वाराणसी (ब्यूरो)नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से शहरी समाज के माहौल इको फ्रेंडली और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए दोनों संस्थाओं के द्वारा आये दिन कार्य करवाये जाते हैऐसे में एक बार पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम संयुक्त रूप से शहर के तीन विभिन्न लोकेशन प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट लगाने जा रहे हैैंइन यूनिट को लगाने और स्थापित करने के साथ संचालित करने के लिए होने वाले खर्चे की रकम की भी शासन से स्वीकृति मिल चुकी हैजिसको देखते हुए दोनों संस्थाओं ने शहर के अंदर लोकेशन का भी चयन कर लिया है और इस पर अपने प्रोजेक्ट वर्क के तहत कार्य भी करना शुरू कर दिया है, जिसके बाद कयास लगाये जा रहे हंै कि जल्द ही शहर के अंदर से निकलने वाली समस्त प्रकार के प्लास्टिक का निस्तारण इन्हीं प्लाटों के माध्यम से आसानी से कर लिया जायेगा.

तीन लोकेशन पर लगेगी यूनिट, प्रति यूनिट 16 लाख होंगे खर्च

शहर के अंदर और बाहरी भाग को कंट्रोल करने के लिए जिन तीन लोकेशनों पर प्लांट लगाने की कवायद चल रही है उनका चयन भी कर लिया गया हैइसको देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से पिंडरा ब्लॉक के नोहिया,सेवाुपरी ब्लॉक के भीषमपुर,चिरईगांव के बर्थरा कला गांव का चयन किया गया हैइन लोकेशन पर प्लांट लगाने के बाद नगर निगम की कूड़ा गाडिय़ों की मदद से शहर के प्रत्येक लोकेशन से प्लास्टिक कूड़ों को उठाने के बाद इन प्लांटों को डिलीवर किया जायेगाइसके बाद यही प्लांट इन कूड़ों का निस्तारण करेंगेऑडिट रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक प्लांट को डेवलप करने और संचालित करने के लिए कम से कम 16 लाख रुपये का खर्च आयेगा जो कि तीनों प्लांटों के हिसाब से 48 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान बताया जा रहा है.

प्लांट से निकले कचरे से करेंगे आमदनी

ऐसे में विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि प्लास्टिक के अपमार्जन करने के पश्चात एक तरफ जहां पर्यावरण को अनुकूल बनाने में मदद मिलेगी तो वहीं दूसरी तरफ इससे निकलने वाले कचरे को भी दूसरी एजेंसियों को सेल करके आमदनी भी की जायेगीबताया जा रहा है कि प्लास्टिक के अपमार्जन के बाद भारी मात्रा में हार्ड अवयव निकलेंगे जिनको पीडब्ल्यूडी को सेल किया जायेगाजो कि इनकी मदद से शहर के अंदर सड़क निर्माण के कार्यो में इस्तेमाल कर सकेंगीइतना ही नही इन कचरों को आरइएस सहित अन्य जिम्मेदार संस्थाओं को भी सेल किया जायेगा जो कि इनका उपयोग अपनी आवश्यकता के अनुसार कर सकेंगी.

70 एमएम से ऊपर सभी प्लास्टिकों का होगा निस्तारण

इस बारे में बताया जा रहा है कि वे प्लास्टिक जो कि पर्यावरण हितैषी नहीं हैैं, उन सभी का निस्तारण बहुत ही आसानी से किया जा सकेगाजिसमें 70 एमएम से लेकर उसके ऊपर के सभी प्लास्टिकों का निस्तारण आसानी से किया जा सकेगाजिसमें बाजार में मिलने वाले सभी प्रकार के कोल्ड ड्रिंक और पानी के बाटल के साथ ही खाने पीने वाले आइटमों के रैपर के साथ ही प्लास्टिक के बने अन्य हार्ड उत्पाद जैसे कप गिलास और कटोरी का भी निस्तारण आसानी से किया जा सकेगा.

हम लोगों का इन प्लांटों को लगाने का मूल उद्देश्य है कि शहर को पूरी तरीके से प्लास्टिक मुक्त किया जा सकेइनकी मदद से जो भी प्लास्टिक किन्हीं कारणों से निस्तारित नही हो पाती है उन्हें निस्तारित करने में मदद मिल जायेगीइसमें हमारी टीम थ्री आर मेथड पर वर्क करेगीजिसमें रिडयूस,रीयूज,रिसाईकल मेथड को फालो किया जायेगा.

एससी शुक्ला, रीजनल आफिसर,प्रदूषण निंयत्रण बोर्ड

प्लास्टिक बहुत ही घातक अवयव है जिसके कारण मृदा से लेकर वायु प्रदूषण होता हैउसी को दूर करने के लिए प्लांट की मदद से कार्य किया जायेगा.

संदीप श्रीवास्तव, पीआरओ,नगर निगम