वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस की तस्वीर हर दिन बदल रही है। पिछले नौ साल में बाबतपुर से लेकर बीएचयू तक ही नहीं, विकास रूपी गंगा ने पूरे बनारस को अपनी गोद में जगह दी। यहां की बदलती तस्वीर को देखने के लिए हर कोई बनारस आने के लिए बेताब है। एक परियोजना खत्म होती है तो दस नई योजनाएं शुरू हो जाती हैं। इसी कड़ी में 23 फरवरी को पीएम नरेंद्र मोदी का काशी आगमन हो रहा है। इस बार पीएम 40 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे, जिसमें पांच परियोजनाएं ऐसी हैं, जिसके उद्घाटन से बनारस को रफ्तार ही नहीं, बल्कि नई पहचान भी मिलेगी। आज हम आपको बताएंगे कि किन-किन परियोजनाओं से वाराणसी के विकास के पंख और मजबूत होंगे।
1. बनास काशी संकुल
622 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट
47 जिलों के लोगों को फायदा
3.5 लाख दूध उत्पादकों को रोजगार
करखियांव में 622 करोड़ रुपए से अमूल बनास डेयरी प्लांट ने आकार ले लिया है, जो बनारस में श्वेत क्रांति के साथ विकास को एक नई गति प्रदान करने के लिए तैयार है। पीएम नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर 2021 को इसकी आधारशिला रखी थी। इस परियोजना को 2 साल में पूरा कर लिया गया। अब 23 फरवरी को पीएम के हाथों से ही इसका उद्घाटन होगा। स्टार्ट होते ही बनारस समेत 47 जिलों के लोगों को सीधा लाभ होगा। 2600 समितियां जुडेंग़ी। 3.5 लाख दूध उत्पादकों को सीधे रोजगार मिलेगा। यह प्लांट 30 एकड़ में फैला है.
2. सिगरा इंडोर स्टेडियम
300 करोड़ तीन फेज में होंगे खर्च
93.02 करोड़ से पहले फेज का काम
21 इनडोर गेम एक छत के नीचे
पहले चरण के हिस्से का दो मंजिला सिगरा इंडोर स्टेडियम तैयार है। जुलाई 2021 में पहले चरण का काम शुरू हुआ था। इस स्टेडियम में स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स, क्रिकेट ग्राउंड, फुटबॉल ग्राउंड, मल्टीलेवल हॉस्टल सहित कई सुविधाएं होंगी। यानी मल्टी स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स में एक छत के नीचे 21 से ज्यादा इनडोर गेम खेल सकेंगे। ये स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स इतना हाईटेक है कि गेम के हिसाब से इसका फ्लोर ऑटोमेटिक चेंज होगा। इस स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स में इंटरनेशनल स्तर का स्विमिंग पूल, बास्केटबॉल, हैंडबॉल, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, वेट लिफ्टिंग, जिम, कुश्ती, वॉलीबॉल जैसे खेल को खिलाड़ी खेल पाएंगे.
3-वेस्ट टू चारकोल प्लांट
200 करोड़ रुपए की लागत से तैयार
200 टन कोयला उत्पादन की क्षमता
03 यूनिट प्रोजेक्ट में लगाई गई हैैं
हरित कोयला परियोजना के तहत रमना में देश के पहले वेस्ट टू-चारकोल प्लांट का भी उद्घाटन पीएम के हाथों से होगा। शहर में निकले वाले कूड़े का बेहतर प्रबंधन करने के लिए 16 एकड़ में करीब 200 करोड़ रुपए की लागत से वेस्ट टू-चारकोल प्लांट का निर्माण कराया गया है। इसकी क्षमता प्रतिदिन करीब 600 टन सालिड वेस्ट से 200 टन कोयला उत्पादन है। इस प्रोजेक्ट में कुल तीन यूनिट लगाई गई हैं। इसमें एक यूनिट स्टैंडबाई में रहेगी। यह अत्याधुनिक प्लांट प्रदूषण व दुर्गंध फैलाए बिना कोयला बनाएगा। प्लांट से बनने वाली कोयला एनटीपीसी अपने प्लांट में प्रयोग करेंगी।
4. पंचक्रोशी परिक्रमा मार्ग
101 करोड़ रुपए से निर्माण
25 किलोमीटर मार्ग के दायरे में
23 फरवरी को होगा उद्घाटन
बनारस धार्मिक शहर है। यहां हर गलियां में ही, बल्कि हर पांचवें घर में मंदिर है। इसलिए बनारस की हर सड़क मठ-मंदिर के दर तक जाती है, जिसमें पंचक्रोशी परिक्रमा मार्ग का विशेष महत्व है। 101 करोड़ की लागत से इसका निर्माण भी पूरा हो चुका है। इस मार्ग के दायरे में 25 किलोमीटर को कवर किया गया है। 23 फरवरी को पीएम मोदी इसका भी उद्घाटन करेंगे। पंचक्रोशी परिक्रमा मार्ग में अस्सी, नरिया, चितईपुर से कंदवा, भीमचंडी, रामेश्वर, शिवपुर से महावीर मंदिर होते हुए पांडेयपुर से कपिलधारा तक की सड़कें शामिल हैं।
5-वाराणसी-औरंगाबाद सिक्सलेन
4100 करोड़ है अनुमानित लागत
192.4 किमी है इसकी कुल लंबाई
2011 में शुरू हुआ था इसका काम
वाराणसी से बिहार के औरंगाबाद तक सिक्सलेन का निर्माण पूरा हो चुका है। वाराणसी-औरंगाबाद का पुराना नाम जीटी रोड एनएच-2 है। यह दो लेन की सड़क थी। इसे वर्तमान में एनएच-19 कर दिया गया है। 2011 में इस सड़क को सिक्सलेन बनाने का काम शुरू हुआ था। उस समय इसकी अनुमानित लागत करीब 2848 करोड़ रुपए थी। यह अब बढ़कर करीब 4100 करोड़ रुपए हो गयी है। इसकी लंबाई करीब 192.4 किमी है। इस सड़क के बनने से वाराणसी से औरंगाबाद के बीच रोहतास, गया और कैमूर जिलों को सीधा फायदा होगा। साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी.