वाराणसी (ब्यूरो)। मस्तक पर त्रिपुंड, नंगे पांव, हाथों में जलपात्र और हर-हर महादेव का उद्घोष। अपने महादेव की भक्ति की रमे भक्तों का हुजूम रविवार को काशी में एक बार फिर उफनाया। श्रद्धालुओं की यह भीड़ सावन के सातवां सोमवार और नागपंचमी के पावन त्योहार से एक दिन पहले उमड़ पड़ी है। इसे देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 21 अगस्त को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं का रिकार्ड रेला उमड़ेगा। इसको देखते हुए मंदिर प्रशासन ने भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की है। भक्त अगर लाइन में लगते है तो उन्हें दर्शन करने में 30 मिनट से अधिक समय न लगे, इसके लिए मंदिर प्रशासन ने व्यवस्था की है.
शुद्ध सावन का पखवारा
शुद्ध सावन का यह अंतिम पखवारा है। इसमें पडऩे वाले सोमवार से पहले बाबा को जल अर्पित करने के लिए शिवभक्तों के काशी आने का सिलसिला लगातार जारी रहा। रविवार को भगवान शिव की नगरी बोल-बम और हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठी। गंगा तट से लेकर विश्वनाथ धाम तक केसरिया वेशधारी कांवरिया और विभिन्न प्रांतों से आये दर्शनार्थियों की लंबी-लंबी कतार लगी रही.
मंगला आरती के बाद से कतार
मंगला आरती के बाद से ही बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की कतार लगनी शुरू हो गई थी। मां सदानीरा के जल से स्नान के बाद कांवरिये जल लेकर भक्त बाबा के दरबार पहुंचने लगे थे। भक्तों का रेला हर-हर महादेव का जयघोष करते हुए नंगे पांव मंदिर की ओर बढ़ता रहा। बाबा दरबार में हाजिरी के लिए भक्तों की कतार दिन चढऩे के साथ ही लंबी होने लगी थी। वहीं, देर रात एक बार फिर छत्ताद्वार से लगायत बैरिकेडिंग में शिवभक्त अपना-अपना स्थान छेककर सोमवार का इंतजार करने लगे थे.
बाबा का आज विशेष श्रृंगार
इस बार सावन के आठ सोमवार पर बाबा श्री काशी विश्वनाथ का अलग-अलग रूपों में श्रृंगार हुआ है। इस बार सातवें सोमवार को देवाधिदेव महादेव अद्र्धनारीश्वर रूप में श्रृंगार करेंगे। भक्तों का उनके इस छवि का दर्शन सप्तऋषि आरती के बाद प्राप्त होगा, जोकि शयन आरती तक मिलेगा.
सावन के सातवें सोमवार को करीब 7 लाख भक्तों की भीड़ आने की उम्मीद है। इसको देखते हुए एक भक्त को 30 मिनट से अधिक तक मंदिर में नहीं रोका जाएगा। दर्शन कराकर छोड़ दिया जाएगा.
शंभूशरण, एसडीएम, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर