वाराणसी (ब्यूरो)हर मेडिकल स्टोर्स पर तीमारदारों की भीड़ बता रही है कि दवा की खपत दोगुना नहीं पांच गुना बढ़ गयी हैदिन तो दिन रात के दस बजे के बाद भी पर्चा लिए लोग दवा लेने के लिए परेशान हैंपर्चे पर लिखी दवा पूरी मिल गयी तो गनीमत मानिए नहीं तो दूसरे दिन दोबारा मेडिकल स्टोर्स के लिए दौड़ लगाना पड़ रहा हैवजह पिछले एक महीने के अंदर वायरल फीवर, डेंगू, चिकनगुनिया, स्क्रब टाइफस और टायफाइड बीमारियों ने पूरे शहर को कैप्चर कर लिया है

हर घर में बीमार

हर घर में हर दूसरा और तीसरा आदमी इन बीमारियों की चपेट में हैइसके चलते दवाओं की मांग पांच गुना बढ़ गयी हैयकीन नहीं होगा आपको प्रतिदिन जहां 10 हजार टेबलेट की खपत होती थी इन दिनों बढ़कर करीब 50 से 60 हजार टेबलेट की खपत प्रतिदिन हो रही है

पांच करोड़ प्रतिदिन बिक्री

यानि पांच करोड़ की दवाओं की बिक्री प्रतिदिन हो रही हैअगर पूर्वांचल के जिलों को भी जोड़ दिया जाए तो यह आंकड़ा बढ़कर तीन गुना हो जाएगाइसके बाद भी दवाओं की शॉर्टेज बनी हुई हैइस सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि एक महीने के अंदर डेढ़ अरब की दवाइयां सिर्फ बुखार, पेन किलर और विटामिन्स की बिक गयी है.

डेंगू, वायरल से बढ़ी खपत

कोरोना में इंजेक्शन के लिए मारामारी की स्थिति थी वही सिनेरियो इन दिनों वायरल की दवाओं के लिए हैफर्क बस इतना है कि कारोना काल के दौरान दो गज की दूरी का पालन करते हुए दवा लेने के लिए होड़ मची थीइन दिनों वायरल की दवा लेने के लिए मारामारी की स्थिति हैइनमें सबसे अधिक पैरासिटामाल, एंटीबायोटिक के अलावा पेन किलर की दवाओं की मांग सबसे ज्यादा है

स्टाक हफ्ते में समाप्त

मरीजों की संख्या जिस प्रकार से बढ़ रही है उसी तरह से दवाओं की खपत भी बढ़ रही हैदवा एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मानें तो महीने भर का दवाओं का स्टाक हफ्ते भर भी नहीं चल रहा हैइतनी टैबलेट की इतनी मारामारी कोरोना काल के समय में भी नहीं थी

पूर्वांचल में सप्लाई

दवा कारोबारियों की मानें तो दवा की खपत सिर्फ शहर में ही नहीं है बल्कि पूर्वांचल के जिलों में भी हैसप्तसागर मंडी से प्रतिदिन दवाओं की खेप आजमगढ़, जौनपुर, भदोही, चंदौली, सोनभद्र, बलिया, मिर्जापुर में भी दवाओं की सप्लाई हैइन जिलों में भी सबसे अधिक वायरल की दवाओं की डिमांड ज्यादा हैपूर्वांचल के जिलों में प्रतिदिन 7 से 8 करोड़ की दवाइयों की सप्लाई हो रही हैडिमांड को देखते हुए दवा कारोबारियों ने एडवांस दवा के लिए आर्डर दे रखे है.

डोलो, कॉलपोल की मांग

मार्केट में वायरल फीवर से छुटकारा के लिए ज्यादातर डाक्टर डोलो, पैरासिटामाल के अलावा कॉलपोल के टैबलेट ज्यादा लिख रहे हैमार्केट में सबसे अधिक इन्हीं दवाओं की डिमांड हैइसके अलावा बच्चों के लिए पैरासिटामॉल सिरप और कॉलपोल सिरप की मांग ज्यादा हैइसके अलावा पैरासिटामॉल के टेबलेट 10 ब्रांडेड और 15 जेनरिक के टेबलेट मौजूद हैइसके अलावा एसिक्लोफिनेक, पैरासिटामॉल विद डाइक्लोपिनेक, निमोस्लाइड, पैरासिटामॉल-आइबूपेन भी बिक रही हैं। इनमें 250, 500 और 650 एमजी की टेबलेट के साथ बच्चे का पैरासिटामॉल सिरप भी शामिल है।

एंटीबायोटिक की मांग बढ़ी

डाक्टर इंफेक्शन से बचने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं को भी ज्यादा लिख रहे हैइसके अलावा पेन किलर को भी लिख रहे हैमेडिकल स्टोर्स पर सबसे अधिक दवा पेन किलर और एंटीबायोटिक के अलावा बुखार की दवा सबसे अधिक मौजूद हैक्योंकि पेशेंट सबसे अधिक इन्ही दवाओं की मांग ज्यादा कर रहे हैदवा कारोबारियों के मुताबिक लोग इन दिनों एजिथ्रोमाइसिन टैबलेट का काफी इस्तेमाल कर रहे हैं.यह एंटीबायोटिक दवा है्रइसके अलावा डेंगू में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए दवा खरीद रहे है.

पेशेंटस की संख्या में आम दिनों की अपेक्षा पांच गुना इजाफा हो गया हैइसी प्रकार से दवाओं की मांग भी बढ़ गयी हैबुखार, पेनकिलर से लेकर एंटीबायोटिक दवाओं की खपत चार से पांच गुना बढ़ गयी है.

डॉएसपी सिंह, एसआईसी, मंडलीय हॉस्पिटल, कबीरचौरा

दवाओं की बिक्री छह गुना बढ़ गयी हैकिसी भी कीमत पर दवाओं की शॉर्टेज होने नहीं देंगेइसके लिए सभी दवा कारोबारी एकजुट हैआम दिनों में जहां 1 करोड़ की दवा की खपत होती थी वहीं इन दिनों 5 करोड़ दवा की खपत प्रतिदिन हो रही है

संजय सिंह, महामंत्री, दवा विक्रेता समिति