वाराणसी (ब्यूरो)। ट्रैफिक सिस्टम सेफ करने के लिए शहर में कितना ही सिग्नल या फिर ट्रैफिक के जवानों को तैनात कर दीजिए, लेकिन बनारसी सुधरने वाले नहीं हंै। कमांड सेंटर से जो रिपोर्ट मिला, वह चौंकाने वाला है। आपको यकीन नहीं होगा कि छह महीने में 48813 बनारसियों ने ट्रैफिक सिग्नल को जंप किया है, जबकि सिटी में 20 स्पॉट पर ही ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए है। अगर और चौराहों पर सिग्नल लगा होता तो यह आंकड़ा कुछ और कहता.
ट्रैफिक सेंस नहीं
टै्रफिक सिस्टम इस लिए लागू किया गया कि कोई जाम में न फंसे और आसानी निकल जाए। किसी के साथ कोई दुर्घटना न हो। इसके लिए सिटी के 20 चौराहें पर ट्रैफिक रुल्स को फालो करने के लिए सिग्नल लगाए गए। इसके बाद ज्यादातर लोग ट्रैफिक सिस्टम का पालन नहीं कर रहे है। लोगों को जाने की जल्दी इतना अधिक रहती है कि सिग्नल भी नहीं दिखता। ग्रीन है कि रेड इसका परवाह किए बिना ही सिग्नल को जंप कर जाते है.
सबसे अधिक रेड लाइट किए जंप
बनारसियों ने सबसे अधिक रेड लाइट को जंप किया है। अपनी जान को जोखिम में डालकर सबसे अधिक रिस्क लिए है। कमाण्ड सेंटर में सबसे अधिक रेड लाइट को जंप करने पर ही चालान काटा गया है। इनमें 48813 लोग शामिल है जिन्होंने ट्रैफिक रुल का पालन नहीं किया। ऐसे लोगों का कमाण्ड सेंटर के कैमरे ने आटोमैटिक चालान काट दिया है लोगों को पता भी नहीं चला.
ओवरस्पीड वाले भी शामिल
20 परसेंट लोगों का चालान ओवर स्पीड के चक्कर में काटा गया है। रेड लाइट होने के बाद भी इतनी तेजी से अपने वाहन को भगाया कि कैमरे में उनकी गाड़ी न आ सके। रेड लाइट जंप करने में अंधरापुल, चौकाघाट, तेलियाबाग, सिगरा तिराहा, रथयात्रा चौराहा सुंदरपुर, पाण्डेयपुर चौराहा समेत एक दर्जन चौराहे शामिल है। जहां लोग वेट नहीं करते ट्रैफिक नियम को तोड़कर भाग जाते है.
मोबाइल से बात करते
कार ड्राइव करते और मोबाइल से बात करना भी बनारसियों को काफी अच्छा लगता है। इनको कार चलाते समय मोबाइल से बात करने में कोई हिचक नहीं होता। ऐसे 60 लोगों का चालान काटा गया है। यह ऐसे लोग हैं जो कान में ईयरफोन लगाकर बात करते हुए चलते हैं। ऐसे में इनके साथ कोई भी दुघर्टना हो सकती है लेकिन जान जाने की परवाह किए बगैर ही स्पीड में बाइक चलाते हंै.
कैमरे में भी होते हैं कैद
कई लोग तो यह समझते हैं कि सिग्नल जंप कर लिए तो बच गए लेकिन ऐसा नहीं है। कमांड आफिस में लगा कैमरा आपकी सारी हरकतों को कैद कर चालान काट देता है। भ्रम में न रहें कि ट्रैफिक पुलिस ने चालान नहीं काटा तो बच गए, क्योंंकि चौराहे पर लगा कैमरा कमांड सेंटर आफिस से अटैच रहता है। इसमें आपकी सारी हरकतें कैद होती हैं.
ऐसे हुआ चालान
बिना हेलमेट- 70 परसेंट
बिना सीटबेल्ट -10 परसेंट
रेड लाइट जंप करने - 10 परसेंट
मोबाइल पर बात करते- 10 परसेंट
कमांड सेंटर से भी चालान होते हैं। इसमें सबसे अधिक बिना हेलमेट वालों का चालान हुआ है। कई ऐसे भी शामिल है वाहन चलाते समय मोबाइल से बात कर रहे है.
दुर्गेश कुमार, प्रभारी, कमांड सेंटर