वाराणसी (ब्यूरो)जल संरक्षण को लेकर शहर में पिछले पांच साल में 100 वाटर वॉरियर्स अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैंपानी संरक्षण के लिए कुंड, तालाब से लेकर गली-मुहल्लों में लोगों को जागरूक रहे हंैइसका नतीजा यह रहा कि आज हर घाट और मुहल्ले में वाटर वॉरियर्स पानी के प्रति जागरूक करते दिख जाएंगेवाटर वॉरियर्स कभी स्कूल तो कभी घाटों पर मानव श्रृंखला बनाकर जागरूक करते हैंआइए जानते हैं वॉटर वॉरियर्स के बारे में.

10 लोगों की टीम से शुरू किया

नमामि गंगे के संयोजक राजेश शुक्ला का कहना है कि जल संरक्षण के लिए पिछले दस साल से कार्य कर रहे हैं। 2014 में प्रधानमंत्री का हमने स्पीच सुना था कि मां गंगा ने मुझे बुलाया है, तभी मेरे मन में गंगा की निर्मलता और जल संरक्षण के प्रति विचार आयाउस समय 10 लोगों की टीम के साथ गंगा सफाई का कार्य शुरू किया गयाइसके बाद कुंड, तालाबों और सरोवरों की सफाई कर जल संरक्षण को बढ़ावा दे रहे हंै.

महिलाएं भी आगे

जल संरक्षण के लिए अब तो महिलाएं भी आगे आ रही हैंइनमें जल कार्यकर्ता पुष्पलता वर्मा पिछले पांच साल से नमामि गंगे टीम के साथ जल संरक्षण की अलख जगा रही हंैशहर के कई कुंडों और तालाबों की सफाई कर चुकी हंैउनका कहना है कि जल संरक्षण के प्रति अभी से गंभीर नहीं होंगे तो आगे पछताना पड़ेगाआने वाला समय काफी संकट भरा होगाइसलिए अभी जल संरक्षण के प्रति लोग जाग जाएं और आगे आकर जल बचाएं.

स्कूलों में जागरूकता

भूगर्भ जल को बचाने के लिए लोगों में अलख जगा रहे सुबह--बनारस क्लब के अध्यक्ष मुकेश जायसवाल को आज हर कोई जानता हैवाटर वॉरियर्स में एक नाम मुकेश जायसवाल का भी आता हैइनकी खासियत है कि गर्मी का तापमान बढ़ते ही पानी की बचत के लिए मैदान में उतर जाते हैं और स्कूलों में जाकर छात्रों के बीच जल संरक्षण के लिए न सिर्फ अवेयर करते हैं बल्कि पानी बचाने के लिए सभी छात्रों को संकल्प भी दिलाते हैंजल संरक्षण के प्रति यह कार्य पिछले एक दशक से कर रहे हैंमुकेश जायसवाल के साथ 50 लोगों की टीम है, जो जल संरक्षण का काम करती हैउनका कहना है कि जल संरक्षण के प्रति अवेयर करना आज से नहीं बल्कि दस साल पहले से कर रहे हैंबूंद-बूंद बचाएंगे, तभी आने वाली पीढ़ी को जल मिल सकता है.

40 साल से कर रहे अवेयर

संकट मोचन फाउंडेशन जल संरक्षण के लिए 40 साल से लोगों को अवेयर कर रहा है, ताकि गंगा में जल बना रहे और भूगर्भ का जलस्तर भी कम न होइसके लिए वह हर महीने कैंपेन चला रहे हैंलोगों के बीच जाकर जल संरक्षण के बारे में बता रहे हैंसाथ ही जो सबमर्सिबल वगैरह लगा रहे हैंइसके प्रति भी जागरूक कर रहे हैंसंकट मोचन फाउंडेशन के अध्यक्ष विशम्भर नाथ मिश्र ने कहा, गंगा और जल संरक्षण के लिए सभी को बचाने का प्रयास करना होगागंगा में मल-जल न बहे, शोधन का इंतजाम हो, ताकि गंगाजल आचमन और पीने योग्य होजल संरक्षण के लिए अब तक 200 से अधिक बार कैंपेन चलाया गया हैघाट पर मानव श्रंखला बनाकर लोगों को जागरूक किया गयातालाबों और कुंडों की सफाई के लिए दर्जनों बार मानव श्रृंखला बनाई गई.

समर्पित नमामि गंगे

नमामि गंगे की स्वयं सेवी टीम वाराणसी के पौराणिक कुंडों व तालाबों के संरक्षण के लिए भी निरंतर कार्य कर रही हैनियमित तौर पर नमामि गंगे टीम काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला के संयोजन में लक्ष्मी कुंड, पुष्कर तालाब, मणिकर्णिका चक्रपुष्कर्णी कुंड, धनेसरा तालाब इत्यादि पौराणिक महत्व वाले जल स्रोतों पर स्वच्छता अभियान चलाकर जल संरक्षण का कार्य किया जा रहा हैसंस्था के राजेश शुक्ला ने कहा, ध्वनि विस्तारक यंत्र से लोगों को जागरूक करना भी नियमित प्रक्रिया में शामिल हैसबका साथ होजल स्रोत साफ होंइस लक्ष्य को केंद्रित कर जल की बूंद-बूंद बचाने के लिए कार्य किया जा रहा हैइस कार्य में मातृ शक्तियों का भी योगदान हैइनमें सारिका गुप्ता, पुष्पलता वर्मा, बीना गुप्ता समेत एक दर्जन महिलाएं हर महीने कुंड, तालाब की न सिर्फ सफाई करती है, बल्कि जल दोहन के प्रति भी लोगों को माइक लेकर अवेयर करती हैंअब तक 50 से अधिक मोहल्लों और कालोनियों में कैंप लगाकर लोगों को जल संरक्षण के प्रति अवेयर किया हैनमामि गंगे की पदाधिकारी सारिका गुप्ता ने कहा, बूंद-बूंद पानी जब तक लोग नहीं बचाएंगेजल का संरक्षण नहीं हो सकताआज के समय में सबमर्सिबल पंप लगाकर जल का दोहन किया जा रहा है जोकि आने वाली पीढ़ी के लिए बड़ा खतरा है.