वाराणसी (ब्यूरो)न्यू ईयर के आगाज के साथ ही काशी में फेस्टिव सीजन आरंभ हो गयामकर संक्रांति, लोहड़ी के साथ पोंगल के त्योहारों की धूम दिखने लगी हैकाशी के लोग फिर से फेस्टिव मूड में आ गया हैकोई पंजाबी में न्यू कपल्स अपनी लोहड़ी मनाएंगे तो सनातन धर्म के लोग मकर संक्रांति और तमिल समाज के लोग पोंगल को खास बनाने में लगे हैंफिलहाल शिव की नगरी काशी में चारों तरफ त्योहारों की धूम हैखासकर पंजाबी मुंडे और कुडिय़ां ज्यादा उत्सुक हैं जिनका विवाह इस सीजन में हुआ है.

ढोल-नगाड़े पर भांगड़ा

शनिवार से लोहड़ी पर्व की धूम पंजाबियों में दिखने लगेगीपहली फसल कटने के बाद इस होलड़ी को पंजाबी के लोग काफी धूम-धाम से मनाते हैइसके लिए एक दिन पहले से ही तैयारियां शुरू हो गई हैंसोसायटी व कालोनियों में लोहड़ी की धूम दिखने लगी हैआग जलाकर ढोल-नगाड़े की थाप पर डांस करेंगे और एक-दूसरे को मूंगफली की पट्टियां और रेवडिय़ां खिलाएंगे.

न्यू कपल्स काफी एक्साइटेड

पंजाबी में खासकर न्यू कपल्स इस पर्व को लेकर काफी उत्साहित हैक्योंकि मैरेज के बाद अपनी वाइफ के साथ पहली बार लोहड़ी चितईपुर स्थित आवास में मनाएंगेइस फेस्टिव को मनाने के लिए अखिल शभरवाल कनाडा से अपनी वाइफ के साथ बनारस आए हैवह शनिवार से ही लोहड़ी मनाने के लिए सारी तैयारियां कर चुके हैरविवार को अपनी कालोनी में आग जलाकर ढोल-नगाड़े पर अपनी वाइफ दृष्टि सभरवाल के साथ डांस करेंगेयही नहीं एकजोत सिंह और गुनिका कौर भी इस पर्व को लेकर काफी एक्साइटेड हैउनका कहना है कि पंजाबियों को सबसे बड़ा पर्व हैइसे धूमधाम से सभी लोग मनाते है.

पोंगल को लेकर तैयारी तेज

हनुमानघाट स्थित कांची मठ पोंगल की तैयारियां तेजी से चल रही हैमठ के प्रभारी वीएस सुब्रमण्यम ने बताया कि पोंगल का पर्व तमिल समाज में काफी धूमधाम से मनाया जाता हैभगवान भास्कर को गुड़ की खीर का भोग लगाते हैइसमें प्रकृति को धन्यवाद देना और उनके प्रति अपना आभार प्रकट किया जाता हैपोंगल पर्व के दिन विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते है और भगवान भास्कर को भोग लगाया जाता हैइसके अलावा घरों में पर्व के एक दिन पहले ही साफ-सफाई कर सजाया जाता हैनयी चीजें लायी जाती है और पुराने को हटा दिया जाता हैधान की बालियों से घर का द्वार सजाते हैकाशी में जितने भी तमिल समाज के लोग वह पोंगल पर्व के दिन घर को सजाते हैदक्षिण भारत में हर घर में ह पर्व मनाया जाता है

हल्दी के पौधे का पूजन

पोंगल के दिन हल्दी के पौधे का पूजन भी किया जाता हैइस दिन इस पर्व को दीवाली, दशहरा की तरह मनाया जाता हैइसको लेकर दो दिन पहले से ही मार्केट में खरीदारी शुरू हो जाती हैकांची मठ में भी तैयारियां चल रही है.

मकर संक्रांति की धूम

शहर में लोहड़ी, पोंगल के साथ मकर संक्रांति की धूम चारों तरफ दिखाई देने लगी हैलईया, पट्टी, ढूंढा की दुकानें सज गयी है। 15 जनवरी को सनातनी लोग गंगा में स्नान, ध्यान करने के दान-पुण्य करेंगेभगवान भास्कर दक्षिणायन से उत्तरायन होने पर पूजन करेंगेदिनभर पतंगबाजी का दौर चलेगामार्केट में अभी से मकर संक्रांति की खरीदारी शुरू हो गयी हैचारों तरफ अस्थायी पट्टी, ढूंढा की दुकानें सज गयी हैइस दिन लईया, पट्टी का कारोबार लाखों में होता है.

इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगीइसके लिए तैयारियां चल रही हैंगंगा में स्नान करने के बाद मंदिरों में दर्शन-पूजन के बाद दान-पुण्य किया जाता है.

उमंगनाथ शर्मा, ज्योतिषाचार्य

15 को कैंटोनमेंट स्थित होटल में लोहड़ी का आयोजन किया गया हैइसके लिए तैयारियां चल रही हंैइसमें काफी लोग शामिल होंगे.

अजीत मल्होत्रा, कोषाध्यक्ष, खत्री हिताकरिणी सभा

जिस तरह से काशी में मकर संक्रांति मनायी जाती है उसी तरह से दक्षिण भारत में पोंगल मनाया जाता हैकांची मठ में पोंगल की तैयारियां चल रही है.

वीएस सुब्रमण्यम, प्रभारी, कांची मठ

नयी फसल कटने के बाद लोहड़ी का पर्व मनाया जाता हैइस बार भी कैंटोनमेंट लोहड़ी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा.

नताशा तनेजा, अध्यक्ष, पूर्वांचल उद्योग व्यापार मंडल