वाराणसी (ब्यूरो)। इंडस्ट्री के मामले में अब बनारस भी पीछे नहीं रहा। वर्ष 2023 में लखनऊ में हुए इन्वेस्टर्स समिट में देश-विदेश के 496 उद्यमियों ने सिर्फ बनारस में इंडस्ट्री लगाने के लिए एमओयू साइन किया था। इनमें से 35 लोगों के पास खुद का लैंड होने पर अपनी इंडस्ट्री को चला रहे हैं। बचे हुए लोगों को जमीन की तलाश जारी है। फिलहाल बनारस में यह सारे उद्योग अगर डेवलप हो जाए तो शहर का सिनेरियो ही बदल जाएगा। रोजगार के अवसर तो बढ़ेंगे ही साथ प्रोडक्ट भी बढ़ जाएगा। लेकिन, अब तक जमीन न मिलने से सारे एमओयूस धरातल पर नहीं उतर पाए.
फरवरी में इन्वेस्टर्स समिट
प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को उद्योग प्रदेश बनाने के लिए 2023 में 10 से 12 फरवरी तक लखनऊ में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया था। इनमें देश-विदेश के सैकड़ों निवेशक शामिल हुए थे और प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए हामी भरे थे। इनमें से बनारस में भी 496 निवेशकों ने एमओयू साइन किए थे। बनारस में बनारसी साड़ी, डेयरी, सोलर पावर प्लांट, दूध प्लांट, कपड़े की मन्युफैक्चरिंग, मेडिकल, होटल्स, हार्टीकल्चर, एनीमल हसबेंड्री समेत कई इंडस्ट्री लगने की उम्मीदें जागी थी.
उद्योग लगने में नहीं लगेगा समय
लैंड न मिलने की वजह से 1 हजार का प्रोजेक्ट रुका हुआ है। इनमें 20 से लेकर 500 करोड़ तक के प्रोजेक्ट शामिल हंै। इन सभी प्रोजेक्ट को लैंड मिल जाए तो नए उद्योग लगने में समय नहीं लगेगा। लघु उद्योग भारती काशी प्रांत ने योगी आदित्यनाथ से गुहार लगायी है कि वर्षों से निष्प्रयोग हरी फर्टिलाइजर, साहुपुरी की 331 एकड़ जमीन यदि जनता को औद्योगिक क्षेत्र बनाकर उपलब्ध करवा दे तो पूर्वांचल में उद्योग जगत में क्रांति आ जाएगी.
यूपीसीडा और हैंडलूम की भी इंडस्ट्री
उद्योग उपायुक्त मोहन शर्मा ने बताया कि 496 में कई इंडस्ट्री टूरिज्म डिपार्टमेंट, यूपीसीडा, हैंडलूम के भी शामिल हंै। टूरिज्म डिपार्टमेंट्स होटल बनवाना चाहता है, वहीं यूपीसीडा लैंड की तलाश में है। हैंडलूम डिपार्टमेंट्स के भी कई उद्योग लगने हैं। शासन-प्रशासन द्वारा एमओयू की मानिटरिंग की जा रही है। फिर करोड़ों रुपए के उद्योग जमीन पर दिखाई नहीं दे रहे हैं, क्योंकि लैंड अभी तक इन उद्यमियों को नहीं मिल पाया है.
एक दर्जन से अधिक होटल का प्लान
एमओयू साइन करने वालों में एक दर्जन से अधिक ऐसे उद्यमी हैं जो होटल्स खोलना चाहिए लेकिन उनको अभी तक जमीन नहीं मिला है। वह लगातार विभाग के संपर्क में है। अगर इन उद्यमियों को होटल खोलने के लिए जमीन मिल जाए तो सिटी का कायाकल्प हो जाएगा। टूरिज्म इंडस्ट्री को पंख लग जाएंगे। साड़ी इंडस्ट्री से जुड़े गुलशन मौर्य ने बताया कि एक साल पहले एमओयू साइन किया था। बनारसी साड़ी की इंडस्ट्री लगाने के लिए लेकिन अभी तक जमीन नहीं मिला। मेरा प्रोजेक्ट 15 करोड़ का है.
200 करोड़ का उद्योग
उद्यमी संजीव कुमार का कहना है कि एक साल पहले हमने भी एमओयू साइन किया था। 200 करोड़ का एथनॉल का प्रोजेक्ट लगाने के लिए अभी तक लैंड नहीं मिला है। अगर लैंड मिल गया होता तो उद्योगों का विकास होता। रोजगार के नए अवसर लोगों को मिलते। विभाग से जब भी संपर्क किया जाता है तो कहते हैं कि लैंड की तलाश की जा रही है। मिलने पर सूचित किया जाएगा.
जमीन की तलाश की जा रही है। इसके लिए सभी लोग लगे हैं। जिनके पास लैंड थे, उन्होंने अपना उद्योग लगाकर काम शुरू कर दिया है.
मोहन शर्मा, उद्योग उपायुक्त
साहूपुरी में 331 एकड़ जमीन पड़ी है। अगर प्रशासन उस लैंड उद्योग लगाने के लिए उद्यमियों को दे तो काफी सहूलियत होगी.
राजेश कुमार सिंह, अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती काशी प्रांत
साड़ी का उद्योग लगाने के लिए एक साल पहले एमओयू साइन किया था, लेकिन अभी तक जमीन नहीं मिली.
गुलशन मौर्य, साड़ी कारोबारी
एथनॉल की इंडस्ट्री लगाने के लिए पिछले साल फरवरी माह में एमओयू साइन किया था लेकिन आज तक जमीन नहीं मिली.
संजीव कुमार, उद्यमी