वाराणसी (ब्यूरो)। शहर में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। अगर है तो वह है संसाधनों का अभाव। बड़ा लालपुर स्थित बीआर अंबेडकर स्टेडियम के हॉकी ग्राउंड की बात करें तो यहां एस्टोटर्फ खराब है। दो साल से एक्सपायर होने के बाद भी अब तक बदला नहीं जा सका है। इस कारण खिलाडिय़ों को चोटिल होने का हर समय खतरा बना रहता है। अभ्यास के दौरान खिलाडिय़ों को शॉट, हिट या किक से चोट लगने का भय रहता है। इस वजह से वह अपना स्वाभाविक खेल नहीं खेल पाते हैं। काफी समय पहले इसका टेंडर हो चुका है। काम भी शुरू हो गया, लेकिन स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। खेल महकमे की अनदेखी का खामियाजा हॉकी खिलाड़ी भुगत रहे हैं। यदि उन्हें सुविधाओं मिले तो वह भी मेजर ध्यानचंद की तरह दुनियाभर में तिरंगा लहरा सकते हैं। यही नहीं इस कारण हर साल होने वाला टूर्नामेंट भी यहां के बजाय बीएचयू में आयोजित किया जा रहा है। ऐसे में खेल प्रतिभाएं खिलकर सामने नहीं आ पा रही हैं.
मजबूरन कर रहे प्रैक्टिस
हॉकी स्टेडियम में खेलने वालों को सुबह-शाम प्रैक्टिस करने के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हॉकी खेल रहे खिलाडिय़ों के लिए अभी बड़ी परेशानी की वजह एस्ट्रोटर्फ है। प्रैक्टिस के दौरान आए दिन खिलाडिय़ों के घायल होने का खतरा बना रहता हैै। जगह-जगह मिट्टïी की परत जमी हुई है। बार्डर पर एस्ट्रोटर्फ खुला हुआ है। इन सबके बावजूद मजबूरी में ऐसे खराब मैदान पर भी खिलाडिय़ों को उसमें प्रैक्टिस करनी पड़ रही हैै.
दो साल से खराब एस्ट्रोटर्फ
बड़ा लालपुर स्टेडियम का एस्ट्रोटर्फ एक्सपायर हो चुका है। बता दें कि एस्ट्रोटर्फ की लाइफ 7 साल की होती है पर इसको लगे हुए 9 साल हो चुके हैं। दो वर्ष पहले ही स्टेडियम के एस्ट्रोटर्फ की एक्सपायरी डेट निकल चुकी है, पर अभी तक इसको बदला नहीं गया है। दो वर्ष से खराब एस्ट्रोटर्फ में ही खिलाड़ी प्रैक्टिस कर रहे हैं। खिलाडिय़ों को चोटिल होने का खतरा बना रहता है.
बदलनी पड़ी टूर्नामेंट की जगह
हॉकी स्टेडियम में हर साल अखिल भारतीय पद्मश्री मोहम्मद शाहिद आमंत्रण इनामी हॉकी टूर्नामेंट आयोजित की जाती है। विडंबना यह है कि एस्ट्रोटर्फ के खराब होने के चलते इस बार यह प्रतियोगिता 26 दिसंबर से दो जनवरी तक बीएचयू के एंफीथियेटर मैदान पर खेली जा रही है। इस कारण खिलाडिय़ों को लंबी दूरी का सफर तय करना पड़ रहा है.
जल्द बदले जाएगे एस्ट्रोटर्फ
अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही बड़ा लालपुर स्टेडियम का एस्ट्रोटर्फ बदला जाएगा और हॉकी के खिलाड़ी आराम से स्टेडियम में प्रैक्टिस कर सकते हैं। एस्ट्रोटर्फ के लिए टेंडर भी हो चुका है, लेकिन कार्य प्रगति पर नहीं दिख रहा है। हालांकि अधिकारी जल्द ही बदले जाने का दावा कर रहे हैैं, लेकिन कब एस्ट्रोटर्फ लगेगा, इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं है.
क्या है एस्ट्रोटर्फ
यह इस तरह के मैदान होते हंै जिसमें आर्टिफिशिल प्लास्टिक घास पूरे मैदान में लगी होती है, जो साधारण घास की अपेक्षा अधिक मजबूज होती है। इसके अंदर चारों तरफ स्प्रिंगलड़ के जरिए मैच से पूर्व पानी का छिड़काव करके इसे मैच खेलने के लिए तैयार किया जाता है। इसमें हॉकी खेलने से खिलाड़ी घायल नहीं होते हैं पर एस्ट्रोटर्फ की भी एक समयसीमा होती है। हर सात साल में एस्ट्रोटर्फ एक्सपायर हो जाता है और फिर इसे बदलना पड़ता है।
बड़ा लालपुर हॉकी स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ की समयसीमा समाप्त हो चुकी है। इसलिए अखिल भारतीय पद्मश्री मोहम्मद शाहिद टूर्नामेंट को बीएचयू में आयोजित कराया जा रहा है। इसे बदलने के लिए टेंडर भी हो चुका है। काम भी शुरू हो गया है। जल्द ही इसे बदल दिया जाएगा, ताकि हॉकी प्लेयर्स को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.
-आरपी सिंह, रीजनल स्पोट्र्स ऑफिसर