वाराणसी (ब्यूरो)। रेलवे प्रशासन द्वारा कैंट रेलवे स्टेशन के चारों तरफ के एरिया को कवर करते हुए 102 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इन कैमरों की मानिटरिंग करने के लिए कंट्रोल रूम बनाते हुए तीन एलईडी लगाई गई और पांच आरपीएफ के जवानों की तैनाती ड्यूटी वार की जाती है, जोकि परिसर के अंदर हर प्रकार की गतिविधि को 24 घंटे निगरानी करते रहें। साथ ही इन कैमरों के द्वारा निगरानी करने के कारण कई मामलों में रेलवे के साथ ही पुलिस प्रशासन को भी अपराधियों को ट्रैस करने में मदद मिली है। सवाल तब खड़ा होता है जब 102 कैमरों में से करीब 36 कैमरे एक सप्ताह से खराब हैं, जोकि सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं.
इन लोकेशन पर खराब हैं कैमरे
कैंट रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी कैमरे वर्तमान समय में परिसर के बाहरी भाग से लेकर अंदर के हिस्सों तक खराब बताये जा रहे हैं। इस दौरान परिसर के भीतर मेन हाल, यात्री आश्रय स्थल, बुकिंग काउंटर, प्लेटफार्म नम्बर एक लोहता की तरफ, काशी की तरफ, प्लेटफार्म पांच के दोनों तरफ, प्लेटफार्म नंबर 9 के एक्सीलेटर की तरफ, न्यू बिल्डिंग की तरफ के कैमरे खराब हैैं। इतना ही नहीं परिसर में कई सारे ऐसे कैमरे हैं जो एलईडी स्क्रीन पर खुलते ही नहीं, जिससे उस एरिया की लोकेशन को ट्रैस ही नहीं किया जा पा रहा है.
एसएनटी डिपार्टमेंंट को मिली जिम्मेदारी
कैमरों के खराब हालात और काम नहीं करने के कारण रेलवे कार्यालय की तरफ से सबसे पहले इसे चेक किया गया और पाया गया कि जो कैमरे कार्य नहीं कर रहे हैं, वे काफी चिंताजनक हंै। ऐसे में रेलवे के आरएम कार्यालय की तरफ से टेक्निकल विभाग को एसएनटी डिपार्टमेंट को हायर किया गया। इसमें एसएनटी डिपार्टमेंट ने आश्वासन दिया है कि कैमरों के खराब होने को लेकर ट्रैस किया जा रहा है। इसके साथ ही दो से तीन के अंदर कैमरों को ठीक कर दिया जायेगा। जिन लोकेशन के कैमरे रिपेयर होने लायक नही होंगे उन लोकेशन के कैमरों को चेंज कर दिया जायेगा.
360 डिग्री के लगेंगे 60 और कैमरे
पूरे परिसर के विभिन्न लोकेशन पर 360 डिग्री के 60 कैमरे और लगाने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद परिसर में कैमरों की संख्या 172 हो जायेगी। इन 60 अतिरिक्त कैमरों को लगाने के लिए विभाग की तरफ से टेंडर निकाल दिया गया है। इसमें टेंडर की नीलामी में जीतने वाली संस्था से कार्य कराने के लिए जिम्मेदारी दी जाएगी.
जिन भी लोकेशन पर कैमरों के खराब होने की जानकारी मिली है, उन सभी को ट्रैस करते हुए ठीक कराने के लिए संबंधित विभाग को जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था पर कोई प्रभाव न पड़े, इसके लिए अतिरिक्त जवानों की तैनाती कर दी गई है.
गौरव दीक्षित, स्टेशन डायरेक्टर, कैंट रेलवे स्टेशन