वाराणसी (ब्यूरो)। आयुष कालेज में फर्जी तरीके से हुए दाखिलों के मामले में डा.रितु गर्ग की गिरफ्तारी के साथ एसटीएफ की जांच फिर तेज हो गई है। कई टीमें इस मामले से जुड़े लोगों की संपत्ति खंगाल रही है.शासन स्तर से गठित टीम भी जांच कर रही है। इस खेल में फंसे अभ्यर्थियों से साक्ष्य एकत्रित हो रहे हैं.
नीट में कम अंक पाने पर भी आयुष कालेज में फर्जी दाखिले की कड़ियां मीरजापुर जिले के संतुष्टि आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल की निदेशक डा। रितु गर्ग से जुड़ने के बाद सूबे का यह बड़ा घोटाला फिर सुर्खियों में है। आरोप है कि वर्ष 2021-22 में नीट परीक्षा में कम अंक पाने वाले 76 परीक्षार्थियों को कालेज में प्रवेश दिया। इसके लिए मोटी रकम भी वसूली गई। डा। रितु को मंगलवार को लखनऊ में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत में पेश किया गया। जज रमाकांत प्रसाद ने 13 मार्च तक उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा है।
क्या है मामला
आयुष घोटाले के तहत प्रदेश के कई आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी कालेजों में नीट की अर्हता सूची को दरकिनार कर प्रवेश दिए गए थे। नवंबर 2022 में यह मामला प्रकाश में आया था तो शासन ने सख्त कार्रवाई शुरू की थी और आयुष के तत्कालीन निदेशक एसएन सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था। वाराणसी में कई कालेजों में दाखिला लेने वाले छात्र बाहर कर दिए गए थे, इसी की जांच में डा। रितु गर्ग के कालेज का नाम प्रकाश में आया। हालांकि शासन स्तर से जांच शुरू होने के बाद संतुष्टि आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल ने इन 76 छात्रों को निलंबित कर दिया था। कालेज प्रबंधन ने इन छात्रों से हास्टल खाली कराने के अलावा जांच के नाम पर उनके प्रमाण पत्र भी जब्त कर लिए थे।
पूरे यूपी में हुए थे दाखिले
आयुष घोटाले में अब तक प्रदेश के कई मेडिकल कालेजों में 891 छात्रों के प्रवेश फर्जी पाए जा चुके हैं। मंझधार में फंसे इन कालेजों के छात्र अपनी फीस वापसी के लिए भी लगातार संघर्ष कर रहे हैं, अब एसटीएफ की जांच में इनसे साक्ष्य मांगे जा रहे हैं। संतुष्टि आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल के प्रशासनिक अधिकारी बृजेश कुमार मिश्र ने बताया कि अभी फर्जी दाखिला देने के मामले की जांच चल रही है। आरोप अभी साबित नहीं हुआ है.