वाराणसी (ब्यूरो)पिछले कुछ माह से लोग लगातार बीमार पड़ रहे हैंखांसी का दौर सप्ताह से 10 दिन तक रहता हैघर के एक सदस्य के बीमार होते ही पूरा परिवार बीमार हो रहा हैजैसे ही ठीक होते हैं, फिर बीमार पड़ जाते हैंइस गुमनाम फीवर को लेकर सोशल मीडिया पर लोग चिंता जाहिर करते हुए अपनी प्रतिक्रिया देने लगे हैंजहां लोग एक-दूसरे को बचने और इसके उपचार के लिए तरह-तरह की जानकारी शेयर कर रहे हैं, वहीं कुछ यूजर्स सरकार के सिस्टम पर भी सवाल उठा रहे हैंसोशल मीडिया पर संजय शुभम नाम के शख्स ने देश के वैज्ञानिकों से पूछा है कि क्या वह इस गुमनाम बीमारी को लेकर कोई रिसर्च कर रहे हैं? यूजर्स ने ट्विटर पर बताया कि सप्ताह भर तक खांसी और महीनों तक जोड़ों में दर्द पीछा नहीं छोड़ रहा है, जैसे ही ठीक होते हैं कि फिर बीमार पड़ जाते हैंचलिए बताते हैं कि अन्य यूजर्स क्या लिख रहे और क्या सलाह दे रहे हैं.

अब कोरोना नहीं

ट्विटर पर वात्सल्य नाम के यूजर्स का कहना है कि मुझे लगता है कि अब कोरोना का कोई खतरा नहीं है, लेकिन जिस तरह से वायरल फीवर का स्प्रेड तेजी से हो रहा है, उससे यह कहना गलत नहीं होगा कि यह कोरोना का ही कोई दूसरा रूप हैयह जांच का विषय है, लेकिन सरकार जांच और रिसर्च करा नहीं रही

डोज का असर हुआ कम

शाश्वत केशरवानी नाम के यूजर का कहना है कि जब मौसम बदलता है तो यह बीमारी परेशान करती हैयह एक आम बीमारी हैहालांकि उनका कहना है कि कोविड की रोकथाम को लेकर लोगों ने इम्युनिटी डोज ली थी, उसका असर कम हो जा रहा हैजिसकी वजह से लोग बीमार पड़ रहे हैंइस यूजर्स ने लोगों से चिकित्सकीय सलाह के साथ व्यायाम और प्राणायाम करने की सलाह दी है.

गलत दवा नुकसानदायक

राजीव सक्सेना नाम के यूजर्स ने भी बदलते मौसम की गुमनाम बीमारी को लेकर चिंता जााहिर की हैउनका कहना है कि गलत दवाओं के सेवन से लोग जल्दी ठीक नहीं हो पा रहे हंैयू-ट्यूब पर बताई जाने वाली दवा खाने से लोग बुखार के साथ दूसरी बीमारी के शिकार हो रहे हैंइस गुमनाम बीमारी को लेकर सरकार को रिसर्च कराने की जरूरत है, ताकि पता चल सके कि यह कौन सी बीमारी है या वायरस है

खुद डॉक्‍टर न बनें

वहीं एक अन्य यूजर डॉमनीष शर्मा लिखते हंै कि इस वायरल फीवर के मौसम में खुद डॉक्टर न बनें और न ही अपने मन से दवा खाएंलिखा कि खांसी की समस्या के लिए वायरस जिम्मेदार तो है ही, पॉल्यूशन की भी अहम भूमिका है.