वाराणसी (ब्यूरो)। बलिया गंगा दशहरा पर्व पर रविवार को शिवपुर घाट पर नहाने आए बिहार के चार युवक और बलिया की एक युवती गंगा में डूब गई। इसी घाट पर डूब रही युवती की मां और एक किशोरी को बचा लिया गया। घटना का स्याह पक्ष यह रहा कि यूपी-बिहार की सीमा को लेकर विवाद के चलते डूबने वालों की तलाश तीन घंटे तक शुरू ही नहीं हो सकी। इसकी जानकारी बिहार के आरा के सांसद सुदामा प्रसाद को मिली तो एनडीआरएफ की टीम के साथ घाट पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस के उच्चाधिकारियों से बात की। तब जाकर दोपहर बाद करीब दो बजे डूबे लोगों की तलाश शुरू हुई। खबर लिखे जाने तक एनडीआरएफ टीम को कोई सफलता नहीं मिल सकी थी.
दोकटी के गोपालपुर की धनपतियां देवी, उनकी 17 साल की बेटी अंशु और गांव की ही 14 वर्षीय प्रियंका स्नान करते समय गंगा में डूबने लगीं। शोरगुल सुनकर पहुंचे नाविकों ने धनपतियां और प्रियंका को बचा लिया, जबकि अंशु गहरे पानी में समा गई। अभी नाविक युवती की तलाश में जुटे ही थे कि गंगा पार चीख-पुकार मच गई। गंगा के उस पार बिहार के भोजपुर आरा के बिहियां थाना क्षेत्र के बाराखरौनी निवासी 18 वर्षीय रामजी, 20 वर्षीय सोनू यादव, 19 वर्षीय रिशु शर्मा और 17 वर्षीय दीपू नहाते समय गहरे पानी में समा गए। नाविकों ने तलाशने की कोशिश की, लेकिन फलता नहीं मिली। दोकटी थाना के लालगंज चौकी प्रभारी जयप्रकाश मौके पर पहुंचे, लेकिन घटनास्थल बिहार का बताकर लौट गए। इधर, आरा के लोगों ने बिहार पुलिस को सूचना दी। बिहार पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन यूपी में घटनास्थल बताकर चली गई। बलिया के एसपी देवरंजन वर्मा का कहना है कि जिस स्थान पर युवक डूबे हैं, वह बिहार में है। बलिया पुलिस का उससे कोई लेना-देना नहीं है। इसके बाद भी बलिया की पुलिस सहयोग कर रही है।