वाराणसी (ब्यूरो)। जिला जेल की बैरक संख्या 10 दो बार सांसद और छह बार विधायक रह चुके माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी का नया पता है। वक्त का इंसाफ देखिए कि 2005 में माफिया मुख्तार अंसारी इसी बैरक में बंद था और वहां से हत्याएं करा रहा था, उगाही करा रहा था, चुनाव जीत रहा था। अपने भाई के साढ़े तीन दशक के आपराधिक जीवन का राजदार, हिस्सेदार होने के बाद भी आज तक कानून की जद से दूर रहा अफजाल जब अदालत से सजा पाकर जेल पहुंचा है तो उसकी पहली रात उप्र के बदल चुके माहौल और कानून-व्यवस्था का साक्ष्य है।
मच्छरों से परेशान
जेल सूत्रों के अनुसार जेल में अफजाल की पहली रात बेचैनी और तनाव में गुजरी। जेल मैन्युअल के अनुसार ही उसका बिस्तर जमीन पर लगाया गया था। मच्छरों से परेशान अफजाल की पूरी रात करवटें बदलते गुजरी। पहले तो उसने रात के भोजन के लिए मना कर दिया, लेकिन कुछ दवाएं खाने के लिए जेल की रोटी, सब्जी, दाल खाई।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
जेल अधीक्षक हरीओम शर्मा ने बताया कि सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सभी सीसीटीवी कैमरे चल रहे हैं और बाडी वार्न कैमरे के साथ बंदी रक्षक पूरी तरह मुस्तैद हैं। जिलाधिकारी आर्यका अखौरी और पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह रविवार को बिना पूर्व सूचना के जिला जेल पहुंचे और जेल अधीक्षक से सुरक्षा की जानकारी लेने के साथ बैरकों को देखा.
सुरक्षा में न हो चूक
निर्देशित किया कि जेल की सुरक्षा में कोई चूक न हो। किसी कीमत पर मोबाइल फोन या कोई प्रतिबंधित सामान जेल के अंदर जाने न पाए। एसपी ओमवीर सिंह ने इसे नियमित जांच का हिस्सा बताते हुए कहा कि सुरक्षा व्यवस्था के संबध में जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। एमपी-एमएलए कोर्ट ने शनिवार को गैंगस्टर मामले में दो बार सांसद और पांच बार विधायक रह चुके अफजाल को चार साल कैद और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी.