वाराणसी (ब्यूरो)। महाशिवरात्रि पर श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में तैयारी शुरू हो गई है। 8 से 10 लाख भक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने खास व्यवस्था की है। मंदिर परिसर में 50 से अधिक लगे सीसीटीवी को अपडेट कर दिया गया है। किसी भी भक्त को कोई दिक्कत न हो, इसका विशेष ध्यान दिया जाएगा। एक घंटे में 10 से 12 हजार भक्त कतारबद्ध होकर दर्शन करेंगे। भक्तों की सुविधा के लिए रेड कार्पेट बिछाया गया है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विश्व भूषण ने बताया कि ललिताघाट पर भी तैयारी शुरू कर दी गई है। घाट से भी भक्त बाबा का दर्शन कर सकेंगे.
बाबा और मां गौरा की हल्दी
फाल्गुन मास की कृष्णपक्ष की चतुर्दशी पर आठ मार्च को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। मां गौरा संग बाबा विश्वनाथ सात फेरे लेंगे। काशी समेत पूरे ब्रह्मांड में होगा उल्लास, आएंगे देव, दानव, किन्नर, गंधर्व, यक्ष। सभी साक्षी बनेंगे शिव-शक्ति के मिलन की इस महानिशा के। अपने पुराधिपति बाबा विश्वनाथ के विवाहोत्सव की तैयारियों में व्यस्त काशी अलमस्त भी हो चली है। उत्सवी रंग छाने लगा है, बाबा की अंगनाई में सोमवार से ही मृदंग-शहनाई आदि वाद्य बजने लगे हैं। तीन दिवसीय सांस्कृतिक आयोजन में शिव भजनों, स्तोत्रों व अन्य भक्ति गीतों से पूरा परिसर गूंजता रहेगा। उधर, बुधवार से टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास में बाबा की हल्दी की रस्म आरंभ होगी। काशीवासी भस्म छुड़ा बाबा को शगुन की हल्दी से रंग देंगे.
सांस्कृतिक उत्सव शुरू
श्रीविश्वनाथ मंदिर में तीन दिनी सांस्कृतिक उत्सव सोमवार से ही आरंभ हो गया। इसमें विभिन्न कलाकार शिव भजन, शिव तांडव, शिव स्तोत्र आदि प्रस्तुत कर बाबा को रिझाएंगे व उनका आशीर्वाद पाएंगे। इसके बाद बुधवार की शाम से महंत आवास पर बाबा के पंचबदन चल रजत विग्रह पर हल्दी तेल का लेप कर हल्दी की रस्म का लोकाचार पूर्ण किया जाएगा। मंगल गीतों के गान के बीच बाबा को हल्दी लगाई जाएगी। मांगलिक गीतों से महंत आवास गुंजायमान होगा। हल्दी के पारंपरिक शिव गीतों में दूल्हे की खूबियों का बखान कर शिवांजलि प्रस्तुत की जाएगी.
मंजरी दास का कथक नृत्य होगा
शिवांजलि के संयोजक संजीव रत्न मिश्र ने बताया कि मथुरा से आमंत्रित नृत्य मंजरी दास का कथक नृत्य होगा। अन्य स्थानीय कलाकार भजनों की प्रस्तुति करेंगे। शिवांजलि के ट्रस्टी व अंक शास्त्री पं। वाचस्पति तिवारी ने बताया कि महाशिवरात्रि की महानिशा के चारों प्रहर में महंत परिवार द्वारा की जाने वाली बाबा विश्वनाथ की आरती का विधान पूर्ण करने की तैयारी कर ली गई है। महंत परिवार के सदस्यों के मार्गदर्शन में बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती के विवाह का कर्मकांड पूर्ण परंपरानुसार पूर्ण किया जाएगा.
अयोध्या से आई बाबा के लिए हल्दी
महाशिवरात्रि को विवाह के पूर्व श्रीकाशी विश्वनाथ की हल्दी की रस्म के लिए इस बार अयोध्या से हल्दी आई है। अयोध्या के ख्यात रामायणी पं। वैद्यनाथ पांडेय के कनिष्ठ पुत्र पं। राघवेश पांडेय ने महाराष्ट्र के खंडोबा मंदिर से विशेष हल्दी मंगाकर, उसका वैदिक रीति से पूजन-अर्चन करने के बाद उसे बाबा के लिए भेजा है। टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर 350 वर्षों से अधिक समय से किए जा रहे बाबा के विवाह के लोकाचार में यह पहला अवसर है जब अयोध्या से बाबा के लिए हल्दी भेजी गई है। इससे पूर्व पिछले वर्ष रंगभरी एकादशी के दिन मां गौरा के गौना के अवसर पर मथुरा से अबीर भेजी गई थी। पं। राघवेश पांडेय ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह जो शुरुआत हुई है इसका निर्वहन आजीवन करूंगा.