बलिया: मझौवा के बाढ़ पीडि़त रामचंद्र यादव, धर्मपुरा के पृथ्वी नाथ यादव, शुक्ल छपरा के रमेश मिश्रा, रहमत, बाबू बेल के शिवकुमार यादव, पोखरा के विकास सिंह, भरसौता के दीनू प्रसाद, हल्दी के चेतेश्वर यादव, सुल्तानपुर नई बस्ती के रहमान, नंदपुर के गणेश ठाकुर, चैन छपरा के बब्बू चौबे, हरिहरपुर के भगवान यादव की नींद उड़ गई है। दो माह से बाढ़ के पानी से घिरे थे। वह टकटकी लगाए थे कि प्रशासन के लोग राहत सामग्री देने आएंगे लेकिन उनकी ओर किसी अधिकारी ने मुड़कर भी नहीं देखा। घर में रखा राशन भी खत्म हो गया तो मवेशियों का चारा भी। खेतों में जो चारा बोया गया था वह भी बाढ़ से नष्ट हो गया। अब शाम होते ही इतने मच्छर उन्हें घेर लेते हैं कि पूरी रात नींद नहीं आती है। चांद दियर के यादव नगर में सात दिन बाद भी पानी नहीं निकल पाया है। अब महामारी फैलने की आशंका बढ़ गई है। हालांकि जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने अधिकारियों को दवाओं के छिड़काव आदि के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं।
बैरिया: ग्राम पंचायत चांददियर अंतर्गत यादव नगर व यादव नगर प्लाट में जमा बाढ़ का पानी अब खतरनाक होता जा रहा है। सात दिन बाद भी जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं किया गया। राष्ट्रीय राजमार्ग-31 में जल निकासी के लिए लगाया गया ह्यूम पाइप यादव नगर के पानी की सतह से ऊपर हो गया है। तीन हजार की आबादी जलजमाव से परेशान है। मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। जरूरत के समान के लिए पानी में पैदल चलकर सड़क पर जाना पड़ रहा है। अभी भी करीब 100 परिवार राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर शरण लिए हुए है। 27 सितंबर के बाद उन्हें खाना भी नहीं दिया जा रहा है।
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राहत सामग्री के वितरण में भेदभाव किया गया है। पर्याप्त संख्या में राहत सामग्री नहीं बांटा है। यहां बिन्द,मल्लाह, अनुसूचित जाति के लोग भी राहत सामग्री से वंचित हैं। एक जाति विशेष के लोगों को जाति पूछ कर राहत सामग्री दिया गया है।
लक्ष्मी देवी, बाढ़ पीडि़त, यादव नगर प्लांट
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सड़क पर या गांव में बसे लोगों को दवाई आदि नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है। नहीं छिड़काव कराया जा रहा है। हम लोग मच्छरों से परेशान हैं। चांददियर चौरस्ता से स्वास्थ्य विभाग की टीम भी वापस चली गई है। ऐसे में मच्छरों से निजात दिलाने के लिए कोई व्यवस्था किया जाना चाहिए।
निर्मला देवी, बाढ़ पीडि़त, यादव नगर