चेतगंज हो या जगतगंज, मच्छोदरी हो या पाण्डेयपुर, हर जगह पांच फरवरी को होने वाली सरस्वती पूजा के लिए पंडाल नियम व कानून को ठेंगा दिखाकर बनाये जा रहे हैं। इसके चलते लगभग हर पूजा पंडाल पर खतरा मंडरा रहा है। कहीं यह खतरा बिजली के हाइटेंशन तार से है तो कहीं ट्रांसफॉर्मर से। कई जगह नंगे बिजली के तारों के ठीक नीचे पूजा पंडाल तैयार करा दिया गया है। यहां तक कि उसे बनाने में कॉटन कपड़े की जगह सिंथेटिक का यूज किया गया है। हालांकि पूजा पंडालों को लेकर पुलिस अभी जानकारियां कलेक्ट कर रही है। एसपी सिटी के मुताबिक सरस्वती पूजा पंडालों की सेफ्टी जरूरी है और हर पूजा पंडालों के आयोजनकर्ताओं को ये बात ध्यान रखना चाहिए।
नियम से हमें क्या
- सिटी में रजिस्टर्ड हैं 100 से ज्यादा सरस्वती पूजा पंडाल। जबकि हजारों की संख्या में बैठाई जाती हैं सरस्वती प्रतिमाएं।
- चेतगंज, कबीरनगर, जगतगंज, विशेश्वरगंज, नई सड़क, पाण्डेयपुर समेत तमाम गलियों में बिजली के तारों के नीचे बन रहे हैं पंडाल।
- किसी भी पंडाल के पास या ऊपर से गुजरेबिजली तारों को इन्सुलेटर से नहीं किया गया है कवर।
- आदेश के बाद भी पंडालों में नहीं रखे जाते हैं फायर एक्सटिंग्यूशर और बालू।
- हर पंडाल में मिनिमम दो एग्जिट पॉइंट्स के निर्देश के बाद भी मैक्सिमम जगह है एक ही एग्जिट गेट।