वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी में कोरोना संक्रमण से दो मरीजों की मौत का मामला फिर सामने आया है। वाराणसी में आज चौथे दिन लगातार मौत हुई। जिले में कोरोना की तीसरी लहर में मौत का आंकड़ा 13 पहुंच गया है। हालाकि, चौंकाने वाली बात जो सामने आई है वह ये है कि इन 13 मौतों में से 6 मरीजों को वैक्सीन की दोनों डोज लगी थी। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक शुक्रवार को जो दो मौते हुई हैं, उनमें एक की उम्र 71 और दूसरे की 74 साल है। ये चिरईगांव के गौरी कला और जानकी नगर के रहने वाले थे। सभी मौतें बीएचयू में ही इलाज के दौरान हुई हैं। इनमें 10 पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं।
56 नए मरीज मिले
कोरोना की तीसरी लहर में जनवरी से मरीजों का मिलना शुरू हो गया था। 5 जनवरी के बाद से कोरोना के मरीजों की संख्या 100 के पार पहुंची थी, जो लगातार बढ़ती जा रही थी। जनवरी का आखिरी सप्ताह आते-आते मरीजों में कमी आने लगी और 11 फरवरी को मरीजों की संख्या 100 के नीचे पहुंच गई। स्वास्थ्य विभाग से मिली रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को कोरोना के 56 मरीज मिले, जबकि एक्टिव मरीजों की संख्या भी हजार से कम 937 हो गई है।
पाजिटिविटी रेट 2 से नीचे
शहर में कोरोना का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है। शुक्रवार को कोरोना के मरीजों का पॉजिटिव रेट 1.02 रहा, जबकि रिकवरी रेट 92.61 रहा। हालाकि बदलते मौसम में कफ, सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण मिले हैं और अस्पतालों में मरीज इलाज के लिए अधिक संख्या में पहुंच रहे हैं।
11 फरवरी का हाल
नए केस मिले - 56
एक्टिव केस - 937
कोविड जांच - 5479
सैंपल कलेक्ट - 4350
निगेटिव रिजल्ट - 5423
मौत - 02
टोटल पॉजिटिविटी रेट - 1.02
रिकवरी रेट - 92.61
अस्पताल में भर्ती - 0
अस्पतालों मेें बेड उपलब्ध - 423
होम आइसोलेट से रिकवरी - 130
जिले में वैक्सीनेशन का हाल
जिले में कुल - 56,05,296
पहली डोज - 30,75,988
दूसरी डोज - 22,67,128
प्रीकॉशनरी डोज - 43613
टीनएजर्स - 2,18,567
थर्ड वेब में कोरोना का पीक खत्म होने का जो कारण सामने आया है वह है लोगों का वैक्सीनेट होना। इसके अलावा इस बार जो ओमिक्रान का वैरियंट आया वह लोगों को फीजिकली कम इफेक्ट कर पाया। इससे लोगों ने कोरोना में रिकवरी जल्द कर ली है। हांलाकि अभी लोगों को सतर्कता बरतनी जरूरी है।
- डॉ। ऋतु रागिनी, एमबीबीएस, एमडी
कोरोना की तीसरी लहर में अब तक जितनी भी मौतें हुई हैं, उनमें फीफ्टी परसेंट लोगों को वैक्सीन नहीं लगी थी। हालाकि मरने वालों मे अधिकतर मरीज गंभीर बीमारी से ग्रसित थे और इन सभी की मौतें इलाज के दौरान हुई है।
डॉ। संदीप चौधरी, सीएमओ