वाराणसी (ब्यूरो)। रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया में 33/11 केवी का सबस्टेशन के लिए जमीन मिलने के बाद भी आज तक सबस्टेशन नहीं बन गया। इसके चलते करीब 50 इकाइयां पाइपलाइन में रुकी पड़ी हैं। फिलहाल उद्यमियों का कहना है कि अगर 33/11 केवी का अतिरिक्त सबस्टेशन बन जाए तो उद्यमी, उद्यम और उद्यमिता तीनों का विकास हो। नए इंडस्ट्री लगेंगे तो उद्योगों में बढ़ोतरी होगी। विद्युत कार्पोरेशन को कई बार पत्र लिखने के बाद भी आज तक सबस्टेशन नहीं बन पाया.
4.16 करोड़ का बजट भी नहीं मिला
एक तरफ प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश को उद्योग प्रदेश बनाने के लिए दिन रात प्रयास कर रही है। वहीं विभाग है कि प्रयास पर पानी फेर दे रहा है। रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया में सबस्टेशन लगाने के लिए प्रशासन ने भूमि दिया है। जमीन दिए करीब दो साल से अधिक का समय बीत गया लेकिन आज तक पावर कार्पोरेशन सबस्टेशन नहीं बन पाया। उद्यमियों का कहना है कि सबस्टेशन बनाने के लिए 4 करोड़ 16 लाख का बजट भी नहीं मिला.
8 फैक्ट्रियों को नहीं मिला कनेक्शन
रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया में 8 ऐसी फैक्ट्रियां जिनको बिजली का कनेक्शन ही नहीं मिला है। बिजली विभाग के अफसरों का कहना है कि सबस्टेशन में लोड देने की क्षमता नहीं है, इसलिए कनेक्शन नहीं दिया गया। अगर दे देते तो जो फैक्ट्रियां चल रही हैं, वह भी प्रभावित होतीं। करोड़ों रुपए निवेश करने के बाद भी इन उद्यमियों को आज तक कनेक्शन नहीं मिला.
8 उद्यमी लोड बढ़ाने को परेशान
रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया आठ उद्यमी अपने इंडस्ट्री का लोड बढ़ाने के लिए परेशान हैं। आज तक इनका लोड नहीं बढ़ा। इसको लेकर उद्यमी काफी परेशान हैैं। उनका कहना है कि सरकार उद्योगों के विकास के लिए तमाम स्कीमें लाई हैैं, लेकिन विभाग के अधिकारी किसी भी स्कीम को धरातल पर उतरने नहीं दिए.
सबस्टेशन को 24 सौ मीटर जमीन अलाट
रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 में 33/11 केवी का सबस्टेशन बनाने के लिए प्रशासन ने दो साल पहले 24 सौ मीटर जमीन अलॉट कर दिया है। आज तक पावर कार्पोरशन सबस्टेशन नहीं बना पाया। पावर कार्पोरेशन ने सबस्टेशन बनाने के लिए 4 करोडृ 16 लाख रुपए का बजट बनाकर भेजा है लेकिन आज नहीं मिला। इसी तरह फेज-2 में 10 एमबीए का ट्रांसफार्मर लगाने के लिए 2 करोड़ 65 लाख का इस्टीमेट बनाकर भेजा है वह भी अभी तक नही आया। अगर फेज-1 फेज-2 में बिजली की समस्या दूर हो जाए तो 50 नए उद्योग और लग जाए। दो बजट निर्गत हो जाए तो नए उद्योग को कनेक्शन भी मिल जाए और फैक्ट्रियों के लोड भी बढ़ जाए।
नए उद्योग कैसे लगेंगे, दो साल पहले सबस्टेशन के लिए जमीन एलॉट किया है। आज तक सबस्टेशन नहीं बन पाया.
आरके चौधरी, संरक्षक, रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया
सरकार उद्योगों के विकास के लिए कई योजनाएं लाई है लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते धरातल पर नहीं उतर पाई.
डीएस मिश्रा, अध्यक्ष रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया
रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 में सबस्टेशन व फेज-2 में दस एमबीए का ट्रांसफार्मर के लिए इस्टीमेट बनाकर भेजा गया है.
मनोज कुमार सिंह, अधिशासी अभियांता, रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया