वाराणसी (ब्यूरो)पूर्वांचल में गंभीर बीमारी से जूझ रहे बच्चों को अब बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल या हायर सेंटर में जाकर इलाज कराने की जरूरत नहीं पड़ेगीअब ऐसे मरीजों की पूर्वांचल के सभी जिलों के सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए हायर सेंटर जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगीइससे यहां के डॉक्टर्स को ऐसे मरीजों को हायर सेंटर में रेफर करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगीउनका इलाज जिले में ही हो जाएगाबता दें कि कुछ माह पूर्व बीएचयू के बाल रोग विभाग की ओर से एक प्रस्ताव को स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा गया है, जहां से इसे मंजूरी मिल गई हैइसके बाद पूर्वांचल के कई जिलों को बीएचयू से जोडऩे का काम किया जा रहा हैजहां बीएचयू के विशेषज्ञ (पीडियाट्रिक) डॉक्टर इन अस्पतालों में एडमिट मरीजों को टेली से परामर्श देंगेउम्मीद जताई जा रही है कि अगले एक-दो माह में इस नई व्यवस्था की शुरुआत हो जाए.

बीएचयू में लोड कम करने की योजना

बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में पूर्वांचल समेत यूपी, एमपी के तमाम जिलों के अलावा नेपाल तक के मरीज इलाज के लिए आते हैं, जिसके चलते इन मरीजों के लोड से यहां के आईसीयू वार्ड में बेड का संकट बना रहता हैइसी लोड को कम करने के लिए बीएचयू के बाल रोग विभाग के अध्यक्ष प्रोसुनील राव ने स्वास्थ्य मंत्रालय को टेली आईसीयू (पीडियाट्रिक) का प्रस्ताव भेजा था, जिसे मंजूर कर लिया गया हैअब बीएचयू का बाल रोग विभाग के सेंटर से वाराणसी के अलावा मिर्जापुरा, चंदौली, सोनभद्र, मऊ, बलिया, देवरिया, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़ सहित अन्य जिले जुड़ेंगेइस योजना से बीएचयू पर लोड तो कम होगा ही साथ में गंभीर रूप से बीमार बच्चों के पैरेंट्स को अपने बच्चों को लेकर इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगीइसके साथ ही इलाज पर होने वाला खर्च भी बच जाएगा.

ऑनलाइन देखेंगे मरीजों की रिपोर्ट

इस योजना के शुरू होने पर पीआईसीयू में भर्ती बच्चों की हालत गंभीर होने पर उसकी पूरी डिटेल वहां के पीडियाट्रिक डॉक्टर बीएचयू एसएस हॉस्पिटल में ऑनलाइन भेजेंगे और टेलीकाम मशीन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए वहां के बाल रोग विशेषज्ञ से कंसल्ट करेंगेवहां के डॉक्टर जरूरत पडऩे पर उस मरीज के इलाज की पूरी डिटेल जानने के बाद उसे देखेंगे और दवा और अन्य की सलाह पीआईसीयू के डॉक्टर को देंगे.

बनारस के तीन अस्पताल जुड़ेंगे

इस नई योजना को लेकर वाराणसी के तीन अस्पतालों को सेलेक्ट किया गया हैइसमें मंडलीय, जिला और लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल शामिल है, लेकिन पहले चरण में जिला और मंडलीय अस्पताल को ही जोड़ा जाएगादोनों जगह मशीन इंस्टॉल कर दी गई हैबता दें कि फिलहाल यहां आईसीयू की सुविधा उपलब्ध नहीं हैअभी तक यहां सांस, पेट, बुखार, इफेक्शन आदि से पीडि़त गंभीर मरीज एडमिट किए जाते हैं, लेकिन जब उन्हें आईसीयू की जरूरत पड़ती है तो इन मरीजों को बीएचयू रेफर कर दिया जाता हैइसके शुरू होने के बाद अब उन्हे रेफर करने की जरूरत नहीं पड़ेगीअब वहीं पर इलाज होगाअगले चरण में एलबीएस रामनगर को जोड़ा जाएगा.

कई प्रदेश और जिलों के मरीजों के आने इस अस्पताल के बाल रोग विभाग में लोड काफी बढ़ गई है, जिसे कम करने के लिए एक प्रस्ताव स्वास्थ्य मंत्रालय भेजा गया थाइसकी मंजूरी मिलने के बाद इस योजना पर काम शुरू किया गया है.

प्रोसुनील राव, अध्यक्ष, बाल रोग विभाग, एसएस हॉस्पिटल बीएचयू