वाराणसी (ब्यूरो)। गर्मी की छुट्टिïयां बिताने के लिए कुछ साल पहले तक बच्चे अपने नाना-नानी, मौसी और अन्य रिलेटिव के यहां जाने को बेताब रहते थे। कम से कम 15 दिनों से एक महीने की छुट्टिïयां काटकर अच्छी आदतों, खेल, व्यवहारिक व नए अनुभव लेकर अपने पैरेंट्स के पास लौटते थे। लेकिन अब जमाना बदल गया है। बदलते दौर के हिसाब से खाली समय और हालीडे स्पेंड करने के तरीकों में बड़ा बदलाव आया है। लिहाजा, बच्चे व टीनएजर्स अब डिजिटल वल्र्ड के बड़े प्लेटफॉर्म पर घंटों ऑनलाइन गेम में समय और छुट्टिïयों को स्पेंड कर रहे हैैं। इतना ही नहीं कोविड काल के बाद तो इनकी तादात में जबरदस्त उछाल आया है और यूपी के बड़े महानगरों को पछाड़ते हुए बनारस पहले पायदान पर काबिज हो गया है। हाल ही जारी इंडिया मोबाइल गेमिंग (एमपीएल) रिपोर्ट-2022 में गंगा किनारे जिले में लुडो डाइस, स्नेक एंड लेडर्स, कैरम, फ्रूट डार्ट, ब्लॉक पज्जल और तीन पत्ती समेत दो दर्जन से अधिक टाइप्स के अल्ट्रा गेमर्स एक्टिव हैं.
स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर
रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में वाराणसी सबसे मोबाइल गेमिंग में सबसे अव्वल है। इसके बाद कानपुर, प्रयागराज और लखनऊ का नंबर है। बहरहाल, देखा जाता है कि 10 साल के बच्चे से लेकर 17 साल तक के किशोर खाली टाइम में जमकर गेम खेलते हैैं। ऑनलाइन यानि सिल्वर स्क्रीन पर अधिक समय बिताने की वजह से बच्चों के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर भी देखने को हेल्थ रिपोर्ट में देखने को मिल रहा है। वहीं, कई किशोर तो गेम्स को कसीनों फॉर्म के भी आदती हो गए हैैं। इससे जुए की लत को भी इंकार नहीं किया जा सकता है। बहरहाल, बनारस के लिए एक नए प्रकार की उपलब्धि से आनलाइन गेम्स कंपनियों और डेवलेपरों को करोड़ों में मुनाफा हो रहा है.
गेम्स के दीवाने चाइल्ड व टीन
सामान्य तौर पर पहले कुछ चुनिंदा टीनएजर्स के पास ही कंप्यूटर पर गेमिंग की फैसिलिटी मौजूद थी। स्मार्टफोन यानि डिजिटल क्रांति के बाद से कमोबेश अब सभी के हाथों तक स्मार्टफोन पहुंच गए हैैं। मनोचिकित्सक डॉ अविनाश कुमार के अनुसार अब तो छह-सात के वर्ष के बच्चे भी कई घंटों ऑनलाइन गेम में समय बिता रहे हैैं। बतौर रिपोर्ट वर्ष 2022 में यूपी के शहर में कुल 15 बिलियन गेम्स डाउनलोड किए गए, जिसमें तकरीबन 4.5 बिलियन से अधिक डाउनलोड्स अकेले वाराणसी में हुए हैैं.
गेम और गेमर्स के कई प्रोफाइल
लुडो डाइस, स्नेक एंड लेडर्स, कैरम, फ्रूट डार्ट, ब्लॉक पज्जल, जूपी, विन्जों, जंगली रुमी, ए23, ड्रीम11, क्यूरेका, हाउजैट, रायल कसीनो और तीन पत्ती समेत तीन दर्जन से अधिक आनलाइन गेम खलते हैं बनारसी। वहीं, गेम्स में प्रर्दशन के आधार पर ऑनलाइन गेमर्स को प्रोफाइनल भी मिलती है जैसे- प्रो गेमर्स, अल्ट्रा गेमर और सुपर अल्टा गेमर्स आदि-आदि.
ऑनलाइन गेम खलने में एडवेंचर व चैलेंज का कंबो होता है। हार्ड एक्साइटिंग के बाद गेम्स विन करने के बाद डीप सैटिफेक्शन की अनुभूति होती है। फील्ड में कई खिलाड़ी होते हैैं। कई बार तो अपने को साबित करने का मौका ही नहीं मिल पाता है.
रोहित, अल्ट्रा गेमर
क्रिकेट व अन्य खेलों में मैच के लास्ट में सस्पेंश व रोमांच आता है। जबकि ऑनलाइन गेम्स में प्रति पल सस्पेंस और एडवेंचर का फील रहता है। यहां गेम्स को विन करने के टूल्स भी अधिक मौजूद रहते हैैं। लिहाजा, अधिक इंज्वाय करते हैैं.
शिवम, प्रो गेमर
प्रोगेसिव सिटी के पास सफिशिएंट टाइम होता है। हाल के सालों में कई इंट्रेस्टिंग गेम्स लांच हुए हैैं। इनकी तक पहुंच भी आसान हो गई है। जिनका कोई चार्ज नहीं लगता है व कई गेम्स विन करने के बाद रुपए भी गेमर के एकाउंट में क्रेडिट करते हैैं। लिहाजा, दिनों दिन ऑनलाइन गेमर्स की तादात बढ़ती ही जा रही है.
राजू यादव, गेम डेवेलपर