वाराणसी (ब्यूरो)एक महीना पहले से सज रहे पूजा पंडालों में सप्तमी से ही दर्शनार्थियों की भीड़ उमडऩी शुरू हो गई हैमां का दर्शन और एक झलक पाने के लिए शहर के नामी-गिरामी पूजा पंडालों में अनकंट्रोल भीड़ उमड़ती हैगैदरिंग से सड़कें जाम तो पूजा-पंडाल दर्शनार्थियों से ठसाठस रहती हैंइन पूजा पंडालों ने दर्शनार्थियों की सेफ्टी के लिए क्या इंतजाम किया गया है, इसको लेकर रियलिटी चेक किया गया तो हैरान करने वाला सच सामने आयाआपको विश्वास नहीं होगा कि 300 पूजा समितियों में से महज 89 पूजा समितियों ने अब तक फायर विभाग से एनओसी ली हैयानी 211 पूजा पंडालों में आग से निपटने के उपाय नहीं किए गए हैैंचाक-चौबंद व्यवस्था थी तो सिर्फ शहर के नामी-गिरामी पूजा पंडालों में, जहां फायर सिस्टम से लेकर इलेक्ट्रिक का खास इंतजाम किया गया हैमहिलाओं के लिए अलग वीवीआईपी मार्ग तो पुरुषों के लिए अलग मार्ग बनाया गया हैदर्शन के दौरान भीड़ अनकंट्रोल न हो, इसके लिए 50 से अधिक वालंटियर को तैनात किया गया हैसीसीटीवी कैमरा भी दस की संख्या में लगे हैैं.

सनातन धर्म में खास इंतजाम

सप्तमी से मां भगवती का दर्शन-पूजन करने के लिए दोपहर बाद से ही लोगों की भीड़ पूजा-पंडालों में आनी शुरू हो गईसनातन धर्म इंटर कॉलेज में हर बार की तरह इस बार भी इलेक्ट्रिकल शो देखने के लिए काफी भीड़ आती हैदर्शनार्थियों की भीड़ को देखते हुए इस बार सुरक्षा-व्यवस्था का खास इंतजाम किया गया हैसनातन धर्म इंटर कॉलेज के गेट के बाहर ही बैरिकेडिंग कर दो मार्ग बनाए गए हैंपहला मार्ग पुरुषों के लिए तो दूसरा मार्ग महिलाओं के लिए बनाया गया हैवहीं पीछे के रास्ते से निकास द्वार बनाया गया हैइसके चलते भीड़ कहीं भी जमा नहीं हो पा रही हैपंडाल के अंदर और बाहर फायर सेफ्टी का खास इंतजाम किया गया थातारों को भी व्यवस्थित किया गया हैमेले में अगर कोई खो जाता है तो इसके लिए खोया-पाया मंच भी बनाया गया हैइस मंच से लगातार एलाउंस भी किया जा रहा था कि सभी लाइन में आएं, रास्ते में भीड़ न लगाएं.

हथुआ मार्केट में बाहर से एंट्री, पीछे से एग्जिट

हथुआ मार्केट में हर बार की तरह इस बार भी खास पंडाल बनाया गया हैपंडाल को देखने को शहर ही नहीं पूर्वांचल के जिले से भी लोग आते हैंहर बार लाखों की भीड़ पंडाल को देखने के लिए उमड़ती हैइसको देखते हुए पंडाल में विशेष इंतजाम किया गया हैबाहर गेट के पास से ही बैरिकेडिंग कर छह मार्ग बनाए गए हैंपुरुषों और महिलाओं की इंट्री के लिए तीन-तीन मार्ग बनाए गए हैैंमां के दर्शन करने के बाद पीछे से निकासी की व्यवस्था की गई हैइससे पंडाल के अंदर भीड़ देखने को नहीं मिलापंडाल के अंदर आग न लग जाए इसका विशेष ध्यान रखा गया हैसीज फायर के अलावा बालू से भरी दस बाल्टी को भी रखा गया हैइसके अलावा जहां-जहां इलेक्ट्रिक तार दौड़ाया गया है, वहां पर कपड़े से बांध कर रखा गया है.

मच्छोदरी पंडाल में नहीं दिखी खामियां

पहले की अपेक्षा इस बार मच्छोदरी पार्क में बने पूजा पंडाल में दर्शनार्थियों के लिए पहले से खास इंतजाम किया गया हैइसके लिए वीवीआईपी मार्ग बनाया गया हैसाथ ही पूजा पंडालों में आग न लग जाए, इसके लिए फायर सेफ्टी का भी विशेष ध्यान दिया गया हैभक्तों को जाने के लिए सामने से मार्ग बनाया गया हैदाएं तरफ मार्ग निकलने के लिए बनाया गया है.

नार्मल पूजा पंडाल में नहीं दिखा इंतजाम

शहर में पूजा समितियों की संख्या करीब 300 के आसपास हैइनमें से चार पूजा पंडालों को छोड़कर बाकी नार्मल पंडाल बनाए गए हंैइन पंडालों में न तो फायर सेफ्टी का ध्यान रखा गया है और न ही दर्शनार्थियों के लिए मार्ग बनाया गया हैपांडेयपुर, प्रहलाद्घाट, लंका, सिगरा, मैदागिन, विशेश्वरगंज, दारानगर, पड़ाव, पांडेयपुर, पहडिय़ा, शिवपुर, लहरतारा, महमूरगंज समेत दर्जनों एरिया में बने पूजा पंडालों में फायर सेफ्टी का इंतजाम देखने को नहीं मिलाबालू से भरी बाल्टी नहीं रखी गई है और न ही सीज फायर का इक्वीपमेंट.

300 हो गईं पूजा समितियां

पिछले साल पूजा समितियों की संख्या 240 के आसपास थीनए वार्ड बनने के बाद पूजा समितियों की संख्या बढ़कर 300 के आसपास हो गई हैइनमें से 89 पूजा समितियों ने फायर डिपार्टमेंट से एनओसी ली है, बाकी पूजा समितियों ने एनओसी नहीं ली हैऐसे में अगर कोई घटना घटती है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी.

सभी जगह फायर की गाडिय़ां लगा दी गई हैंअब तक सिर्फ 89 पूजा समितियों ने ही एनओसी ली हैधीरे-धीरे लोगों के आवेदन आ रहे हैैं.

कमल देव तिवारी, लीडिंग फायरमैन