वाराणसी (ब्यूरो)बनारसियों अपने जीभ पर कंट्रोल करना सीख लोगली, मोहल्ले और सड़कों पर खड़े होकर पिज्जा, चाऊमीन, पकौड़ी, जलेबी, पूड़ी-सब्जी और गोलगप्पा, चाट का स्वाद ले रहे हैं तो बचकर खाइए, क्योंकि ज्यादा चटपटा आपकी सेहत पर वार कर सकता हैयह मैं नहीं फूड डिपार्टमेंट का सैंपल रिपोर्ट बता रहा हैएक साल में फूड डिपार्टमेंट के अफसरों ने खाने-पीने के 922 सैंपल लिए थे, जिनमें से 564 नमूने फेल आए हैंइनमें सबसे अधिक चाट, पकौड़ी, समोसा, मिठाई, पिज्जा, मोमो समेत कई खाने-पीने की वस्तु शामिल हैं.

खाने-पीने की वस्तु में मिलावट

शहर में खाने-पीने की वस्तुओं पर मिलावट का तड़का जबरदस्त लग रहा हैहर गली-मोहल्ले मेें चल रही मिठाई, पूड़ी-कचौड़ी की दुकानें कोई भी मिलावट से अछूता नहीं हैसभी जगह खुलेआम खाने-पीने की वस्तुओं में घालमेल चल रहा हैइसकी पुष्टि खुद फूड डिपार्टमेंट ने की है.

फ्राई राइस, दाल भी खाने लायक नहीं

खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने 2022 में सिटी व आसपास के करीब सौ से अधिक होटलों, ढाबों, रेस्तरां में बन रहे चावल, दाल, रोटी, फ्राइड राइस, पुलाव, पनीर की सब्जी के करीब 300 से अधिक सैंपल लिए थेइनमें से करीब 180 से अधिक के सैंपल फेल हो गएयानी ढाबों, होटलों में बनाई जा रही खाने-पीने की वस्तु खाने लायक नहीं निकलीसभी को सेहत के लिए नुकसानदायक बताया गया.

पिज्जा, चाऊमीन में भी घालमेल

यही नहीं अफसरों ने शहर में धड़ल्ले से बेच रहे पिज्जा, बर्गर, चाऊमीन की दुकानों पर भी जांच की कार्रवाई कीसभी के सैंपल लिए लेकिन कोई भी नमूना सेफ नहीं निकलासभी को सेहत के लिए नुकसानदायक बताया गयामैदा से तैयार हो रहे खाने-पीने की वस्तुओं से सीधे आम आदमी बीमारी की चपेट में आ सकता हैफिलहाल बाजार का जंक फूड भी खाने योग्य नहीं है.

होली पर कलरफुल पापड़, चिप्स से बचें

बाजार में बिक रहे रंग-बिरंगे पापड़, चिप्स भी खाने लायक नहीं हैंइनमें इतना अधिक कलर मिलाया जा रहा है, जिससे कैंसर होने की आशंका बनी रहती हैइसलिए फूड डिपार्टमेंट ने सभी को अलर्ट किया है कि होली पर कलरफुल चिप्स, पापड़ न खरीदेंइसमें मिलाया गया कलर केमिकलयुक्त होता है.

कोई भी वस्तु सेफ नहीं

डिपार्टमेंट के अफसरों ने पिछले साल मिलावट के खिलाफ अभियान चलाया थाइसमें फल-सब्जी भी सुरक्षित नहीं पाए गएफलों में केमिकल्स से पकाने के अलावा खाने-पीने की चीजों में भी मिलावट पायी गयीरोजमर्रा के इस्तेमाल की ऐसी कोई चीज बाकी नहीं है, जिसमें खतरनाक मिलावट न किया गया होलैब की रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि किस खाद्य सामग्री में किस रसायन या अन्य चीजों की मिलावट हुई हैडिपार्टमेंट के अफसरों के अनुसार जिन रसायनों की मिलावट पकड़ी गई है, वे गंभीर बीमारियों की वजह बन सकते हैं.

खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ अभियान लगातार जारी हैमिलावटखोरों को नोटिस भी दी जा चुकी हैमिलावट की सूचना पर डिपार्टमेंट ऐसे ही नमूनों की जांच करता है, जिसके सैंपल फेल आए हैंऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन भी लिया जाता हैपिछले साल 922 सैंपल लिए गए थे, जिनमें से 60 परसेंट से अधिक के नमूने फेल आए हैं.

संजय प्रताप सिंह, फूड अभिहित अधिकारी, खाद्य एवं औषधि प्रशासन

हो जाइए अलर्ट

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