वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी पुलिस ने शुक्रवार को यूपी 65 मनाया। रवींद्रपुरी में हुए प्रोग्राम में विभिन्न एक्टिविटी के जरिए पब्लिक को अवेयरनेस का पाठ पढ़ाया गया और ट्रैफिक रूल्स को मानने की सलाह दी गई, लेकिन क्या आपको पता है कि पॉवर सेंटर वाराणसी में इसकी जरूरत क्यों पड़ी, तो जान लीजिए बनारस में जाम के चलते रोजाना 3 लाख लोगों के बहुमूल्य चार घंटे जाया जा रहे हैं। 78 परसेंट लोग वाराणसी की ट्रैफिक व्यवस्था से असंतुष्ट हैं। अव्यवस्थित ट्रैफिक के पीछे अलग-अलग कारण है। पब्लिक का यह भी मानना है कि यदि जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठन एक साथ आते हैं तो ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार संभव है।
एजुकेशन पर काम शुरू
व्यवस्थित ट्रैफिक के लिए एजुकेशन, इंजीनियरिंग, एनफोर्समेंट, एनवायरमेंट व इमरजेंसी केयर जरूरी है। वाराणसी पुलिस ने प्तश्च६५ष्ठड्ड4 के तहत अवेयरनेस प्रोग्राम की शुरुआत की और पब्लिक को ट्रैफिक रूल्स से एजुकेट किया। लोगों को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से ट्रैफिक रूल्स को लेकर अवेयर किया गया। वहीं, जाम की समस्या के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक व वाट्सएप) पर सर्वे कराया, जिसमें 78 परसेंट लोग ट्रैफिक सिस्टम से असंतुष्ट दिखे.
जाम की वजह
1. अतिक्रमण : शहर की सड़कें अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुकी हैं। बाजारों से ज्यादा अस्थाई अतिक्रमण अब गलियों में पहुंच चुका है। बाजारों में तो बुरा हाल है। नगर निगम व पुलिस की टीम आए दिन अतिक्रमण को लेकर कार्रवाई करती है, लेकिन एक-दो दिनों के बाद फिर वही स्थिति खड़ी हो जाती है.
2. अवैध पार्किंग : नॉन-पार्किंग एरिया में गाड़ी खड़ी करना भी ट्रैफिक जाम में बड़ी समस्या बनी हुई है। यही नहीं पार्किंग चार्ज देने से बचने के लिए लोग जहां-तहां गाडिय़ां खड़ी कर देते हैं। इससे पार्किंग तो खाली रहती है, लेकिन रोड पर जाम लग जाता है.
3. अधूरे सिग्नल : शहर में ट्रैफिक सिग्नल लाइट भी बड़ी समस्या है। टाइमर न लगने के कारण लोगों को बेवजह गाड़ी स्टार्ट करके रखनी पड़ती है, जिस कारण पॉल्यूशन भी बढ़ता है। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि जाम को देखते हुए हर चौराहे पर टाइमर लगे.
4. वाहनों का दबाव
बनारस में रोजाना 1,83,942 वाहन शहर की सड़कों पर दौड़ते हैैं। इसमें सबसे ज्यादा एक लाख 14 हजार टू-व्हीलर हैैं। वहीं, ई-रिक्शा व ऑटो जाम का प्रमुख कारण हैैं। ई-रिक्शा 21 हजार हैैं। जबकि 11,214 टैक्सी फर्राटा भर रही हैैं। यह बीच सड़क पर सवारी बैठाते हैैं.
5. संकरी रोड
बनारसी हों या बाहरी, हर कोई बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने जाता है। लेकिन, वहां पहुंचने के लिए सिर्फ तीन रास्ते हैैं। वह भी संकरे। पहला मैदागिन, दूसरा नई सड़क और तीसरा रथयात्रा। इन्हीं रास्तों पर वाहनों का दबाव रहता है। सबसे बड़ा कारण रोड पर अतिक्रमण और रोड पर वाहन पार्क करना है।
आईनेक्स्ट सर्वे
अनदेखी, जागरुकता के अभाव और संसाधनों की कमी से यातायात व्यवस्था ध्वस्त
क्या आप वाराणसी की यातायात व्यवस्था से संतुष्ट हैं?
ए। हां -- 10.9 परसेंट
बी। नहीं -- -- 78.3 परसेंट
सी। कह नहीं सकते -- 10.8 परसेंट
यूपी65 में यातायात व्यवस्था को कौन कमजोर कर रहा है?
ए। अफसरों की अनदेखी -- 17.7 परसेंट
बी। पब्लिक में जागरुकता का अभाव -- 22.3 परसेंट
सी। संसाधनों का अभाव -- 5.4 परसेंट
डी। उपरोक्त सभी - 54.6 परसेंट
क्या ट्रैफिक लोड के अनुसार वाराणसी (यूपी65) में सड़कों का विस्तार हुआ है?
ए। हां -- 23.4 परसेंट
बी। नहीं -- 62.5 परसेंट
सी। कह नहीं सकते -- 14.1 परसेंट
क्या जनप्रतिनिधियों, समाजसेवी संगठनों को वाराणसी (यूपी65) में ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए आगे आना चाहिए?
ए। हां --- 77.7 परसेंट
बी। नहीं --- 9.2 परसेंट
सी। पता नहीं -- 13.1 परसेंट