वाराणसी (ब्यूरो)। बाराबंकी में मंगलवार शाम लखनऊ से लौटते समय स्कूली बच्चों से भरी बस बाइक सवार को बचाने के चक्कर में पलट गई। मौके पर ही पांच बच्चों की मौत हो गई। इस घटना से हड़कंप मच गया। यहां आपको यह जानना जरूरी है कि बनारस में भी अनफिट स्कूली वाहन दौड़ रहे हैं। अगर ध्यान नहीं दिया गया तो यहां भी बड़ा हादसा हो सकता है। दो दिन पहले ही शासन ने जुलाई में स्कूल खुलने से पहले परिवहन विभाग को स्कूली वाहनों को दुरुस्त कराने का निर्देश दिया है।
कुछ महीने पहले आरटीओ विभाग ने 2345 स्कूली वाहनों को चेक कराया था, जिसमें लगभग 150 वाहन अनफिट पाए गए थे। यह तो आरटीओ में पंजीकृत स्कूली वाहनों की स्थिति है, लेकिन शहर में 2 हजार से अधिक अनाधिकृत अनफिट वाहन दौड़ रहे हैं। अवैध वसूली के चलते इन वाहनों को चेक नहीं किया जाता।
अनफिट वाहन से 21 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं
संभागीय परिवहन विभाग की ओर से अनफिट वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया जाता है। बावजूद अनफिट वाहनों की संख्या कम नहीं, बल्कि लगातार बढ़ती जा रही है। शहर में नामी स्कूलों की संख्या 20 से अधिक है। सिर्फ इन स्कूलों की बात करे तो उनके पास तीन हजार से अधिक बसें है, लेकिन आरटीओ में पंजीकृत स्कूली वाहनों की संख्या 2345 है। इसके अलावा पांच से दस बसों वाले स्कूल-कालेजों की संख्या 50 से अधिक है। इनमें से अधिकतर बसें आरटीओ में पंजीकृत नहीं हैं। इसके अलावा मैजिक और ऑटो की संख्या पांच हजार से अधिक है, जो पंजीकृत नहीं है।
सीएम के आदेश की अनदेखी
स्कूली वाहनों के आए दिन दुर्घटनाग्रस्त होने, कई बच्चों की जान जाने, यातायात व परिवहन विभाग की कार्रवाई से असंतुष्ट होने से नाराज सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त रवैया अपनाया था। सीएम ने जिलाधिकारी को खुद कमान संभालते हुए डग्गामार स्कूली वाहनों के खिलाफ कार्रवाई कराने का निर्देश दिया था। डीएम को जिला विद्यालय यान परिवहन सुरक्षा समिति का गठन करते हुए बच्चों को ढोने वाले स्कूली वाहन के संचालन की रणनीति बनाने को कहा था। समिति की ओर से पास स्कूली वाहन से कोई दुर्घटना होती है कि उनकी जवाबदेही होगी। डीएम ने परिवहन विभाग को स्कूल प्रबंधन से संपर्क कर विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति का गठन कराने को कहा था। यह समिति जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में बैठक कराएगी, लेकिन इन आदेशों का पालन धरातल पर नहीं हो रहा है.
चालक के लिए यह हैं शर्तें
- चालक के पास पांच साल का अनुभव.
- एक साल में दो बार यातायात नियमों का उल्लंघन नहीं किया हो.
- विद्यालय सुरक्षा समिति का अनुमोदन.
- चालक का रोज होगा परीक्षण, रजिस्टर में होगा दर्ज.
- निर्धारित सीमा का नहीं हो उल्लंघन.
- सभी छात्र हरहाल में लगाएं बेल्ट.
- चालक और कंडक्टर वर्दी में हों.
फैक्ट एंड फीगर
- 80 हजार बच्चे ढाई हजार बसों में स्कूल आते-जाते हैं
- 1.20 लाख बच्चे वैन, ऑटो, टेम्पो व ई-रिक्शा यूज करते हैं
- 2400 स्कूली बस और वैन आरटीओ में पंजीकृत हैं
- 2200 स्कूली वाहन जांच में फिट मिले
- 2 हजार से अधिक अनाधिकृत अनफिट वाहन दौड़ रहे हैं
- 100 से अधिक स्कूलों को नोटिस भेज जा चुकी है।
एआरटीओ प्रशासन को प्रवर्तन अधिकारियों से समन्वय बनाकर स्कूल प्रबंधन को चेतावनी नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया है। 20 जून तक स्कूली वाहनों को दुरुस्त नहीं कराने पर उनके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
शिखर ओझा, आरटीओ