अड़चनों-बाधाओं से बड़े सलीके से पार पाना और हर वक्त अपनों के चेहरे पर मुस्कान लाने के बंदोबस्त में जुटे रहने की काबिलियत यदि कोई किसी से सीखे तो वह है लक्ष्मी हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ। अशोक कुमार राय। चिकित्सा ही नहीं वरन, शिक्षा सहित अन्य सामाजिक कार्यो को बेताबी के साथ पूरा करने की ललक ही उन्हें समाज में आज मजबूत स्तंभ की उपाधि दी है। बिना किसी भेदभाव और स्वार्थ के बदौलत डॉ। अशोक कुमार राय आज बनारस ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वाचल तक अपनी प्रतिभा की चमक बिखेर रहे हैं। परिश्रम, ईमानदारी और लगन के साथ कदमताल करने का जुनून ही उन्हें सफलता के शिखर की ओर अग्रसर करता जा रहा है। बेहद कम समय में समाज में अपनी एक अलग पहचान बना चुके डॉ। अशोक मानते हैं कि यदि हम दूसरों के कामकाज का मूल्यांकन करना छोड़ दें तो निश्चित ही अपनी जिंदगी और समाज के लिए कुछ अच्छा कर सकेंगे।

परिचय के मोहताज नहीं हैं राय

आज के इस व्यस्त जमाने में हमेशा दूसरों (अपनों) की सेवा के लिए तत्पर रहने वाले डॉ। अशोक कुमार राय किसी परिचय के मोहताज नहीं है। कम समय में लक्ष्मी हॉस्पिटल को मल्टीस्पेशिएलिटी बनाने वाले डॉ। अशोक मानते हैं कि कोई भी काम यदि मेहनत, लगन और ईमानदारी से किया जाए तो फिर रिजल्ट खुशियों से झोली भर देने वाले होते हैं। 20 मार्च 2001 में 50 बेड से लक्ष्मी हॉस्पिटल की शुरूआत आज 150 बेड में बदल गई है। इसे शहरवासियों और बड़े-बुजुर्गो का आशीर्वाद, स्नेह-प्रेम ही मानता हूं। जिन्होंने मुझ पर इतना भरोसा जताया।

बनना था इंजीनियर बन गया डॉक्टर

बचपन की सुहानी यादें शायद ही कोई भूल पाता है। खास कर स्कूल लाइफ की जो यादें होती है वह ताउम्र तक रहती है। डॉ। अशोक कुमार राय बताते हैं कि जब गवर्नमेंट क्वींस इंटर कॉलेज में कक्षा नौ में पढ़ रहा था तभी सहपाठियों ने मेरा नामकरण डॉक्टर कर दिया था। चूंकि वह इसलिए कि कोई भी काम मैं अधूरा नहीं छोड़ता था, मतलब कि हर मर्ज का इलाज मेरे पास रहता था। चाहे दोस्तों का होमवर्क रहा हो या फिर अन्य कोई काम, जिसे पूरा मैं ही पूरा करता। हालांकि मुझे इंजीनियर बनना था, इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद एक साल तैयारी भी की, लेकिन बायो स्ट्रीम मुझे इतना भाया कि 15 अगस्त के दिन इंजीनियरिंग का फील्ड छोड़ डॉक्टर बन गया।

नक्सलियों के मांद में घुसकर किया इलाज

डॉ। अशोक कुमार राय बताते हैं कि मेडिकल पढ़ाई पूरी करने के बाद पहला मौका भारतीय रेलवे कैंसर अनुसंधान केंद्र में तीन साल तक कार्य करने का मिला। उस दौरान रह कर असहायों, गरीब अशक्तों की सेवा का जो संकल्प लिया आज तक अनवरत जारी है। रामकृष्ण मिशन से जुड़कर गांव-गांव में हेल्थ कैंप करना। मलिन बस्तियों में चिकित्सा शिविर के माध्यम से लोगों का इलाज करने से लेकर उन्हें हर जरूरती सामान उपलब्ध कराना मेरी प्राथमिकता में रहा है। पहला मौका ऐसा था जब चंदौली जनपद के नक्सल प्रभावित एरिया नौगढ़ में हेल्थ कैंप किया, कई साथियों ने आगाह भी किया कि ऐसी जगहों पर कैंप करना उचित नहीं होगा। लेकिन मुझे सिर्फ गरीब, असहाय की पीड़ा दिख रही थी, मैनें बिना किसी डर के एक सप्ताह से अधिक नौगढ़ के विभिन्न एरिया में हेल्थ चेकअप कैंप किया। मुझसे जो बन सकता था, मैं करता रहा। बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद है कि आज भी यह सिलसिला बरकरार है।

