-ई-लाटरी सिस्टम से मिलने वाली शराब दुकानों के लिए आवेदन करने में झेलनी पड़ रही है काफी परेशानी
-सर्वर डाउन से आवेदन नहीं हो पा रहा है स्वीकार, पांच मार्च को सांस्कृतिक संकुल में होना है ई-लाटरी
आबकारी विभाग में इन दिनों गजब की आपाधापी मची हुई है। नई आबकारी नीति के तहत अधिकारियों से लगायत अनुज्ञापी तक हैरान-परेशान हैं। आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए ई-लाटरी सिस्टम से मिल रही शराब की दुकानों के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों को सर्वर खूब झेला रहा है। तरह-तरह के नियम सामने आने से भी शराब कारोबारियों की परेशानियां बढ़ जा रही हैं। कारण कि, सर्वर इधर कई दिनों से लगातार डिस्टर्ब चल रहा है। जिससे आनलाइन आवेदन स्वीकार नहीं हो पा रहा है। ऐसे में आवेदनकर्ता आबकारी विभाग कार्यालय में पहुंचकर हो हल्ला मचा रहे। प्रॉसेज आनलाइन होने से अधिकारी भी बहुत हेल्प नहीं कर पा रहे हैं। पांच मार्च को चौकाघाट स्थित सांस्कृतिक संकुल में ई-लाटरी होना है, मगर शराब कारोबारी हैसियत प्रमाणपत्र, पैनकार्ड, आधार, आयकर रिटर्न सहित अन्य दस्तावेज जुटाने में उलझे हुए हैं।
आनलाइन में फंस जा रहा पेमेंट
ई-लाटरी सिस्टम के तहत आवेदनकर्ता का फॉर्म फिलअप हो रहा है लेकिन जब आनलाइन पेमेंट की बारी आ रही है तो सर्वर डाउन हो जा रहा है। सर्वर डाउन होने से कई आवेदनकर्ताओं का पैसा फंस जा रहा है। यही नहीं, पैनकार्ड नंबर यदि फॉर्म पर गलत फीड हो गया तो फिर उसके लिए एक अलग से फॉर्म भरना पड़ रहा है। एफिडेविट से काम अब नहीं चल रहा है। सबसे अधिक दिक्कत आवेदनकर्ताओं को हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने में हो रही है।
देशी शराब, अंग्रेजी के लिए ठेका
बनारस डिस्ट्रिक्ट में देशी शराब, अंग्रेजी और बीयर की दुकानें ई-लाटरी से ही मिलेंगी। अब एक फर्म को महज दो ही दुकानें एलॉट हो पाएंगी। लेकिन छोटे आवेदनकर्ता की मानें तो इसमें भी अधिकारी घालमेल कर सकते हैं।
पांच मार्च को ई-लाटरी होनी है लेकिन सॉफ्टवेयर है कि फॉर्म स्वीकार ही नहीं कर रहा है। बड़े लेवल पर धांधली होने की उम्मीद है।
डिम्पल सिंह, आवेदनकर्ता
फॉर्म फिलअप हो रहा है लेकिन जब आनलाइन पेमेंट की बारी आ रही है तो अचानक सर्वर डाउन हो जा रहा है। कुछ न कुछ तो खेल हो रहा है।
मनोज सिंह, आवेदनकर्ता
ई-लाटरी सिस्टम करने से पहले सरकार को सब चीजें दुरुस्त कर लेनी चाहिए थीं। पांच दिन बचे हैं फॉर्म फिलअप करने में लेकिन अभी तक हो नहीं पाया।
अरविंद मौर्या, आवेदनकर्ता
सर्वर रह-रहकर डिस्टर्ब हो जा रहा है। कुछ डॉक्यूमेंट्स को लेकर आवेदनकर्ताओं में असमंजस की स्थिति है। लोकल लेवल पर ऐसी कोई परेशानियां नहीं हैं।
करुणेंद्र सिंह, सहायक आयुक्त आबकारी
नई आबकारी नीति के खास बिंदु
-ई-लाटरी से शराब व बीयर की दुकानों का आवंटन होगा
-आवेदक को आधार कार्ड, पैन कार्ड और पिछले साल का आयकर रिटर्न के साथ हैसियत प्रमाण-पत्र दाखिल करना होगा
-ई-पेमेंट को प्रोत्साहन मिलेगा
-देसी व अंग्रेजी शराब तथा बीयर की लाइसेंसी दुकानों के लिए डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, भीम, आरटीजीएस, एनईएफटी भुगतान माध्यम स्वीकार होंगे
-शराब व बीयर की बोतलों पर अब होलोग्राम नहीं लगेंगे
-लाइसेंसियों के लिए ट्रैक एण्ड ट्रेस सिस्टम लागू होगा
-देसी व अंग्रेजी शराब के दाम राउण्ड आफ में यानी 10 रुपये के गुणांक में होंगे
-देसी का पउवा अब 200 एमएल का होगा, 180 मिली का पउवा बंद होगा
-28 फीसद तीव्रता वाली देसी शराब अब नहीं मिलेगी, अब केवल 42.8, 36 और 25 परसेंट अल्कोहल तीव्रता वाली देसी शराब ही मिलेगी
-देसी शराब के फुटकर विक्रेताओं के लिए न्यूनतम गारंटी कोटा (एमजीक्यू) को आठ फीसद बढ़ाया गया है
-कारोबारी या फर्म चाहे जितने आवेदन करें लेकिन उन्हें दो ही दुकानें मिलेंगी
एक नजर
308
हैं देशी शराब की दुकानें
167
हैं अंग्रेजी शराब की दुकानें
145
हैं बीयर की दुकानें