वाराणसी (ब्यूरो)। सीएम की समीक्षा बैठक में शहर और ग्रामीण क्षेत्रों की कुल 1423 सड़कों के खराब होने का मामला सामने आया था। इन सड़कों पर हर पांच सौ मीटर पर छोटे और बड़े गड्ढे थे। पिछले तीन दिन में पीडब्ल्यूडी की 60 फीसदी सड़कों पर पैचवर्क कराकर गड्ढे पाट दिए गए हैं। बाकी भी दो दिन में भर दिए जाएंगे, लेकिन नगर निगम की सड़कों की हालत अब भी खस्ता है। इसके चलते सड़क दुर्घटना भी हो रही है। इसी बीच संभागीय परिवहन विभाग के सर्वे में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। सर्वे में खुलासा किया गया कि 14 फीसद सड़क हादसे सड़कों पर गड्ढे की वजह से होते हैं। बीते 22 महीने के दौरान वाराणसी में 732 सड़क हादसे हुए हैं। इनमें 415 की मौत हुई, जबकि 452 गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यानी सड़कों पर गड्ढों की वजह से करीब 55 लोगों को मौत हुई।
सर्वे का सच
शहर में खराब सड़कों की वजह से हादसे हो रहे हैं। अब तक ऐसे 14 फीसदी मामले सामने आए हैं। अनफिट वाहन, गलत पार्किंग और छुट्टा पशुओं के साथ मानवीय भूल से भी जान जा रही है। संभागीय परिवहन विभाग के अनुसार 21 फीसद दुर्घटनाएं अनफिट वाहनों की वजह से हुई हैं। 43 फीसदी हादसों के लिए मानवीय भूल जिम्मेदार है। खराब सड़कों के कारण 14 फीसदी हादसे हुए हैं। 22 फीसद हादसे गलत पार्किंग, छुट्टा पशु सहित अन्य कारण जिम्मेदार है.
टेंगरा मोड़ सबसे खतरनाक ब्लैक स्पॉट
विश्वसुंदरी पुल-टेंगरा मोड़ सबसे खतरनाक है। अप्रैल 2023 से लेकर अब तक यहां 37 हादसे हो चुके हैं, जिसमें 30 लोगों की मौत हुई है। इसी तरह गिलट बाजार-शिवपुर तरना मोड़ जिले का ऐसा ब्लैक स्पॉट है, जहां सबसे अधिक 28 लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके। ब्लैक स्पॉट सर्वाधिक दुर्घटना वाले क्षेत्र होते हैं। सूजाबाद से रामनगर, हरहुआ बाजार, मोहनसराय बाईपास पर सर्वाधिक हादसे हुए हैं.
की गई तैयारियां
इन सभी स्थानों पर मरने वालों की संख्या भी अधिक है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के सभी ब्लैक स्पॉट के पास साइनेज, लाल पट्टियां, आवश्यकता के अनुसार स्पीड ब्रेकर भी लगाए गए हैं। इसके बावजूद क्षेत्र ब्लैक स्पॉट की सूची से बाहर नहीं आ सके। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में खबर प्रकाशित होने के बाद बेनियाबाग से लहुराबीर समेत शहर की अधिकतर सड़कों पर पैचिंग वर्क कराकर गड्ढे पाट दिए गए हैं।
मनोज शर्मा
नवरात्र में सड़कों की स्थिति बहुत खराब थी। दशहरा के बाद सड़कों की मरम्मत शुरू हुई है। इसके चलते दीवाली पर लोगों को सहूलियतें होंगी और हादसों में कमी आएगी.
राजेश सेठ
दशहरा त्योहार के बाद शहर के मुख्य मार्ग की सड़कें चलने लायक हो गई है, लेकिन अंदर की सड़कें अब भी जर्जर है। अब तो उनकी मरम्मत का इंतजार है.
आरडी शुक्ला
पीडब्ल्यूडी की सड़कों की मरम्मत कराई जा रही है। लगभग शहर की सड़कों पर पैचिंग वर्क करा दिया गया है। दो दिन में बाकी अन्य सड़कों की मरम्मत पूरी हो जाएगी.
केके सिंह, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी