वाराणसी (ब्यूरो)। काशी ने कमाल कर दिया। बर्थ रजिस्ट्रेशन में स्टेट के 74 जिलों को पीछे छोड़ते हुए फस्र्ट पोजिशन हासिल की है। स्वास्थ्य भवन लखनऊ से 2024 के फरवरी के फस्र्ट वीक के आंकड़ों में वाराणसी जिले ने सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) पोर्टल पर किए गए जन्म पंजीकरण के कार्य में लक्ष्य के सापेक्ष अधिक उपलब्धि (157 परसेंट) हासिल की है। जबकि दूसरे नंबर पर मथुरा, तीसरे नंबर पर गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) है। जबकि टॉप-20 में वाराणसी के अलावा बड़े शहरों में सिर्फ लखनऊ है।
रजिस्टर्ड कराना कानूनन जरूरी
नगर निगम, पंचायती राज एवं राजकीय चिकित्सालय के बर्थ-डेथ रजिस्ट्रेशन में रजिस्ट्रारों के प्रयास के चलते पूरे प्रदेश की उपलब्धि 76 फीसदी दर्ज की गई है। सीएमओ ने बताया कि बर्थ-डेथ की प्रत्येक घटना को रजिस्टर्ड कराना कानूनन तौर पर जरूरी है। उन्होंने कहा, बर्थ-डेथ सर्टिफिकेट घटना घटित होने के तथ्य और स्थान व तारीख का स्थायी लेखा-जोखा है।
प्रदेश स्तर पर साप्ताहिक रैंकिंग
सीएमओ ने बताया, सीआरएस पोर्टल पर जन्म व मृत्यु की घटनाओं का पंजीकरण किया जाता है। टारगेट के आधार पर पोर्टल पर किए गए सभी बर्थ रजिस्ट्रेशन के लिए प्रदेश स्तर पर साप्ताहिक रैंकिंग निर्धारित की जा रही है। डिस्ट्रिक्ट लेवल पर इसकी समीक्षा डीएम और सीडीओ की ओर से की जाती है।
इन बातों का रखें ध्यान
-प्रदेश में जन्म लेने वाले प्रत्येक बच्चे एवं घटित होने वाली प्रत्येक डेथ का रजिस्ट्रेशन कानूनन अनिवार्य है।
-बर्थ-डेथ रजिस्ट्रेशन उसके घटित होने के स्थान पर स्थानीय रजिस्ट्रार (बर्थ एवं डेथ) से कराना होता है।
-बर्थ-डेथ रजिस्ट्रेशन 21 दिन के अन्दर कराकर नि:शुल्क प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
-बर्थ रजिस्ट्रेशन बच्चे का अधिकार है।
-रजिस्ट्रार के अलावा अन्य किसी अधिकारी को बर्थ-डेथ सर्टिफिकेट निर्गत करने का अधिकार नहीं है.
बर्थ सर्टिफिकेट की कहां जरूरत
1. स्कूल में एडमिशन के समय.
2. राशन कार्ड में बच्चे का नाम बढ़ाने के लिए.
3. इंश्योरेंस पालिसी के लिए।
4. ड्राइविंग लाइसेंस के लिए।
5. पासपोर्ट बनवाने के लिए।
6. सरकारी एवं गैर सरकारी सेवाओं में प्रवेश के लिए।
7. मतदान का अधिकार एवं चुनाव उम्मीदवारी के लिए.
8. स्वयं विवाह का अधिकार प्राप्त करने के लिए.
9. बाल विवाह एवं बच्चों के अनैतिक व्यापार के विवादों के निपटाने के लिए.
10. अन्य उद्देश्य जहां आयु प्रमाणन की आवश्यकता है.
यह जानना जरूरी
-जन्म के 21 दिनों के अन्दर सूचना देने पर रजिस्ट्रार द्वारा रजिस्ट्रीकरण के तत्काल बाद फ्री में बर्थ सर्टिफिकेट मिल जाते हैं.
-21 दिन के बाद 30 दिनों के अन्दर सूचना देने पर सम्बन्धित रजिस्ट्रार द्वारा 2 रुपए विलम्ब शुल्क लेकर रजिस्ट्रेशन होने के बाद सर्टिफिकेट मिलता है।
-31 दिनों से 1 वर्ष के अंदर सूचना देने पर सम्बन्धित रजिस्ट्रार द्वारा 5 रुपए विलम्ब शुल्क तथा नोटरी (हलफनामा) के साथ उपमुख्य चिकित्साधिकारी (शहरी क्षेत्र के लिए) तथा जिला पंचायतराज अधिकारी (ग्रामीण क्षेत्र के लिए) की अनुमति से रजिस्ट्रोशन किये जाएंगे।
- 1 वर्ष के बाद सूचना देने पर सम्बन्धित रजिस्ट्रार द्वारा 10 रुपए विलम्ब शुल्क तथा उप जिलाधिकारी (एसडीएम) के लिखित आदेश पर बर्थ-डेथ रजिस्ट्रेशन किये जाएंगे।
बर्थ व डेथ का रजिस्ट्रेशन कर रहे रजिस्ट्रारों एवं उनके सहयोगी कर्मियों का कार्य सराहनीय है, जिसके कारण वाराणसी पूरे प्रदेश में टॉप लेवल पर पहुंचा है। भविष्य में इसी जोश व उत्साह के साथ कार्य करने की उम्मीद है, ताकि यह लेवल मेंटेन रहे।
डॉ। संदीप चौधरी, सीएमओ वाराणसी
टॉप-5 जिले
1. वाराणसी
2. मथुरा
3. गौतम बुद्ध नगर
4. शामली
5. झांसी
बड़े जिलों का क्या परफॉर्मेंस
जिला --- रैंक ----- उपलब्धि (परसेंट में)
वाराणसी - 1 ------- 157
लखनऊ - 11 ------- 107.9
गोरखपुर - 26 ------- 82.6
मेरठ --- 40 ------- 70
बरेली --- 48 ------ 66.5
आगरा --- 64 ------ 56.1
कानपुर --- 65 ------ 55.7
प्रयागराज -- 72 ----- 48.3