वाराणसी (ब्यूरो)। दो साल कोरोना काल की विभीषका के बाद इस वर्ष बनारस का आसमान एक तरफ जहां रंग-बिरंगी चमकदार पतंगों के साथ सतरंगी दिखाई दिया तो मानो काशी के घाट के किनारे इंद्रधनुष का आभाष सा हो गया। इसके साथ ही पूरे दिन संक्रांति के दिन घाटों पर श्रद्धालुओं द्वारा पतित पावनी मां गंगा में डुबकी लगाने के लिए क्रम सुबह से ही देर रात तक चलता रहा। इसी बीच बनारस के बाजारों में मार्केट ने भी जबरदस्त फर्राटा भरा। लोगों के द्वारा अपने खाने पीने की चीजों के लिए जमकर खरीददारी करते हुए देखा गया तो वहीं पर दुकानदारो के चेहरे पर मार्केट गुलजार होने के कारण मुस्कान देखती बनी.
2.5 करोड़ का पंतग का कारोबार
दो साल की विभीषका झेलने के बाद इस बार बनारस के साथ ही पूरे पूर्वांचल के बाजारो में जबरदस्त पंतगबाजी के लिए पंतगो की बिक्री हुई। बनारस के बड़े व्यापारियों का कहना है कि इस बार पंतग की बिक्री सिर्फ बनारस में ही नही अपितु पूर्वांचल के सारे जिलो में सप्लाई की गई। साथ ही बनारस में औसतन प्रत्येक व्यक्ति के द्वारा 5 पंतग की खरीददारी की गई। ऐसे में बनारस के सबसे बड़े पतंग मार्केट दालमंडी, मलदहिया, लंका, चौक, लहुराबीर, पांडेयपुर सुबह से ही गुलजार रहे और जबरदस्त तरीके से पतंग और धागे की बिक्री हुई.
नौकायान को मिल गई रफ्तार
मकर संक्रांति के पर्व को युवाओं के द्वारा शहर के घाटो पर भी जबरदस्त तरीके एंजाय किया गया। एक तरफ जहां घाटो पर लोगो ने पंतगबाजी की तो दूसरी तरफ अपने परिवार के सदस्यो के साथ घाटो से नौकायन का लुत्फ भी उठाया। ऐसे में संक्राति के दिन गंगा के किनारे सारी नावे पूरी दिन यात्रियों को लेकर गंगा की लहरो की सैर कराती रही। लोगो के द्वारा बल्क में नावो की बुकिंग करके जहां आनन्द लिया गया तो वहीं नौका बाजार मालामाल हो गया। बताया जा रहा है कि सभी नाव चालको ने समितियों के माध्यम से संक्राति के दिन एक करोड़ रुपये का कारोबार किया.
गजक तिलकुट की जबरदस्त डिमांड
बनारस की दुकानो में इस बार ग्वालियर के मशहूर गजक से लेकर आगरे के गजक ने लोगो को अपनी मिठास दी। इसके साथ ही लोगो के द्वारा गाजर के हलवे से लेकर मिठाईयो के स्वाद को जबरदस्त तरीके से चखते हुए देखा गया है। बताया जा रहा है कि बनारस में संक्राति के दिन मीठे आयटम की बिक्री दो करोड़ के आर-पार हुई है.
दही चूड़े ने दिलाया देशीपन का स्वाद
संक्रांति के दिन दही और चूड़े के खाने की परंपरा ने काशीवासियों को अद्भुत स्वाद दिलाया। इस बीच लोगों के द्वारा सुबह से दही और चूड़े की दुकानों पर खरीदारी करते हुए देखा जाने लगा। बताया जा रहा है कि संक्रांति के मौके पर बनारस के ग्रामीण क्षेत्रों से किसानों ने दही की जबरदस्त सप्लाई की, जिसकी वजह से पूरे दिन दही और चूड़े की आवक बनी रही। ऐसे में एक व्यापारी ने बताया कि आज के दिन पूरे शहर मे दही और चूड़े का कारोबार 35 से 40 लाख के आसपास का हुआ है.
संक्रांति के मौके पर लोगों के द्वारा मिठाइयों और तिल के आयटम गजक और तिलुकट की जबरदस्त तरीके से खरीदारी की गई है। हम लोगों के द्वारा एडवांस में माल के स्टाक को रख लिया गया था.
भीम मोदनवाल, दुकानदार
दही-चूडे की रस्म की वजह से पूरे दिन हमारी दुकान पर दही की डिमांड बनी रही। ऐसे में हम लोगों के द्वारा ग्रामीण दुकानदारों की मदद से सप्लाई चेन को बरकरार रखा गया है.
मनोज यादव, पहलवान, लस्सी
संक्राति के मौके पर आए श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद नौकायन का आनन्द लिया। ऐसे में हम लोगों के द्वारा सभी नौकाओं के साथ ही चालकों को भी तैयार रखा गया है जिससे कोई भी निराश होकर न जाये.
राकेश साहनी, अध्यक्ष, नाविक संघ
लाई चूड़े की बिक्री संक्राति के मौके पर दो-तीन दिनों से पहले ही शुरू हो जाती है। ऐसे में इस बार हम लोगों ने रिकार्ड स्तर पर लाई व चूड़े की बिक्री की है.
विवेक, दुकानदार