वाराणसी (ब्यूरो)। स्वच्छता सर्वेक्षण सिटीजन फीडबैक 2016 में बनारस प्रदेश में नंबर वन रहा था। लेकिन इस बार वह पिछड़ गया है। चौंकाने वाली बात ये है कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी शहर का यह हाल है। चार जुलाई से शुरू हुए सिटीजन फीडबैक में अब तक दो हजार लोगों ने दिलचस्पी दिखाई है। अगर इसी सुस्ती से फीडबैक आता रहा तो बनारस इस बार नंबर वन रैंक तो दूर तीसरे और चौथे नंबर पर भी नहीं आ पाएगा। हालांकि अभी सिटीजन फीडबैक की अंतिम तिथि 15 अगस्त है.
जी-20 व सावन में व्यस्त
नगर निगम के अफसरों का कहना है कि जी-20 में व्यस्त रहने के चलते सिटीजन फीडबैक की ब्रांडिंग नहीं हो सकी। इससे फ्री हुए तो सावन की तैयारियों में व्यस्त हो गए। अब फीडबैक का आंकड़ा बढ़ाने के लिए नगर निगम के अफसर युद्धस्तर पर लग गए है। लोगों को मैसेज भेजेंगे इसके साथ जुडऩे के लिए भी जागरूक करेंगे। अफसरों का कहना है कि नगर निगम के पास अभी 15 अगस्त तक का समय है। एक महीने के अंदर नगर निगम बनारस को सबसे ऊंचे पायदान पर लाने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगा देंगे.
शहर की हालत ठीक नहीं
2023 में बनारस की हालत ठीक नहीं है। नंबरिंग के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण पहलू सिटीजन फीडबैक के मामले में नगर निगम अब तक फिसड्डी साबित हो रहा है। गूगल लिंक पर देरी से शुरू हुई रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, लिंक में प्रॉब्लम, नेटवर्क की गड़बड़ी के चलते भी लोगों का फीडबैक पर असर पड़ रहा है। अभी तक लगभग दो हजार लोग ही जुड़ सके है। चार जुलाई से सिटीजन फीडबैक की प्रक्रिया शुरू हुई थी।
एक लाख लोगों का लक्ष्य
सिटीजन फीडबैक के तहत एक लाख लोगों को जोडऩे का लक्ष्य रखा गया है। स्टार रेटिंग के लिए कम से कम पचास हजार लोगों का जुडऩा अनिवार्य है। इससे कम होने पर रैंकिंग पर भी असर पड़ेगा। एक हफ्ता पहले पहले शुरू की गई फीडबैक प्रक्रिया में 15 अगस्त तक रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। कर्मचारी एक-दूसरे व आने वालों का मोबाइल लेकर फीडबैक लेने में जुटे है.
सिटीजन फीडबैक काशी की जनता से लिया जा रहा है। अधिक से अधिक लोगों से जुडऩे के लिए भी कहा जा रहा है। एक सप्ताह के अंदर फीडबैक का आंकड़ा और बढ़ेगा.
दुष्यंत मौर्या, अपर नगर आयुक्त