीं यहां आने वाले बाहरी युवकों और अन्य लोगों पर नजर रख रही है। रात 10 बजे के बाद कैंपस में आने वाले किसी भी व्यक्ति को अंदर जाने से पहले वहां मौजूद क्यूआर टीम को जैनविन रीजन बतानी होगी। शक होने पर या बिना जस्टीफाइड रीजन के उसे एंट्री नहीं मिलेगी।
पुलिस की भी ली जा सकती है मदद
घटना की सूचना मिलने पर अगर मामला छोटा होगा तो इसकी सूचना प्रॉक्टोरियल बोर्ड को दी जाएगी। यदि कोई बड़ा क्राइम होगा तो चीफ प्रॉक्टर के साथ पुलिस को बुलाया जाएगा.
इस प्लान को धरातल पर उतारने का मकसद बीएचयू स्टूडेंट्स और बाहरी लोगों के उपद्रव को रोकना है, ताकि कैंपस में बेहतर माहौल कायम रहे। इन 6 माह में इसका काफी असर देखने को मिला है। अब बाहरी हो या बीएचयू के स्टूडेंट, कोई ये न सोचे कि वह कुछ भी कर लें और उसे पकड़ा नहीं जाएगा। कैंपस के चप्पे-चप्पे पर फैंटम दल तैनात है।
प्रो। अभिमन्यु सिंह, चीफ प्रॉक्टर, बीएचयू