चिकित्सा संग शिक्षा को देना है विस्तार

चिकित्सा जगत में ख्यातिलब्ध डॉ। अशोक कुमार राय मानते हैं कि एक स्वच्छ और स्वस्थ्य समाज का गठन तभी हो सकता है जब आने वाली पीढि़यां हमारी शिक्षित होगी। इस नाते उन्होंने हरहुआ के काजीसराय में लक्ष्मी नर्सिग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना 2013 में की। गर्व की बात यह है कि बिना किसी असुविधा के नर्सिग स्टूडेंट्स अपना कोर्स पूरा कर किसी न किसी हॉस्पिटल्स में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अशक्तों की सेवा में अपना योगदान देकर पुण्य कमा रहे हैं। समाज में अतुलनीय योगदान के लिए विख्यात रहे अपने बाबा स्वर्गीय फूलचंद राय को आदर्श मानने वाले डॉ। अशोक राय उनके पदचिन्हों पर चलने के लिए संकल्पित है।

अर्धांिगनी रागिनी का मिला साथ

डॉ। अशोक कुमार राय फक्र के साथ कहते हैं कि इतनी व्यस्त लाइफ में पत्‍‌नी रागिनी राय का साथ काफी मजबूती देता है। उतार-चढ़ाव भरे जीवन में रागिनी ने भरपूर साथ दिया। वह हर पल कदम से कदम मिलकर खड़ी रहती हैं।

चिकित्सा में ही बच्चों का पदार्पण

डॉ। अशोक कुमार राय की दो बेटियां और एक पुत्र है। बड़ी बेटी ऋचा राय एमएस कर रही हैं, दूसरी बेटी रक्षा राय एमबीबीएस और सबसे छोटा बेटा आदर्श राय पोलैण्ड से एमबीबीएस कर रहा है।

अचीवर्स प्रोफाइल

नाम- डॉ। अशोक कुमार राय

पद- प्रबंध निदेशक, लक्ष्मी हॉस्पिटल

ये हैं पसंद

मूवी-बागबान, दीवार

खाना- वेजेटेरियन, इंडियन फूड

हॉबी- क्रिकेट

पसंदीदा जगह - बनारस

पसंदीदा गाड़ी - फॉ‌र्च्यूनर

अचीवमेंट

-विगत 22 साल से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बनारस शाखा में महत्वपूर्ण पदों से जुड़े हुए हैं

-सदस्य, रेल सलाहकार समिति उ.मध्य रेलवे इलाहाबाद

-सक्रिय सदस्य, भारतीय जनता पार्टी

-नागरिक सुरक्षा संगठन

-उपाध्यक्ष, जिला सहकारी संघ लिमिटेड

-आर्य महिला हितकारिणी समिति

-सक्रिय सदस्य, भारत विकास परिषद

-सक्रिय सदस्य, इंडियन रेडक्रास सोसायटी

-सक्रिय सदस्य, हीमोफिलिया सोसायटी

-सक्रिय सदस्य, संस्कार भारती

-आजीवन सदस्य, मनीषी परिषद

-आजीवन सदस्य, संकल्प सेवा समिति

-वाराणसी क्रिकेट एसोसिएशन

-बैडमिंटन एसोसिएशन

-वाराणसी फुटबाल संघ

-यूपी पॉवर लिफ्टिंग एसोसिएशन

-जिला बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन

-बॉक्सिंग एसोसिएशन

-वाराणसी एथेलिट्स एसोसिएशन

-संरक्षक, वाराणसी व्यापार मंडल