वाराणसी (ब्यूरो)महंत आवास पर गौरा के विग्रह के समक्ष सुहागिनों और गवनहिरयों की टोली संध्या बेला में अचल सुहाग की कामना के साथ बुधवार को भी पहुंचीउत्सव में मोहल्ले की बुजुर्ग महिलाएं भी शामिल हुईढोलक की थाप और मंजीरे की खनक के बीच मंगल गीत गाते हुए महिलाओं ने गौरा को ससुराल के नियम को समझाया.

देर रात चला गीतों का दौर

लोक संगीत के बीच शिव-पार्वती के मंगल दाम्पत्य की कामना पर आधारित पारंपरिक गीतों का क्रम देर तक चलामंगल गीतों में यह चर्चा भी की गई कि गौना के लिए कहां क्या तैयारी हो रही है

तैयारियां जोरों पर

गौरा को विदा कराने के लिए ससुराल पहुंचने से भोले बाबा के आगमन तक की तैयारियां जोरों पर चल रही हैंबारातियों के स्वागत के लिए ठंडई मेवे और पकवान की व्यवस्था की जा रही हैतीन मार्च को रंगभरी (अमला) एकादशी पर बाबा विश्वनाथ, माता पार्वती संग प्रथमेश की चल प्रतिमा की पालकी यात्रा निकाली जाएगीमहंत आवास पर पालकी की मरम्मत से लेकर बाबा के राजसी स्वरूप और पुजन परंपरा के साथ गौरा के गौना के सामानो को सूची बद्ध कर लिया गया है.

राजशाही पोशाक का पूजन

गुजरात (सुरत) से आयी खादी व बरसाने के लहंगे में होगा माता गौरा का गौनासांयकाल सुरत व मथुरा के बरसाने से आये गौना के राजशाही पोशाक की महंत आवास में विधिवत् पुजन किया गयाआचार्य सुशील त्रिपाठी ने पालकी एंव राजशाही पोशाक का पूजन कराया.