वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी में हर दिन औसतन 9 लोग साइबर ठगी का शिकार होते हैं। इसमें चार लोग फर्जी लोन एप में फंसकर पैसा पाने के बजाय गंवा देते हैं। जनवरी से नवंबर तक तीन हजार से अधिक साइबर ठगी की घटना हुई, जिसमें कैशशो, क्रेडिटबस, फ्लैशलोन, इजीकैश, फोरएसकैश समेत 17 लोन एप के जरिए बनारस में करीब 350 लोगों से दो करोड़ से अधिक की ठगी हुई। इसमें लोन एप से सबसे बड़ी सात लाख की ठगी भी शामिल है। इन्हीं 17 लोन एप से सबसे ज्यादा ठगी का खेल चल रहा था। साइबर सिक्योरिटी फर्म ईएसईटी की रिपोर्ट के बाद ये एप बंद कर दिए गए। गूगल प्लेस्टोर से इनके हटने से साइबर ठगी की घटना में कमी आएगी.
सस्ते लोन के चक्कर में गंवाए लाखों
सोनिया के रहने वाले राकेश यादव, महमूरगंज के संतोष अग्रवाल, खोजवां के लोकेश कुमार, लहरतारा विवेक गुप्ता, लंका के अंजनी, सामने घाट के राजेश समेत तमाम ऐसे लोग हैं, जो सस्ते लोन के चक्कर में अपने लाखों रुपये गंवा चुके हैं। हालांकि अलग-अलग स्कीम में से लोगों को फंसाने, परेशान करने और लूटने वाले फ्रॉड लोन एप बंद हो गए हैं। इन एप के जरिए बनारस में भी हर दिन धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे थे। हाल के दिनों में ऐसे एप की बाढ़ आ गई थी। ये एप अब बनारस में ही हजारों लोगों को अपने जाल में फंसाने में सफल भी हुए थे। ठगी के बाद त्वरित सूचना और साइबर सेल के एक्सपर्ट की मदद से करीब 10 फीसद लोगों के पैसे वापस भी कराए गए। एक्सपर्ट के अनुसार घटना से करीब तीन घंटे बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान पीडि़त की ओर से ठगी की सूचना और सारी डिटेल उपलब्ध कराई जाती है तो रकम वापसी की संभावना ज्यादा रहती है.
अब भी सतर्क रहने की जरूरत
ये एप सोशल मीडिया के जरिए लोगों को निशाना बनाते हैं। ये जरूरतमंद लोगों को छोटी रकम ज्यादा ब्याज दर पर उधार देते हैं। इसके बाद कई लोग इनके मानसिक और शारीरिक प्रताडऩा के शिकार बने हैं। चूंकि, इन एप के पास आपका डाटा होता था। इसलिए ये रिकवरी के लिए गाली-गलौच और आपके परिजनों को धमकाने तक का काम करते थे। इन 17 एप के बंद होने के बावजूद ठगी करने वाले कई एप अब भी मौजूद हैं। अब इनसे बचने की जरूरत है.
एआई की मदद से मूर्ख बनाते थे
डिजिटल वल्र्ड में आई नई तकनीकों ने ऐसे एप को धोखा देना आसान बना दिया है। अब इन एप से उधार लेने वाले लोग आर्टिफिशल इंटेलीजेंस (एआई) की मदद से इन्फॉर्मेशन पैक्स बना रहे हैं। इनमें सरकार द्वारा जारी आधार और पैन कार्ड, एक टेक्स्ट मैसेज फोल्डर, कॉन्टेक्ट लिस्ट और तस्वीरों से भरी गैलरी आपको मिल जाती है। इस फर्जी पहचान की मदद से लोग इन लोन एप पर अपनी प्रोफाइल बना ले रहे हैं.
फर्जी लोन एप से बचने का तरीका
-अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को समय-समय पर चेक करें.
-अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी को न बताएं.
-केवल सुरक्षित और विश्वसनीय प्लेटफॉर्म और मोबाइल एप का उपयोग करें.
-फिशिंग अटैक से खुद को सुरक्षित रखें.
-लोन सदैव आरबीआई द्वारा रजिस्टर्ड संस्था/एप से ही प्राप्त करेंं.
-लोन लेते समय कभी भी फोन का एक्ससेस या किसी प्रकार का परमिशन न दें.
किसी भी वेबसाइट या इंटरनेट पर दिख रहे लुभावने ऑफर्स से सावधान रहना बहुत जरूरी है। ये 17 फर्जी लोन एप बंद हुए हैं। बावजूद इसके अभी कई इस तरह के एप हैं। आरबीआई द्वारा रजिस्टर्ड संस्था/ एप से ही लोन लेने की कोशिश करेंं.
टी सरवनन, एडीसीपी, साइबर व अपराध