वाराणसी (ब्यूरो)। शिवरात्रि के पहले हुई बैंरिकेडिंग ने व्यापारियों को टेंशन दे दिया है। एक हफ्ता पहले ही विश्वनाथ मंदिर से लेकर चितरंजन पार्क तक बैंरिकेडिंग कर दिया गया है। इसके चलते व्यापारियों का कारोबार प्रभावित होने लगा हैं। व्यापारियों का कहना है कि एक हफ्ता पहले बैरिकेडिंग का कोई औचित्य नहीं हैं। दुकान के सामने बैरिकेडिंग से ग्राहकों को आने में काफी दिक्कत हो रही है। कई ग्राहक तो बैरिकेडिंग देखकर ही चले जा रहे हैं। हालांकि प्रशासन का कहना है कि राष्ट्रपति के प्रोग्राम को देखते हुए बैरिकेडिंग कराई गई है। अभी ये तय नहीं है कि इसे महाशिवरात्रि तक रखना है या नहीं.
एक दिन पहले करनी चाहिए
मैदागिन से लेकर दशाश्वमेध घाट तक बैंरिकेडिंग शनिवार से ही शुरू हो गयी थी। इन मार्गों पर पहले ही भीड़ रहती हैं। बैरिकेडिंग होने से और जाम लग जा रहा है। प्रशासन को शिवरात्रि के एक दिन पहले स्टील की बैरिकेडिंग करनी चाहिए थी।
कारोबार की थी उम्मीद
व्यापारियों का कहना है कि शिवरात्रि पर काफी उम्मीद थी कि कारोबार अच्छा होगा, लेकिन ऐन मौके पर प्रशासन ने बैरिकेडिंग कर उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। शिवरात्रि हो या सावन का महीना पर्व शुरू होने से एक हफ्ता पहले ही बैरिकेडिंग कर दी जाती हैं। इसका खामियाजा व्यापारियों को भुगतना पड़ता हैं। प्रशासन बैरिकेडिंग करे, लेकिन जब त्योहार की शुरुआत हो, उसके एक दिन पहले करे और त्योहार बीत जाने के बाद हटा दे.
व्यापारियों को तो झेलने की आदत हो गयी है। सावन हो, शिवरात्रि या फिर वीवीआईपी मोमेंट हमेशा बैरिकेडिंग कर दी जाती है। इसका नुकसान व्यापारियों को उठाना पड़ता है.
सुरेश तुलस्यान, अध्यक्ष दशाश्वमेध व्यापार मंडल
जाम से तो परेशान हैं ही अब बैरिकेडिंग से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्टील की बैरिकेडिंग कर दी गयी है, कब हटायी जाएगी यह किसी को पता नहीं.
अशोक जायसवाल, महामंत्री, महानगर उद्योग व्यापार समिति
त्योहार को लेकर व्यापारियों को काफी उम्मीद रहती है कि अच्छा कारोबार होगा, लेकिन बैरिकेडिंग कर उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया जाता है.
श्रीनारायण खेमका, संरक्षक, महानगर उद्योग व्यापार समिति
त्योहार को देखते हुए बैरिकेडिंग करना चाहिए, लेकिन प्रशासन को व्यापार के बारे में भी सोचना चाहिए। एक हफ्ता पहले बैरिकेडिंग से काफी नुकसान होता है.
छोटे लाल, दुकानदार
वीवीआईपी मूवमेंट को देखते हुए बैरिकेडिंग कराई गई है। आगे भीड़ को देखते हुए तय होगा कि इसे महाशिवरात्रि तक रखना है या हटाना है.
आरएस गौतम, डीसीपी काशी