वाराणसी (ब्यूरो)। आपको यकीन नहीं होगा कि 2 महीने में नगर निगम ने 20 हजार स्क्वायर फीट जमीन कब्जे से मुक्त कराई है। जनवरी तक 10 हजार स्क्वायर फीट जमीन कब्जे से मुक्त कराना निगम का लक्ष्य है। अभी तक निगम को पता ही नहीं था कि उसके पास कितनी संपत्तियां हैं। सर्वे कराया गया तो पता चला कि निगम के पास अकूत जमीन है।
दो माह में ताबड़तोड़ अभियान
दो महीने के अंदर नगर निगम ने अभियान चलाकर 6 जगहों से अपनी जमीन को कब्जा से मुक्त कराया है। जहां से निगम ने अपनी जमीन को कब्जे से लिया वहां पर लोग कई सालों से कब्जा कर रखे थे। इनमें तो सबसे पहले सोनिया तालाब के किनारे लोगों ने जमीन पर कब्जा कर रखा था निगम ने उस जमीन का अपने कब्जे में लिया। सोनिया तालाब के पास से करीब 3 हजार स्क्वायर फीट जमीन निगम ने मुक्त कराया है।
धनेसरा से कब्जा हटाया
नगर निगम ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए धनेसरा तालाब से जमीन को कब्जा मुक्त कराया। निगम के अफसरों की मानें तो जैतपुरा में 4 बीघे में लोगों ने कब्जा कर रखा था। इसकी सूचना नगर निगम को कई महीनों से मिल रही थी लेकिन जब-जब टीम जाए वहां के लोग खदेड़ कर भाग दे रहे थे। नगर निगम ने भारी फोस के साथ धनेसरा तालाब से जमीन को कब्जे से मुक्त कराया।
घोड़ा अस्पताल मुक्त
नगर निगम की टीम ने मुक्त कराये गये सम्पत्तियों/ भूमि में लहुराबीर स्थित घोड़ा अस्पताल, कैन्ट रोडवेज स्टेशन के सामने की भूमि, स्लाटर हाउस दशाश्वमेध शामिल है।
देव पोखरी भी कब्जामुक्त
नगर निगम क्षेत्र का विस्तार होने के बाद बजरडीहा क्षेत्र में स्थित ''देवपोखरीÓÓ जो लगभग एक एकड़ में था, जिस पर वहां के लोगों ने कई सालों से कब्जा जमा रखा था। एक एकड़ क्षेत्र में स्थित देव पोखरी का निगम ने संज्ञान लिया गया, जिसकी पूरी विभागीय जॉच कराई गयी, जिसमें अवैध कब्जा होने की पुष्टि होने के बाद कब्जे से मुक्त कराया गया। इस समय नगर निगम सामान्य अभियंत्रण विभाग की टीम द्वारा तालाब के फेन्सिंग की कार्रवाई की जा रही है। अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार ने बताया गया कि आने वाले दिनों में नगर निगम की जमीनों को कब्जा मुक्त कराये जाने की कार्यवाही जारी रहेगी.
ढाई बीघा जमीन मुक्त
नगर निगम ने अभियान के तहत चितईपुर स्थित सरकारी भूमि को कब्जे से मुक्त कराया। यह जमीन लगभक ढाई बीघा थी जिस पर लोगों ने कई सालों से कब्जा कर रखा था। नगर निगम ने जमीन पर चिन्हांकन का कार्य शुरू कर दिया है। इसके अलावा ककरमत्ता और अस्सी नदी के पास जमीन को मुक्त कराया है। अस्सी नदी के पास 190 वर्गमीटर जमीन पर लोगों ने कब्जा कर रखा था जिसे ने निगम ने कब्जे में ले लिया है। इस जमीन पर लोगों ने अवैध दीवार का निर्माण भी कर चुके थे। ककरमत्ता स्थित पोखरी के पास लोगों ने जमीन पर कब्जा कर कर रखा जिसे निगम ने कब्जे से मुक्त करा रखा है।
अब तक नगर निगम ने एक दर्जन से अधिक स्थानों पर जमीन को कब्जे से मुक्त करा लिया है। इसके अलावा जनवरी 2024 तक और भी जमीनों को कब्जे से मुक्त कराया जाएगा.
अमित शुक्ला, सहायक नगर आयुक्त