वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी और आसपास जिले के फल, फूल और सब्जियां नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। वाराणसी से पहली बार एक महीने में 100 मीट्रिक टन पेरिशेबल उत्पाद निर्यात किया गया है। सरकार की नीतियों और कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण की सक्रियता से ये रिकॉर्ड बन पाया है। किसानों के अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता पैदावार और एफपीओ मदद से वाराणसी से हरी सब्जियों और फलों का निर्यात संभव हो पा रहा है। शुक्रवार को वाराणसी 400 मीट्रिक टन का कनसाइनमेंट वाराणसी के लाल बहादुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दुबई भेजा गया है, जिसे एपीडा के चेयरमैन अभिषेक देव वर्चुअली फ्लैग ऑफ करके रवाना किया गया.
रंग लाने लगी किसानों की मेहनत
पूर्वांचल की अन्नदाताओं की मेहनत अब रंग लाने लगी है। किसानों के उत्पाद अब विदेश सैर करने लगे हैं। एपीडा के चेयरमैन अभिषेक देव ने शुक्रवार को करीब 500 किलोग्राम आलू को वर्चुअली झंडी दिखाकर बाबतपुर एयरपोर्ट से शारजाह के लिए रवाना किया। एपीडा के चेयरमैन ने बताया कि वाराणसी एयरपोर्ट से खाड़ी देशो के लिए पूर्वांचल की सब्जियां और फल नवंबर महीने में सबसे ज्यादा निर्यात हुआ है, जिसकी मात्रा 100 मीट्रिक टन से अधिक है। ये अपने आप में रिकॉर्ड है। उल्लेखीय है कि नवंबर माह में लगभग 40 मीट्रिक टन की खेप गई जिसको लेकर नवंबर माह में कुल 122 मीट्रिक टन का निर्यात हुआ है।
एफपीओ सक्रियता से कर रहे कार्य
एपीडा के क्षेत्रीय कार्यालय के उप महाप्रबंधक ने बताया कि अभी तक एक महीने में अंतराष्ट्रीय स्तर के उत्पाद 70 से 90 मीट्रिक निर्यात हो पा रहा था। उन्होंने जानकारी दी कि लगभग 10 से 12 एफपीओ पूर्वांचल में सक्रियता से काम कर रहे हैं, जिससे जुड़े पूर्वांचल के लगभग 5000 से अधिक किसान इंटरनेशनल स्तर की उपज पैदा कर रहे है, जो निर्यात से सीधे लाभान्वित हो रहे है। मुख्य रूप से निर्यात होने वाली सब्जियों और फलों में हरी मिर्च,मटर, टमाटर, केला, सिंघाड़ा, आलू, गेंदे का फूल, अरवी, करौंदा, बींस, आम आदि हैं.