वाराणसी (ब्यूरो)। अवधेश राय हत्याकांड मुकदमे में कुल 12 गवाहों का बयान हुआ। मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा दिलाने में अहम भूमिका दो चश्मदीद गवाहों ने निभाई। इसमें से एक खुद अवधेश राय के भाई अजय राय व दूसरे विजय कुमार पांडेय रहे। घटना के बारे में इनके बयान का जिक्र अदालत ने अपने फैसले में किया है। अजय राय ने अदालत में बयान दिया था कि मुख्तार अंसारी, कमलेश ङ्क्षसह, भीम ङ्क्षसह, राकेश कुमार श्रीवास्तव, नदेसर का सभासद अब्दुल कलाम और एक अन्य अज्ञात व्यक्ति जिसे देखकर पहचान सकते हैं बाहर आए। अपने हाथों में लिए रिवाल्वर व पिस्टल लिए अवधेश राय को ललकारते हुए जाने से मारने की नियत से गोलियां चलाने लगे। वहीं दूसरे चश्मदीद पिशाचमोचन के रहने वाले विजय शंकर पांडेय ने अदालत के सामने इसी घटनाक्रम का जिक्र करते हुए बयान दिया था कि वह हमलावरों को पहचानते हैं। घटना के कुछ दिनों पहले मुख्तार अंसारी राकेश न्यायिक के चेतगंज स्थित घर के पास देखा था। दोनों चश्मदीद गवाह अपने बयान पर कायम रहे।
अदालत ने कहा
अदालत ने फैसले में कहा कि पत्रावली पर उपलब्ध मौखिक व दस्तावेजी साक्ष्यों का विश्लेषण करने के बाद अदालत का यह निष्कर्ष है कि मुख्तार अंसारी ने घटना के समय साथियों के साथ अवधेश राय की गोली मारकर हत्या किया है। अभियोजन पक्ष मुख्तार के खिलाफ अपराध साबित करने में सफल रहा। इसलिए मुख्तार अंसारी इस मामले में दोषसिद्ध किए जाने योग्य है।